वक्फ संशोधन अधिनियम ने जम्मू-कश्मीर के बहुसंख्यक लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई: उमर अब्दुल्ला
आशीष माधव
- 09 Apr 2025, 08:49 PM
- Updated: 08:49 PM
(फोटो सहित)
जम्मू, नौ अप्रैल (भाषा) जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को विधानसभा में वक्फ संशोधन अधिनियम को लेकर सत्तारूढ़ दल नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायकों के प्रदर्शन का बचाव करते हुए कहा कि हाल में पारित इस कानून से केंद्र शासित प्रदेश के बहुसंख्यक लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं।
अब्दुल्ला ने विपक्षी दल पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के नेतृत्व पर भी पलटवार किया, जिन्होंने श्रीनगर के ट्यूलिप गार्डन में केंद्रीय मंत्री किरेन रीजीजू के साथ उनकी (उमर अब्दुल्ला) हालिया मुलाकात को लेकर उन पर निशाना साधा था। अब्दुल्ला ने कहा कि आलोचना करने वाले वही लोग हैं, जो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की गोद में बैठ गए और जम्मू-कश्मीर को बर्बाद कर दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘सदन के अधिकतर सदस्य वक्फ संशोधन अधिनियम से नाराज थे और सदन में अपनी बात रखना चाहते थे। दुर्भाग्य से उन्हें इस मामले पर अपनी बात रखने का मौका नहीं मिला।’’
मुख्यमंत्री ने विधानसभा के बाहर संवाददाताओं से कहा, ‘‘वे विधानसभा के भीतर मुस्लिम बहुल क्षेत्र की भावनाओं का प्रतिनिधित्व करना चाहते थे। लेकिन जो काम सदन के भीतर नहीं हो सकता, उसे हम सदन के बाहर करेंगे। संसद में पारित विधेयक ने जम्मू-कश्मीर के बहुसंख्यक लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है।’’
वक्फ मुद्दे पर चर्चा की मांग को अध्यक्ष द्वारा अस्वीकार किए जाने के खिलाफ गैर-भाजपा दलों के विरोध के कारण लगातार तीन दिन तक कार्यवाही बाधित रहने के बाद सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पार्टी वक्फ मुद्दे पर भावी कार्रवाई के बारे में विस्तार से बताएगी। कश्मीर घाटी में अपनी व्यस्तताओं के कारण बजट सत्र के अंतिम तीन दिन अनुपस्थित रहने वाले अब्दुल्ला ने कहा कि विधानसभा में ‘‘अजीब चीजें’’ हुईं, जहां कुछ विपक्षी सदस्यों ने उनके खिलाफ बोला।
परोक्ष रूप से उनका इशारा पीडीपी और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के नेताओं की ओर था, जिन्होंने हाल में श्रीनगर के ट्यूलिप गार्डन में अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री किरेन रीजीजू की मेजबानी करने को लेकर उनसे सवाल किया था।
अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘आज वे लोग (मेरे खिलाफ) बोल रहे हैं जो भाजपा की गोद में बैठकर दूध और टॉफी की बात करते थे...उन्होंने जम्मू-कश्मीर को बर्बाद कर दिया और अब मेरे खिलाफ आरोप लगा रहे हैं।’’
अगस्त 2016 में, हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद अशांति फैल गई थी, जिसमें 100 से अधिक लोग मारे गए थे। तत्कालीन गृह मंत्री राजनाथ सिंह के साथ महबूबा ने संवाददाता सम्मेलन में अपना संयम खो दिया और कहा, ‘‘कश्मीर में मारे गए बच्चे दूध और टॉफी खरीदने (सुरक्षा शिविरों से) नहीं गए थे।’’
अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘आज अगर हम इस हालत में हैं तो यह उन लोगों की वजह से है जो मुझ पर उंगलियां उठा रहे हैं।’’
भाषा आशीष