आईओसी ओड़िशा में पेट्रोरसायन परियोजना में 61,000 करोड़ रुपये निवेश करेगी
रमण अजय
- 08 Apr 2025, 05:36 PM
- Updated: 05:36 PM
नयी दिल्ली, आठ अप्रैल (भाषा) इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) के चेयरमैन ए एस साहनी ने कहा है कि कंपनी ओडिशा के पारादीप में 61,000 करोड़ रुपये के निवेश से एक वृहद पेट्रोरसायन परिसर स्थापित करेगी। दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था में पेट्रोरसायन की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए यह निवेश किया जाएगा।
आईओसी ने राज्य के निवेशक सम्मेलन में ओडिशा सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें पेट्रोरसायन परिसर में 61,077 करोड़ रुपये का निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई गई है।
आईओसी के अलावा, भारत की सबसे बड़ी तरलीकृत प्राकृतिक गैस आयातक पेट्रोनेट एलएनजी लि. ने राज्य के गोपालपुर बंदरगाह पर एलएनजी आयात टर्मिनल स्थापित करने के लिए 6,500 करोड़ रुपये का निवेश करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
रणनीतिक तेल भंडार स्थापित करने के लिए सरकार द्वारा गठित विशेष उद्देश्यीय कंपनी इंडियन स्ट्रैटेजिक पेट्रोलियम रिजर्व लि. ने 8,743 करोड़ रुपये की लागत से ओडिशा के चांदीखोल में 40 लाख टन भूमिगत भंडारण सुविधा स्थापित करने के लिए हस्ताक्षर किए हैं।
आईओसी का 61,077 करोड़ रुपये का निवेश किसी एक स्थान पर कंपनी का अब तक का सबसे बड़ा निवेश होगा। कंपनी पहले से ही पारादीप में 1.5 करोड़ टन सालाना क्षमता वाली तेल रिफाइनरी का संचालन कर रही है।
साहनी ने कहा कि नेफ्था क्रैकर 2029 तक चालू हो जाएगा। यह प्लास्टिक, तकनीकी वस्त्र और ऐसे अन्य रसायनों को बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाला कच्चा माल बनाएगा।
उन्होंने कहा कि भारत की पेट्रोरसायन मांग वर्तमान में 3.0 करोड़- 3.5 करोड़ टन से बढ़कर 2040 तक आठ करोड़ टन हो जाने की संभावना है। ऐसे में देश को हर दो साल में एक नए क्रैकर की आवश्यकता है।
प्रस्तावित परिसर में एक दोहरे फीड क्रैकर और संबंधित इकाइयां होंगी, जो फेनॉल, पॉलिप्रोपाइलीन (पीपी), आइसोप्रोपिल अल्कोहल (आईपीए), उच्च घनत्व पॉलीइथिलीन (एचडीपीई), कम घनत्व पॉलिइथिलीन (एलएलडीपीई) और पॉलिविनाइल क्लोराइड (पीवीसी) सहित पेट्रोरसायन की एक विस्तृत श्रृंखला का उत्पादन करेंगी।
ये उत्पाद औषधि, कृषि रसायन और कोटिंग्स जैसे विशेष रासायनिक क्षेत्रों के लिए कच्चे माल के रूप में काम करेंगे। इससे आयात निर्भरता में काफी कमी आएगी।
इस मौके पर, पेट्रोलियम मंत्री मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि भारतीय रसायन और पेट्रोरसायन क्षेत्र का बाजार आकार वर्तमान में 18 लाख करोड़ रुपये (220 अरब डॉलर) है और वर्ष 2040 तक 85 लाख करोड़ रुपये (1,000 अरब डॉलर) तक पहुंचने की संभावना है।
उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, विभिन्न रासायनिक उत्पादों की प्रति व्यक्ति खपत विकसित अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में काफी कम है और यह अंतर मांग वृद्धि और निवेश के अवसरों के लिए पर्याप्त अवसर प्रदान करता है।’’
सरकार ने रासायनिक और पेट्रोरसायन क्षेत्र की अहमियत को समझते हुए उद्योग के विकास में तेजी लाने के लिए कई महत्वपूर्ण पहल की हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘रसायन और पेट्रोरसायन क्षेत्र में भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र में बदलने की क्षमता है। ओडिशा का रणनीतिक स्थान दक्षिण पूर्व एशिया और अन्य देशों को निर्यात के लिए प्रवेश द्वार के रूप में इसकी क्षमता को और मजबूत करता है।’’
पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि आईओसी ने अब तक पारादीप तेल रिफाइनरी और उसके समीप रासायनिक कारखाने में लगभग 55,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है। रिफाइनरी पेट्रोरसायन परिसर के लिए कच्चा माल उपलब्ध कराएगी।
उन्होंने कहा, ‘‘पारादीप पेट्रोरसायन परिसर पासा पलटने वाला साबित होगा, जो पूरे पूर्वी क्षेत्र में औद्योगिक विकास और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देगा। पारादीप पेट्रोरसायन परियोजना रसायन और पेट्रोरसायन क्षेत्र में आयात में कमी लाएगी। यह परियोजना विदेशी मुद्रा में सालाना 30,000 करोड़ रुपये से अधिक की बचत करेगी...।’’
पेट्रोनेट ने भारत के पूर्वी तट पर अपना पहला एलएनजी टर्मिनल स्थापित करने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
कंपनी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी ए.के. सिंह ने कहा कि कंपनी ने गोपालपुर में भूमि आधारित 50 लाख टन सालाना क्षमता का आयात टर्मिनल स्थापित करने का निर्णय लिया है।
भाषा रमण