राजस्थान बनेगा डाटा सेंटर स्थापित करने के लिए पसंदीदा राज्य : भजनलाल शर्मा
कुंज रवि कांत अनुराग पाण्डेय
- 12 Apr 2025, 07:54 PM
- Updated: 07:54 PM
जयपुर, 12 अप्रैल (भाषा) राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने शनिवार को कहा कि राज्य सरकार ने डेटा सेंटर की बढ़ती उपयोगिता को देखते हुए प्रदेश में निजी क्षेत्र में डेटा सेंटरों की स्थापना को प्रोत्साहित करने के लिए राजस्थान डेटा सेंटर नीति-2025 लागू की है।
उन्होंने कहा कि इससे अगले पांच वर्षों में राज्य में करीब 20,000 करोड़ रुपये का निवेश आएगा।
उन्होंने कहा कि नीति का उद्देश्य राजस्थान में निजी क्षेत्र में डाटा सेंटर की स्थापना को प्रोत्साहित करना है। राज्य बजट 2024-25 में यह डेटा सेंटर नीति लाने की घोषणा की गई थी।
शर्मा ने कहा कि राजस्थान डेटा सेंटर नीति-2025 का लक्ष्य राज्य में एक विश्व स्तरीय डेटा सेंटर माहौल विकसित कर राजस्थान को डेटा सेंटर क्षेत्र का प्रमुख केंद्र बनाना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह नीति राज्य में स्थापित होने वाले डेटा सेंटर की गतिविधियों की दक्षता, सुरक्षा और विश्वसनीयता को प्रभावशाली बनाएगी। साथ ही, राज्य में डेटा प्रबंधन, प्रदर्शन और सुरक्षा के उच्च मानकों को सुनिश्चित करने के लिए दिशा-निर्देशों को निर्धारित करने में भी मदद करेगी।
उन्होंने कहा कि इस नीति के तहत डेटा सेंटर क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के लिए कई प्रावधान किए गए हैं, जिनमें 10 वर्षों तक 10-20 करोड़ रुपये वार्षिक संपत्ति निर्माण प्रोत्साहन, 100 करोड़ से अधिक निवेश करने वाले पहले तीन डेटा सेंटर्स को 25 प्रतिशत अतिरिक्त सनराइज प्रोत्साहन, पांच वर्षों तक पांच प्रतिशत ब्याज अनुदान, बैंकिंग, पारेषण व व्हीलिंग शुल्क में 100 प्रतिशत छूट, भूमि संबंधी लचीली भुगतान सुविधा, स्टांप ड्यूटी, भू-रूपांतरण व विद्युत शुल्क में छूट तथा 10 करोड़ रुपए तक बाह्य विकास शुल्क से छूट शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि इस नवीन नीति में पर्यावरण संरक्षण तथा कार्मिकों की दक्षता में वृद्धि पर भी विशेष ध्यान दिया गया है।
इसके तहत डेटा सेंटर कर्मचारियों की कार्यकुशलता सुधार हेतु व्यय की गई राशि का 50 प्रतिशत पुनर्भरण, हरित समाधान प्रोत्साहन के रूप में 12.5 करोड़ रुपये तक 50 प्रतिशत पुनर्भरण, जीआई (भौगोलित संकेतक) टैग, पेटेंट, कॉपीराइट व ट्रेडमार्क पंजीयन पर एक करोड़ रुपये तक 50 प्रतिशत सहायता, बिल्डिंग बायलॉज में छूट व सतत विद्युत आपूर्ति के प्रावधान शामिल हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में डेटा सेंटर मुख्य रूप से मुम्बई, चैन्नई, दिल्ली, बेंगलुरु, पुणे, हैदराबाद और कोलकाता जैसे बड़े शहरों में केंद्रित है। राजस्थान में भी प्रचुर मात्रा में उपलब्ध स्थान, नवीकरणीय उर्जा स्रोत और राज्य सरकार की दूरदर्शी नीति के कारण नए डेटा सेंटर स्थापित करने के लिए भरपूर संभावना है।
उन्होंने कहा कि वह दिन दूर नहीं, जब राजस्थान सभी बेहतरीन सुविधाएं प्रदान करके और बेहतर कारोबारी माहौल पैदा करके अंतरराष्ट्रीय और घरेलू डेटा सेंटर कंपनियों के लिए पसंदीदा स्थान बन जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस नीति के क्रियान्वयन के बाद राज्य में आगामी पांच वर्षों में लगभग 20 हजार करोड़ रुपए का निवेश होने की संभावना है। साथ ही, युवाओं के लिए सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।
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कुंज रवि कांत अनुराग