बचपन में मोटापा गंभीर समस्या, ऐसे माहौल की जरूरत जहां बच्चे को पौष्टिक भोजन मिले: मंत्री
खारी नेत्रपाल
- 08 Apr 2025, 04:20 PM
- Updated: 04:20 PM
नयी दिल्ली, आठ अप्रैल (भाषा) बचपन में मोटापे पर चिंता व्यक्त करते हुए केंद्रीय मंत्री सावित्री ठाकुर ने मंगलवार को कहा कि बच्चों द्वारा बहुत अधिक तैलीय भोजन का सेवन किए जाने से अति-पोषण और मोटापा गंभीर समस्या बन गए हैं।
महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री ने यह भी कहा कि सातवां पोषण पखवाड़ा एक सुपोषित भारत के सपने को साकार करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है और उन्होंने सभी हितधारकों से एक ‘‘स्वास्थ्य-केंद्रित माहौल’’ तैयार करने का आह्वान किया, जो यह सुनिश्चित करे कि कोई भी बच्चा भूखा न सोए और कोई भी मां पोषण से वंचित न रहे।
उन्होंने यहां पोषण पखवाड़े के उद्घाटन भाषण में कहा, ‘‘यह ‘सुपोषित भारत’ के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को पूरा करने में एक महत्वपूर्ण कदम है।’’
सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से व्यवहार और आदत में बदलाव पर जोर देते हुए ठाकुर ने कहा कि बच्चों द्वारा सेहत को नुकसान पहुंचाने वाले खाद्य पदार्थ और तैलीय भोजन का सेवन किए जाने से बचपन में मोटापा गंभीर समस्या बन गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘पोषण अब केवल कुपोषण तक सीमित नहीं रह गया है। अति-पोषण और मोटापा गंभीर समस्या बन गए हैं।’’
मंत्री ने कहा, ‘‘आजकल बच्चे बहुत अधिक तैलीय और गैर-पोषक भोजन का सेवन करते हैं, जिससे न केवल उनका वजन बढ़ता है बल्कि वे कई बीमारियों की चपेट में भी आ जाते हैं।’’
इस विषय पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की चिंताओं को दोहराते हुए ठाकुर ने सामूहिक प्रयास की जरूरत पर जोर दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें ऐसा माहौल बनाना होगा जहां बच्चे पौष्टिक भोजन का सेवन करें और नियमित रूप से खेल गतिविधियों में भाग लें। आइए, हम सब मिलकर यह सुनिश्चित करें कि कोई भी बच्चा भूखा न सोए, कोई भी मां पोषण से वंचित न रहे और हर परिवार को आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें।’’
मंत्री ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के अधिकारियों तथा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से घर-घर जाकर लोगों से संपर्क बढ़ाने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा, ‘‘इस पखवाड़े के दौरान, हम गांव-गांव जाएंगे, जागरूकता फैलाएंगे। हम सुनिश्चित करेंगे कि लोग पोषण ट्रैकर में निर्धारित मानदंडों का पालन करें।’’
इस वर्ष के पोषण पखवाड़े में चार प्रमुख विषयों पर जोर दिया जाएगा। इनमें जीवन के पहले 1000 दिनों पर ध्यान, पोषण ट्रैकर के लाभार्थी/नागरिक मॉड्यूल का प्रचार-प्रसार, सीएमएएम के माध्यम से कुपोषण का प्रबंधन और बच्चों में मोटापे की समस्या से निपटने के लिए स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देना शामिल होंगे।
मंत्री 18 भागीदार मंत्रालयों, राज्य महिला और बाल विकास विभागों के अधिकारियों और देशभर में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रही थीं।
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी पखवाड़े के पहले सप्ताह में अरुणाचल प्रदेश का दौरा करेंगी, ताकि राज्य में महिलाओं और बच्चों के लिए सहायता को मजबूत करने के उद्देश्य से जारी पहलों का मूल्यांकन किया जा सके।
व्यापक मिशन सक्षम आंगनबाड़ी और पोषण 2.0 के हिस्से के रूप में यह पहल स्वास्थ्य, तंदुरुस्ती के अलावा बीमारियों एवं कुपोषण के खिलाफ प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने पर केंद्रित है।
भाषा खारी