भाजपा में अस्पृश्यता, जातिगत भेदभाव करने वालों के लिए कोई जगह नहीं: राठौड़
पृथ्वी रंजन
- 08 Apr 2025, 06:31 PM
- Updated: 06:31 PM
जयपुर, आठ अप्रैल (भाषा) भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने मंगलवार को कहा कि पार्टी में किसी भी प्रकार की अस्पृश्यता करने वाले तथा जाति, लिंग या मजहब के आधार पर भेदभाव करने वालों के लिए जगह नहीं है।
राठौड़ का यह बयान पार्टी के पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा द्वारा अलवर में एक मंदिर के 'शुद्धिकरण' को लेकर विवाद में आने के बाद आया है।
उन्होंने कहा कि आहूजा के बयान और कृत्य के बाद उन्हें पार्टी ने तत्काल प्रभाव से सदस्यता से निलंबित कर दिया, इसके साथ ही उन्हें कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है।
उन्होंने कहा कि आहूजा का यह कृत्य घोर अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है।
राठौड़ ने कहा, 'कांग्रेसी नेताओं के पास कोई मुद्दा नहीं बचा तो वे बिना वजह इस मामले को तूल देने का कार्य कर रहे है। आहूजा के बयान के बाद पार्टी ने जब तत्काल कार्रवाई कर दी तो इस मामले पर राजनीति नहीं करनी चाहिए थी। अब कांग्रेस के पास कोई काम बचा ही नहीं क्या।’
आहूजा ने सोमवार को अलवर के राम मंदिर में गंगाजल छिड़ककर ‘शुद्धिकरण’ किया जहां एक दिन पहले हुए प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में कांग्रेस के नेता टीकाराम जूली ने भाग लिया था।
भाजपा नेता ने कहा, ‘कांग्रेस नेताओं को ऐसे समारोहों में शामिल होने का कोई ‘नैतिक अधिकार’ नहीं है, क्योंकि उनके पार्टी आलाकमान ने भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल उठाया था।
हालांकि उन्होंने दावा किया कि उनके कृत्य में “दलित” वाला कोई मामला नहीं था। लेकिन अपने इस कृत्य को लेकर आहूजा कांग्रेस पार्टी के निशाने पर आ गए। पार्टी ने भाजपा नेता के बयान को 'दलित विरोधी मानसिकता का नमूना बताया है।'
एक सवाल के जवाब में राठौड़ ने कहा कि भाजपा अल्पसंख्यकों के कल्याण और उत्थान के लिए निरंतर कार्य कर रही है 'लेकिन कुछ अल्पज्ञान वाले लोगों के चलते हमारी मेहनत खराब हो जाती है। ऐसे में मेरा सभी से आह्वान है कि किसी भी तरह का कृत्य करने या बयान जारी करने से पहले हमें पार्टी की विचारधारा और कार्यशैली को समझने की जरूरत है।'
राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस नेता उस्मान खान द्वारा जयपुर में मंदिर के बाहर खड़े लोगों के ऊपर कार चढ़ाने के मामले को कांग्रेस पार्टी गंभीरता से ले।
उन्होंने कहा, 'लेकिन इस विषय पर बोलने की बजाय, जो मुद्दा नहीं है, उसे तूल दिया जा रहा है।'
भाषा पृथ्वी