पंजाब : पाक से लगती सीमा पर आईईडी विस्फोट में बीएसएफ का जवान घायल, अलर्ट जारी
धीरज माधव
- 09 Apr 2025, 08:26 PM
- Updated: 08:26 PM
नयी दिल्ली/अमृतसर, नौ अप्रैल (भाषा)पंजाब में भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बाड़ से थोड़ा पहले मंगलवार देर रात को संवर्धित विस्फोटक उपकरण (आईईडी) में हुए धमाके में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का एक जवान ‘गंभीर रूप से’ घायल हो गया। बल ने एक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी।
बल ने बताया कि इस सीमा पर यह पहला मामला है जिसमें किसी को मारने और घायल करने के लिए विस्फोटकों और छर्रों के खतरनाक मिश्रण का इस्तेमाल किया गया।
बीएसएफ ने बताया कि बल का एक दल रात के समय बाड़ के इस पार ‘क्षेत्रीय नियंत्रण’ गश्त कर रहा था, तभी उसे भारतीय क्षेत्र में ‘कई’ आईईडी लगाए जाने की जानकारी मिली।
बल की ओर से जारी बयान के मुताबिक कि तलाशी के दौरान, छिपाए गए कुछ आईईडी के विस्फोटक उपकरण गलती से फट गए, जिसके परिणामस्वरूप बीएसएफ जवान के पैर में गंभीर चोट आई।
यह घटना गुरदासपुर जिले के दोरंगला गांव के पास मंगलवार देर रात करीब एक बजे हुई। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने पंजाब से लगती 532 किलोमीटर अंतरराष्ट्रीय सीमा क्षेत्र में अलर्ट जारी कर दिया है और विस्फोट वाले क्षेत्र के आसपास खेती पर रोक लगा दी है।
बीएसएफ उप महानिरीक्षक (पंजाब फ्रंटियर) ए के विद्यार्थी ने बताया, ‘‘लगभग दो-दो किलोग्राम के दो आईईडी और एक विस्फोटक उपकरण छिपाया गया था।’’ उन्होंने बताया कि एक आईईडी में उस समय धमाका हो गया जब जवान का गलती से पैर उसपर पड़ गया, जबकि दूसरी आईईडी को बीएसएफ की बम निरोधक टीम ने सुबह होने पर निष्क्रिय कर दिया।
सूत्रों ने बताया कि विस्फोट के कारण कांस्टेबल रैंक के जवान के पैर में चोटें आईं और उसका एक पैर का अंगूठा उड़ गया। उन्होंने बताया कि जवान की हालत अब स्थिर है।
सूत्रों के मुताबिक बीएसएफ इस मामले को सीमा पार अपने समकक्षों पाकिस्तान रेंजर्स के समक्ष उठाएगा और विरोध पत्र जारी करेगी, क्योंकि इस विस्फोटक में ‘‘सेना की तरह सटीकता’’के संकेत मिले हैं।
बल ने धातु की चादरें, विस्फोटक को ढकने के लिए हरे रंग की प्लास्टिक और ऐसे बमों में धमाका करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले कॉर्डटेक्स तार बरामद किए हैं।
सुरक्षा अधिकारियों ने कहा कि टिफिन बॉक्स जैसी दिखने वाली आईईडी को करीब 3-4 दिन पहले लगाया गया था और यह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की छह अप्रैल को हुई जम्मू यात्रा के दौरान स्थानीय किसानों को नुकसान पहुंचाने के लिए लगाया गया हो सकता है। गुरदासपुर जिला जम्मू से सटा हुआ है।
बल के सूत्रों ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि बल स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर ‘‘तकनीकी और फोरेंसिक’’ जांच कर रहा है।
गश्ती दल का उद्देश्य क्षेत्र पर नियंत्रण रखना तथा सैनिकों, रक्षा कर्मियों और स्थानीय किसानों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है, जो दिन के समय अक्सर इस मार्ग से गुजरते हैं।
बीएसएफ ने कहा कि अंतर्निहित जोखिमों के बावजूद, जवानों ने अपना अभियान जारी रखा, सफलतापूर्वक क्षेत्र को सुरक्षित किया और बल कर्मियों तथा किसानों के लिए संभावित ‘बड़े’ हादसे को रोका।
पंजाब स्थित बीएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि गुरदासपुर क्षेत्र में सीमा पार से ड्रोन की गतिविधियां देखी गई हैं जिनके जरिये पाकिस्तान से हथियारों की तस्करी की जाती है, लेकिन आईईडी निश्चित रूप से नया मामला है।
अधिकारी ने कहा, ‘‘यह पहली बार है कि इस क्षेत्र में या पंजाब सीमा पर कहीं भी या अंतरराष्ट्रीय सीमा के पूरे 2,289 किलोमीटर क्षेत्र में आईईडी हमला हुआ है। यह इस मोर्चे पर एक नया खतरा है।’’
एक अन्य बीएसएफ अधिकारी ने बताया कि 1965 और 1971 के युद्धों के दौरान और 2001 में संसद पर हमले के बाद जब भारत ने अपने सुरक्षा बलों को पाकिस्तान की सीमा पर भेजा था, तब ‘ऑपरेशन पराक्रम’ के दौरान भारत और पाकिस्तान दोनों सेनाओं ने बारूदी सुरंगें बिछाई थीं।
उन्होंने बताया कि न बारूदी सुरंगों को चिह्नित करके निष्क्रिय कर दिया गया था, लेकिन आईईडी का कभी इस्तेमाल नहीं किया गया।
बीएसएफ के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस घटना के मद्देनजर बल ने सीमा पर पैदल और घोड़े पर बैठकर की जाने वाली गश्त की अपनी रणनीति में बदलाव करने का निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों को पंजाब और अन्य स्थानों पर अंतरराष्ट्रीय सीमा पर गश्त करते समय अब से ‘बहुत सावधान’ रहने की जरूरत है।
अधिकारी ने कहा कि पुलिस स्थानीय पुलिस में भी शिकायत दर्ज कराएगी।
बीएसएफ ने बयान में कहा कि ‘‘कर्मियों द्वारा प्रदर्शित बहादुरी से न केवल एक बड़ी घटना टल गई, बल्कि अनगिनत नागरिकों की जान भी बच गई।’’
भाषा धीरज