राहुल को गरीब, पिछड़े मुसलमानों को आवाज देने वाले संशोधित वक्फ अधिनियम से क्या परेशानी है: भाजपा
शफीक सुरेश
- 09 Apr 2025, 08:58 PM
- Updated: 08:58 PM
नयी दिल्ली, नौ अप्रैल (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बुधवार को राहुल गांधी से पूछा कि क्या वह संशोधित वक्फ अधिनियम को लेकर असहज हैं, जिसमें महिलाओं के अलावा गरीब और पिछड़े मुसलमानों की भी आवाज बुलंद करने का प्रावधान है।
साथ ही भाजपा ने वक्फ अधिनियम मुद्दे पर गांधी की आलोचना को विलंबित प्रतिक्रिया बताते हुए खारिज कर दिया, जिसमें मूल मुद्दों पर ध्यान नहीं दिया गया है।
सत्तारूढ़ पार्टी ने कांग्रेस नेता के इस आरोप का भी खंडन किया कि केंद्र सरकार अमेरिकी शुल्क (टैरिफ) के कदम का जवाब देने में विफल रही है। पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि भारत सरकार किसी भी दबाव के आगे नहीं झुकती।
हालांकि, उन्होंने वैश्विक व्यापार को प्रभावित करने वाले इस मुद्दे पर आगे कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया और कहा कि इस पर बातचीत जारी है।
अहमदाबाद में कांग्रेस अधिवेशन में राहुल गांधी के भाषण के बाद संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए रविशंकर प्रसाद ने मुख्य विपक्षी दल पर अन्य पिछड़ वर्ग (ओबीसी) के सशक्तीकरण के मुद्दे पर दोहरे मानदंड अपनाने और पाखंड करने का आरोप लगाया तथा कहा कि इस समुदाय का कांग्रेस के सर्वोच्च संगठनात्मक निकाय और मुख्यमंत्रियों में बहुत कम प्रतिनिधित्व है।
भाजपा नेता ने कहा कि इसके विपरीत, भाजपा ने कई ओबीसी नेताओं को मुख्यमंत्री, मंत्री और प्रदेश अध्यक्ष सहित अपने संगठन में वरिष्ठ सदस्य बनाया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने 58 साल से अधिक समय तक सत्ता में रहने के दौरान अन्य पिछड़ा वर्गों के लिए कुछ नहीं किया।
प्रसाद ने कहा, ‘‘देश ने राहुल गांधी को गंभीरता से लेना बंद कर दिया है।’’
कांग्रेस के मंच से लगाए गए ‘सोनिया गांधी हिंदुस्तान, राहुल गांधी हिंदुस्तान’ के नारे की आलोचना करते हुए प्रसाद ने इसकी तुलना ‘इंडिया इज इंदिरा, इंदिरा इज इंडिया’ नारे से की और कहा कि विपक्षी पार्टी को ‘‘शर्म’’ आनी चाहिए, क्योंकि देश का गौरव व्यक्तियों से कहीं अधिक बड़ा है।
वक्फ (संशोधन) अधिनियम को असंवैधानिक कहने के लिए गांधी पर पलटवार करते हुए भाजपा नेता ने कहा कि कांग्रेस नेता ने कानून में बदलाव के पीछे के मूल मुद्दों पर जवाब दिए बिना ‘‘रस्म अदायगी’’ वाली टिप्पणियां कीं।
प्रसाद ने कहा कि लोकसभा में मौजूद होने के बावजूद, गांधी ने वक्फ विधेयक पर बहस के दौरान कुछ नहीं बोला। उन्होंने कहा, ‘‘राहुल गांधी ने विधेयक के पारित होने के इतने दिनों बाद बात की है। इससे पता चलता है कि उन्हें नहीं पता कि क्या बोलना है और क्या नहीं। वह इस बात को लेकर स्पष्ट नहीं हैं कि उन्हें किसी मुद्दे पर क्या रुख अपनाना चाहिए।’’
प्रसाद ने गांधी से तीन सवाल पूछे। प्रसाद ने गांधी से पूछा कि क्या यह सही है या गलत कि महिलाओं समेत गरीब मुसलमानों के लिए आठ लाख से अधिक वक्फ संपत्तियों पर कुछ अस्पताल, स्कूल या अनाथालय खोले गए हैं। उन्होंने पूछा, ‘‘क्या आप गरीबों, पिछड़ों, विधवाओं, महिलाओं की आवाज बुलंद किए जाने से असहज हैं।’’
उन्होंने सवाल किया कि क्या गांधी को पसमांदा (पिछड़े) मुसलमानों के विकास को लेकर चिंताओं से कोई परेशानी है।
भाजपा नेता ने लोकसभा में वक्फ विधेयक पर बहस के दौरान न बोलने के लिए कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाद्रा पर भी कटाक्ष किया और कहा कि वह इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के साथ गठबंधन में वायनाड से चुनी गई हैं।
विपक्षी दल द्वारा सरदार वल्लभभाई पटेल की विरासत पर अपना दावा जताने के बीच प्रसाद ने 1950 में उनके निधन के बाद दशकों तक भारत रत्न न देने के लिए कांग्रेस की आलोचना की।
उन्होंने कहा कि अगर 1991 में पी वी नरसिंह राव की बजाय गांधी परिवार का कोई सदस्य प्रधानमंत्री होता, तो उस समय भी पटेल को यह सम्मान नहीं दिया जाता।
भाषा शफीक