मुंबई आतंकवादी हमले के आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य
देवेंद्र अविनाश
- 09 Apr 2025, 07:30 PM
- Updated: 07:30 PM
नयी दिल्ली, नौ अप्रैल (भाषा) मुंबई आतंकवादी हमला मामले के आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा को बहुत जल्द अमेरिका से भारत प्रत्यर्पित किए जाने की संभावना है। राणा के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य इस प्रकार हैं:
1. तहव्वुर हुसैन राणा कौन है?
राणा (64) पाकिस्तान में जन्मा कनाडाई नागरिक है और 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक अमेरिकी नागरिक डेविड कोलमैन हेडली उर्फ दाऊद गिलानी का करीबी सहयोगी है।
उसका जन्म पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के साहीवाल जिले के चिचावतनी शहर में हुआ था।
पाकिस्तान में चिकित्सा की पढ़ाई करने के बाद उसने पाकिस्तानी सेना की मेडिकल कोर में काम किया।
राणा 1990 के दशक के अंत में पाकिस्तानी सेना छोड़कर कनाडा चला गया और बाद में उसे कनाडा की नागरिकता मिल गई।
उसने अपने ‘फर्स्ट वर्ल्ड इमिग्रेशन सर्विसेज’ उद्यम के माध्यम से आव्रजन सेवा प्रदाता का अपना व्यवसाय शुरू किया। इसके बाद राणा अमेरिका चला गया और शिकागो में अपना कार्यालय स्थापित किया।
2. राणा हेडली के संपर्क में कैसे आया?
सुरक्षा एजेंसी के अधिकारियों का कहना है कि हेडली, राणा के बचपन का दोस्त है।
उसके जन्म के कुछ समय बाद हेडली का परिवार पाकिस्तान चला गया, जहां अटक जिले के हसन अब्दल शहर के एक स्कूल में उसकी पढ़ाई हुई। वहीं, हेडली की राणा से दोस्ती हुई।
3. वर्ष 2008 में 26 नवंबर को मुंबई आतंकवादी हमला मामले में राणा की क्या संलिप्तता है?
राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने 11 नवंबर, 2009 को हेडली, राणा और अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, और आतंकवाद रोधी सार्क संधि अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया।
शिकागो, इलिनोइस निवासी हेडली और राणा ने पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूहों लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और हरकत-उल जिहादी इस्लामी (एचयूजेआई) के सदस्यों के साथ मिलकर नयी दिल्ली और भारत के अन्य स्थानों पर आतंकवादी हमले की आपराधिक साजिश रची थी।
साल 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों में छह अमेरिकियों समेत कुल 166 लोग मारे गए थे। इन हमलों को 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों ने अंजाम दिया था।
नवंबर 2012 में, पाकिस्तानी समूह के एकमात्र जीवित आतंकवादी अजमल आमिर कसाब को पुणे की यरवदा जेल में फांसी दे दी गई थी।
जांच एजेंसी के अधिकारियों ने कहा कि राणा ने हेडली को भारत के लिए वीजा दिलाने में मदद की थी।
आरोप है कि राणा को हेडली के आतंकी संबंधों की जानकारी थी और उसने मुंबई में लक्ष्यों की टोह लेने तथा नयी दिल्ली में ‘नेशनल डिफेंस कॉलेज’ और मुंबई में चबाड हाउस पर हमलों की साजिश रचने में भी मदद की थी।
अधिकारियों ने बताया कि हेडली जून 2006 में अमेरिका गया था और राणा से मिला था।
4. राणा के प्रत्यर्पण के बाद आगे क्या होगा?
जांच एजेंसी के अधिकारियों ने कहा कि 26/11 हमलों के पीछे पाकिस्तानी सरकारी तत्वों की भूमिका का पता लगाने के लिए राणा को आगे की पूछताछ की खातिर उचित कानूनी प्रक्रिया के बाद एनआईए की हिरासत में रखा जा सकता है। उससे पूछताछ से जांच में कुछ नया खुलासा हो सकता है।
ऐसा माना जा रहा है कि अधिकारी उसे तिहाड़ जेल की अत्यधिक सुरक्षित कोठरी में रखने के विकल्प पर भी विचार कर रहे हैं।
5. राणा अब अमेरिका में क्यों और कहां है?
राणा फिलहाल लॉस एंजिल्स के एक मेट्रोपोलिटन हिरासत केंद्र में बंद है।
अमेरिका के संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) ने हमलों के एक साल बाद अक्टूबर 2009 में शिकागो में राणा को कोपेनहेगन (डेनमार्क) में एक समाचार पत्र के कार्यालय पर हमला करने की असफल कोशिश के लिए मदद करने और लश्कर-ए-तैयबा को सहायता देने के आरोप में गिरफ्तार किया था।
राणा को 2011 में इस मामले में दोषी ठहराया गया था और 14 साल की सजा सुनाई गई थी।
6. राणा के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया क्यों और कैसे की जाएगी?
भारत कई वर्षों से राणा के प्रत्यर्पण का प्रयास कर रहा है, क्योंकि उसके लश्कर-ए-तैयबा और हेडली के साथ संबंध हैं तथा मुम्बई हमलों में उसकी सक्रिय संलिप्तता है।
राणा ने अब अमेरिका में उपलब्ध सभी कानूनी विकल्पों का उपयोग कर लिया है और उसे जल्द ही कानून का सामना करने के लिए भारत लाया जाएगा।
सूत्रों ने बताया कि भारत से एक बहु-एजेंसी टीम अमेरिका गई है और वहां के अधिकारियों के साथ सभी कागजी कार्रवाई और कानूनी औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं।
भाषा
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