मणिपुर: वक्फ संशोधन अधिनियम के विरोध में निकाली गईं रैलियां
जितेंद्र सुरेश
- 08 Apr 2025, 06:06 PM
- Updated: 06:06 PM
इंफाल, आठ अप्रैल (भाषा) मणिपुर के इंफाल ईस्ट और बिष्णुपुर जिलों में वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ मंगलवार को रैलियां निकाली गईं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
बिष्णुपुर जिले के क्वाकता में प्रदर्शनकारियों ने वक्फ संशोधन अधिनियम को तत्काल वापस लेने की मांग करते हुए नारे लगाए और चार किलोमीटर तक मार्च किया।
विरोध मार्च में बुर्का पहने कई महिलाएं भी शामिल हुईं।
प्रदर्शनकारी मोहम्मद नासिर ने कहा, “वक्फ अधिनियम संविधान का उल्लंघन करता है। यह अल्पसंख्यक मुसलमानों को निशाना बनाता है और एकजुट भारत की भावना को तोड़ने वाला कदम है। हम इस अधिनियम और हमारी पुश्तैनी संपत्तियों को हड़पने की सरकार की साजिश की निंदा करते हैं।”
इंफाल पूर्वी जिले के खुमिडोक में प्रदर्शनकारियों ने वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ मानव शृंखला बनाई और इसे तत्काल वापस लेने की मांग की।
अधिकारियों ने बताया कि वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर मणिपुर के थौबल जिले के मुस्लिम बहुल लिलोंग क्षेत्र में दंगा-रोधी उपकरणों के साथ सुरक्षा बलों को तैनात किया गया था।
उन्होंने बताया कि इंफाल पूर्वी जिले के कुछ हिस्सों में भी चौकसी बढ़ा दी गई है।
पुलिस अधीक्षक (थौबल) द्वारा जारी एक आदेश में बताया गया, “सुरक्षा बलों को आंसू गैस के गोले, बेंत, बॉडी प्रोटेक्टर और हेलमेट सहित दंगा-रोधी उपकरणों से लैस किया गया है।”
अधिकारियों ने बताया कि एहतियात के तौर पर स्थानीय विधायक अब्दुल नासिर के आवास पर भी सुरक्षाकर्मियों की संख्या बढ़ा दी गई है।
रविवार रात को लिलोंग में भीड़ ने वक्फ संशोधन अधिनियम का कथित तौर पर समर्थन करने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अल्पसंख्यक मोर्चा के मणिपुर इकाई के अध्यक्ष असकर अली के घर को आग के हवाले कर दिया था।
घटना के बाद जिला प्रशासन ने सोमवार को लिलोंग विधानसभा क्षेत्र में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी।
अली ने शनिवार को सोशल मीडिया मंच पर वक्फ संशोधन अधिनियम, 2025 के लिए समर्थन जताया था।
उन्होंने रविवार रात की घटना के बाद अपने पहले के बयान के लिए कथित तौर पर माफी मांगी और अधिनियम की निंदा की।
इंफाल घाटी के विभिन्न हिस्सों में भी रविवार को इस अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए थे।
भाषा जितेंद्र