केरल के मंत्रियों, नेताओं ने तमिलनाडु के राज्यपाल को लेकर शीर्ष अदालत के फैसले की प्रशंसा की
वैभव सुरेश
- 08 Apr 2025, 03:44 PM
- Updated: 03:44 PM
तिरुवनंतपुरम, आठ अप्रैल (भाषा) केरल के मंत्रियों और सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चे के नेताओं ने मंगलवार को तमिलनाडु के राज्यपाल आर एन रवि के खिलाफ उच्चतम न्यायालय की तीखी आलोचना का स्वागत किया और कहा कि शीर्ष अदालत का फैसला केंद्र के लिए करारा जवाब है, जो कथित तौर पर राज्यपालों को अपने हथियार के रूप में इस्तेमाल करने की कोशिश करता है।
उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को एक ऐतिहासिक फैसले में 10 विधेयकों को राष्ट्रपति के विचारार्थ रोककर रखने के लिए तमिलनाडु के राज्यपाल रवि को कड़ी फटकार लगाई तथा राज्य विधानसभा द्वारा पारित विधेयकों पर राज्यपाल की कार्रवाई के लिए एक समय सीमा तय की।
न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर महादेवन की पीठ ने कहा, ‘‘दस विधेयकों को राष्ट्रपति के विचारार्थ सुरक्षित रखने का राज्यपाल का कदम गैरकानूनी और मनमाना है, इसलिए इसे खारिज किया जाता है।’’
फैसले की तारीफ करते हुए प्रदेश सरकार के मंत्रियों पी राजीव और के राजन ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने संविधान और लोकतंत्र को कायम रखा है।
राज्य के उद्योग और विधि मंत्री राजीव ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह उन राज्यपालों के खिलाफ एक स्पष्ट चेतावनी है जो लोकतंत्र विरोधी और संविधान विरोधी तरीकों से लोगों के फैसले को विफल करने की कोशिश करते हैं और (यह) केंद्र सरकार के खिलाफ चेतावनी भी है जो उन्हें उसी तरह से इस्तेमाल करने की कोशिश करती है।’’
केरल सरकार द्वारा राज्य के पूर्व राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के फैसलों के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में दायर इसी तरह के एक मामले का उल्लेख करते हुए मंत्री ने कहा कि राज्य द्वारा दी गई लगभग सभी दलीलें तमिलनाडु की याचिका में भी थीं।
राजस्व मंत्री राजन ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के फैसले ने साफ कर दिया है कि राज्यपाल के पास ‘अत्यधिक अधिकार’ नहीं हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘संविधान के मुताबिक राज्यपाल की जिम्मेदारी किसी लोकतांत्रिक सरकार पर नजर रखना और उसकी अगुवाई करना है।’’
माकपा के राज्यसभा सदस्य ए ए रहीम ने कहा कि शीर्ष अदालत का फैसला केंद्र सरकार के ‘मुंह पर तमाचे’ की तरह है।
आरएसपी नेता और सांसद एन के प्रेमचंद्रन ने शीर्ष अदालत के फैसले को ऐतिहासिक करार दिया, वहीं भाकपा के प्रदेश सचिव बिनय विस्वाम ने इसे भाजपा नीत केंद्र सरकार के लिए झटके वाला बताया।
भाषा वैभव