हरियाणा : खराब लिंगानुपात को लेकर 12 सीएचसी को ‘कारण बताओ’ नोटिस
धीरज सुरेश
- 11 Apr 2025, 05:42 PM
- Updated: 05:42 PM
चंडीगढ़, 11 अप्रैल (भाषा) हरियाणा के स्वास्थ्य विभाग ने खराब लिंगानुपात वाले क्षेत्रों के 12 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) के प्रभारी वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों को ‘कारण बताओ’ नोटिस जारी किये हैं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि यह कदम राज्य में कन्या भ्रूण हत्या पर रोक लगाने के सरकार के प्रयासों का हिस्सा है।
हरियाणा में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक वीरेंद्र यादव ने कहा, ‘‘हम राज्य में गर्भधारण-पूर्व और प्रसव-पूर्व निदान तकनीक (पीसीपीएनडीटी) अधिनियम को सख्ती से लागू कर रहे हैं। नतीजतन, 300 गर्भपात केंद्रों के पंजीकरण रद्द कर दिए गए हैं या स्वेच्छा से वापस ले लिये गए हैं।’’ वह कन्या भ्रूण हत्या में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए गठित राज्य कार्यबल (एसटीएफ) के संयोजक भी हैं।
यहां जारी एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, एसटीएफ प्रत्येक मंगलवार को समीक्षा करता है तथा क्षेत्र का दौरा करता है।
यादव ने बताया कि एसटीएफ ने इस सप्ताह 23 गर्भपात केंद्रों को नोटिस जारी किए हैं तथा पिछले दो महीनों में 17 ऑनलाइन गर्भपात किट विक्रेताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की हैं।
उन्होंने कहा कि हिसार जिले में पीएनडीटी नोडल अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है तथा रेवाड़ी जिले के नाहड़, भिवानी जिले के तोशाम, जींद के दनौदा, करनाल के कुंजपुरा, नूंह के तावड़ू, फरीदाबाद के तिगांव, फतेहाबाद के भट्टू कलां, महेंद्रगढ़ के अटेली, हिसार के उकलाना, फतेहाबाद के बड़ोपल, करनाल के निसिंग तथा कुरुक्षेत्र के लाडवा स्थित 12 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के प्रभारी वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों (एसएमओ) को खराब लिंगानुपात को लेकर ‘कारण बताओ’ नोटिस जारी किये गये हैं।
यादव ने कहा कि यदि एसएमओ का जवाब असंतोषजनक पाया गया तो उन्हें आरोप पत्र दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि इसके अलावा, राज्य में सबसे कम लिंगानुपात वाले पांच जिलों- चरखी दादरी, रेवाड़ी, रोहतक, गुरुग्राम और फरीदाबाद- के पीएनडीटी नोडल अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से बदल दिया गया है।
यादव ने कहा कि हिसार के सिविल सर्जन अवैध गर्भपात में शामिल एक दलाल के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की तैयारी कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि यह कार्रवाई ऐसे समय में की गई है जब हरियाणा में जन्म के समय लिंगानुपात में गिरावट दर्ज की गई है। हरियाणा में 2024 में 1,000 लड़कों पर 910 लड़कियों का जन्म हुआ, जबकि 2023 में यह अनुपात प्रति एक हजार लड़कों पर 916 लड़कियों का था।
भाषा धीरज