आईएमडी के ‘येलो अलर्ट’ जारी करने के बाद डॉक्टरों ने स्वास्थ्य संबंधी जोखिमों की दी चेतावनी
राजकुमार नरेश
- 08 Apr 2025, 06:30 PM
- Updated: 06:30 PM
नई दिल्ली, आठ अप्रैल (भाषा) दिल्ली में पारा चढ़ने के बीच चिकित्सकों ने चेतावनी दी है कि अत्यधिक गर्मी के फलस्वरूप ज्यादा पसीना निकलने और लवण की कमी के कारण हल्के चकत्ते और मांसपेशियों में ऐंठन से लेकर थकान और लू लगने(हीटस्ट्रोक) जैसी गंभीर स्थिति तक कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
दिल्ली में सोमवार को पहली बार लू दर्ज की गई और अधिकतम तापमान 40.2 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। शहर में फिलहाल ‘येलो अलर्ट’ जारी किया है, जो बुधवार तक जारी रहेगा।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के कलर कोड में, ‘पीले रंग (येलो अलर्ट)’ का अर्थ होता है कि ‘सचेत रहें’। इसमें लोगों को गर्मी के संपर्क में आने से बचने, हल्के, रंग के और ढीले सूती कपड़े पहनने और अपने सिर को ढकने की सलाह दी जाती है।
इन परिस्थितियों में बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं तथा हृदय या गुर्दे की बीमारी जैसी बीमारियों से पीड़ित व्यक्तियों को अधिक खतरा होता है।
पटपड़गंज स्थित ‘मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल’ के वरिष्ठ निदेशक (आंतरिक चिकित्सा) डॉ. मुकेश मेहरा ने कहा कि अत्यधिक गर्मी शरीर की प्राकृतिक शीतलन प्रणाली को प्रभावित कर सकती है, जिसके गंभीर स्वास्थ्य परिणाम हो सकते हैं।
उन्होंने बताया, ‘‘ लू लगना गर्मी से संबंधित बीमारी का सबसे गंभीर रूप है। यह तब होता है जब शरीर का तापमान 104 डिग्री फॉरेनहाइट से अधिक हो जाता है। यह अक्सर भ्रम, शुष्क और गर्म त्वचा, दिल की धड़कन तेज और यहां तक कि दौरे जैसे लक्षणों के साथ प्रकट होता है। अन्य लक्षणों में चक्कर आना, सिरदर्द, मतली और उल्टी शामिल हैं।’’
मेहरा ने कहा, ‘‘ऐसी स्थितियों में, मस्तिष्क और हृदय जैसे महत्वपूर्ण अंगों पर ठंडक कम होने और रक्त प्रवाह में बदलाव (पुनर्निर्देशित होने) के कारण दबाव पड़ सकता है। इन लक्षणों को समय रहते पहचानना और तत्काल चिकित्सा सहायता लेना जीवन के लिए खतरा पैदा करने वाली जटिलताओं को रोकने की दृष्टि से आवश्यक है।’’
‘यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज (यूसीएमएस)’ और गुरु तेगबहादुर अस्पताल (जीटीबी) अस्पताल में सामुदायिक चिकित्सा के रेजिडेंट डॉक्टर रजत शर्मा ने कहा कि जब तापमान विशेष रूप से अधिक होता है, तो अत्यधिक गर्मी के संपर्क में आने से कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
उन्होंने कहा कि अत्यधिक पसीने और इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी के कारण होने वाली ‘चकत्ते’ और मांसपेशियों में ऐंठन के अलावा चक्कर आना, थकान, बहुत अधिक पसीना आना और मतली हो सकती है।
डॉक्टरों ने लोगों को सलाह दी है कि वे खूब पानी पिएं, तेज धूप के दौरान बाहर न निकलें और हल्के, हवादार कपड़े पहनें।
डॉ. शर्मा ने कहा,‘‘अगर किसी में गर्मी से संबंधित बीमारी के लक्षण दिखते हैं, तो उसे तुरंत छायादार या ठंडी जगह पर ले जाना चाहिए।’’
भाषा
राजकुमार