दहेज मौत के मामले में पीड़िता ने किस स्थान पर आत्महत्या की, उसका महत्व नहीं : अदालत
राजकुमार माधव
- 08 Apr 2025, 06:54 PM
- Updated: 06:54 PM
नयी दिल्ली, आठ अप्रैल (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने यह कहते हुए एक व्यक्ति को जमानत देने से मना कर दिया कि दहेज मौत के संबंध में इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि महिला ने जहां आत्महत्या की, वह मायका था या ससुराल।
न्यायमूर्ति गिरीश कठपालिया ने कहा कि भारतीय दंड संहिता की धारा 304बी (दहेज मृत्यु) के प्रावधान की उद्देश्यपूर्ण व्याख्या के लिए विवाह के अस्तित्व और निरंतरता को ध्यान में रखना होगा, न कि उस स्थान को, जहां महिला आत्महत्या करने से पहले चली गई थी।
अदालत ने सात अप्रैल को सुनाये अपने फैसले में कहा, ‘‘ एक उत्पीड़ित महिला जहां पर आत्महत्या करने के लिए मजबूर होती है, उस स्थान का कोई महत्व नहीं है। भारतीय दंड संहिता की धारा 304 बी के तहत प्रावधान की उद्देश्यपूर्ण व्याख्या के लिए, विवाह के अस्तित्व और निरंतरता को ध्यान में रखना होगा, न कि उस स्थान को जहां महिला आत्महत्या करने से पहले चली जाती है।’’
उच्च न्यायालय ने इसलिए एक व्यक्ति को जमानत देने से मना कर दिया। यह व्यक्ति अपनी पत्नी की आत्महत्या के बाद अपने ससुराल वालों की शिकायत पर दहेज मौत के मामले में अभियोजन का सामना कर रहा है।
याचिकाकर्ता ने दावा किया कि दहेज मौत का अपराध नहीं बनता क्योंकि उसकी पत्नी की मौत उसके मायके में हुई थी न कि उसके ससुराल में।
उसने यह दलील भी दी कि जब वह अपने मायके चली गई और वहां उसने आत्महत्या कर ली तो दहेज उत्पीड़न का कोई आरोप उसपर नहीं लगाया जा सकता।
यह दलील खारिज करते हुए न्यायमूर्ति कठपालिया ने कहा, ‘‘ सिर्फ इसलिए कि महिला ने अपने मायके में आत्महत्या की, अपने वैवाहिक घर (ससुराल)में नहीं, (इस तथ्य के आधार पर) वह अपने को इस बात के लिए आश्वस्त करने में असमर्थ हैं कि यह दहेज हत्या का मामला नहीं है।’’
अभियोजन पक्ष के अनुसार, दोनों की 22 फरवरी, 2023 को शादी हुई थी और तभी से महिला के पति एवं उसके ससुराल पक्ष के लोगों दहेज को लेकर पीड़िता को परेशान करना शुरू कर दिया।
उसने कहा कि शादी के कुछ दिनों बाद महिला अपने मायके लौट आई और अलग हुए पति से फोन कॉल के जरिए संपर्क में रही।
अभियोजन पक्ष ने कहा कि दोनों के बीच आखिरी बार 23 अप्रैल, 2023 को बातचीत हुई थी और 27 अप्रैल, 2023 को महिला ने आत्महत्या कर ली।
भाषा
राजकुमार