कर्नाटक में भाजपा के 18 विधायकों ने विधानसभाध्यक्ष से निलंबन वापस लेने का आग्रह किया
आशीष सुरेश
- 09 Apr 2025, 07:26 PM
- Updated: 07:26 PM
बेंगलुरु, नौ अप्रैल (भाषा) कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 18 विधायकों ने बुधवार को दावा किया कि विधानसभा से उन्हें छह महीने के लिए निलंबित करने का अध्यक्ष यू टी खादर का फैसला ‘‘नियमों का उल्लंघन’’ और ‘‘कानून के अनुरूप नहीं’’ है। विधायकों ने उनसे निलंबन पर पुनर्विचार करने और उसे वापस लेने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा में भी विधायकों को इसी तरह निलंबित किया गया था, जिसे उच्चतम न्यायालय ने ‘‘अतार्किक’’ बताया था।
विधायकों ने कहा कि वे न्यायालय का रुख करने के बजाय अध्यक्ष को अपने पास निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए निलंबन पर पुनर्विचार करने और उसे वापस लेने के लिए याचिका दायर करेंगे।
भाजपा के 18 विधायकों को 21 मार्च को ‘‘अनुशासनहीनता’’ और अध्यक्ष का ‘‘अनादर’’ करने के आरोप में छह महीने के लिए निलंबित कर दिया गया था। सदन से बाहर जाने से इनकार करने पर उन्हें मार्शलों द्वारा जबरन बाहर निकाल दिया गया।
भाजपा विधायक सी एन अश्वथ नारायण ने कहा, ‘‘हमने विधानसभा अध्यक्ष द्वारा 18 भाजपा विधायकों को निलंबित करने के फैसले और इस मुद्दे को हल करने के तरीकों पर चर्चा की। हमें विधानसभा में कार्यवाही के नियम 348 के तहत निलंबित किया गया, जो किसी सदस्य का नाम लेने और चेतावनी देने या उन्हें एक दिन के लिए या सत्र के अंत तक निलंबित करने की अनुमति देता है।’’
अन्य विधायकों के साथ मौजूद नारायण ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘‘विधायकों को छह महीने के लिए निलंबित करना नियमों का उल्लंघन है और कानून के अनुरूप नहीं है, क्योंकि नियम 348 इसकी अनुमति नहीं देता है।’’
महाराष्ट्र में इसी तरह के एक मामले का जिक्र करते हुए पूर्व उपमुख्यमंत्री नारायण ने कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा के नियम 53 के तहत 12 विधायकों को एक साल के लिए निलंबित कर दिया गया, जबकि नियम के अनुसार निलंबन केवल सत्र के अंत तक ही हो सकता था। विधायकों ने उच्चतम न्यायालय में अपील की, जिसने निलंबन को ‘‘अतार्किक’’ करार दिया और बाद में इसे वापस ले लिया गया।
निलंबन की यह घटना विधानसभा के बजट सत्र के आखिरी दिन हुई, जब भाजपा विधायकों ने बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया। उन्होंने सार्वजनिक निविदाओं में मुसलमानों के लिए चार प्रतिशत आरक्षण का विरोध किया और सहकारिता मंत्री के एन राजन्ना से जुड़े कथित ‘‘हनी-ट्रैप’’ प्रयास की न्यायिक जांच की मांग की।
प्रदर्शन के दौरान कुछ भाजपा विधायक अध्यक्ष के आसन पर चढ़ गए और उनकी कुर्सी को घेर लिया, जबकि अन्य ने विरोध करते हुए कागज फेंके।
निलंबित विधायकों में भाजपा के मुख्य सचेतक डोड्डानगौड़ा पाटिल, पूर्व उपमुख्यमंत्री अश्वथ नारायण, एसआर विश्वनाथ, बीए बसवराजू, एमआर पाटिल, चन्नबसप्पा, बी सुरेश गौड़ा, उमानाथ कोट्यान, शरणु सालगर, डॉ. शैलेन्द्र बेलदाले, सीके राममूर्ति, यशपाल सुवर्ण, बीपी हरीश, भरत शेट्टी, धीरज मुनिराजू, चंद्रू लमानी, मुनिरत्न और बसवराज मत्तिमुद शामिल हैं।
भाषा आशीष