वक्फ भूमि विवाद को लेकर भाजपा ने कांग्रेस पर निशाना साधा, मुनंबम आंदोलन का हवाला दिया
सुरभि माधव
- 09 Apr 2025, 06:52 PM
- Updated: 06:52 PM
कोच्चि, नौ अप्रैल (भाषा) कोच्चि के उपनगर मुनंबम के लोगों के नाम पर एक गिरजाघर के सामने कांग्रेस नेताओं के विरोध में लगाए गए होर्डिंग का इस्तेमाल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस द्वारा की जा रही ‘‘तुष्टिकरण की राजनीति’’ को उजागर करने के लिए किया है। इस होर्डिंग में कांग्रेस सांसदों के उस स्थल में प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की घोषणा की गई है।
स्थानीय निवासी अपनी जमीन पर वक्फ बोर्ड के दावे के खिलाफ पिछले कई महीने से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, जिसमें अधिकतर ईसाई समुदाय के लोग हैं। उनका आरोप है कि वक्फ बोर्ड उनकी जमीन और संपत्ति पर अवैध रूप से दावा कर रहा है, जबकि उनके पास पंजीकृत दस्तावेज और भूमि कर भुगतान की रसीदें हैं।
निवासी क्रमिक भूख हड़ताल पर हैं। उन्होंने केरल के कांग्रेस सांसदों से संसद द्वारा पारित वक्फ (संशोधन) विधेयक का समर्थन करने का अनुरोध किया था। कांग्रेस द्वारा विधेयक का विरोध किए जाने से वे नाराज हैं।
भाजपा की केरल इकाई के अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने अपने ‘फेसबुक’ पेज पर होर्डिंग की तस्वीरें पोस्ट कीं। होर्डिंग पर लिखा है: ‘‘(केरल में) मात्र 30 प्रतिशत वोट बैंक की चाहत में कांग्रेस सांसदों ने भारत के संसद में केसीबीसी (केरल कैथोलिक बिशप काउंसिल) की बार-बार की गई अपील की अनदेखी करके 610 परिवारों को धोखा दिया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस महत्वपूर्ण संशोधन का लगातार विरोध करने वाले अन्य कांग्रेस नेता भी समान रूप से जवाबदेह हैं। अब से उनमें से किसी को भी इस प्रदर्शन स्थल में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है।’’
चंद्रशेखर ने कहा कि अब समय आ गया है कि सभी केरलवासी केरल में ‘‘तुष्टिकरण की राजनीति’’ को बदलने के लिए एक साथ आएं क्योंकि ‘‘तुष्टिकरण की राजनीति’’ के कारण गरीबों को परेशानी होती है और उनकी आवाज को अनदेखा किया जाता है।
उन्होंने कहा कि केरलवासियों को ‘‘निश्चित रूप से नेताओं को सभी लोगों की सेवा करने, सभी लोगों की समस्याओं का समाधान करने और केवल एक समुदाय को खुश करने के बारे में राजनीति नहीं करने के लिए जवाबदेह बनाना चाहिए। सबका साथ, सबके लिए।’’
भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि दशकों से कांग्रेस और वामपंथी राजनीति ने लोगों को विचलित करने और ‘केरल’ को आर्थिक एवं विकास के मोर्चे पर संकट में ले जाने के लिए ‘‘सांप्रदायिक भय के जहर’’ का इस्तेमाल किया है। कोई निवेश नहीं, कोई नौकरी नहीं और चुनावी वादे अधूरे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हम ऐसा केरल नहीं चाहते जहां तुष्टिकरण बढ़ रहा हो। हम ऐसा केरल चाहते हैं जहां सभी के लिए निवेश, नौकरियां और अवसर हों। हमारे केरल को बदलाव की जरूरत है। राजनीति बदलनी चाहिए और केरल बदलेगा।’’
भाषा सुरभि