सांसद रामजी लाल सुमन की राणा सांगा पर टिप्पणी के विरोध में करणी सेना ने आगरा में निकाली रैली
सं आनन्द सिम्मी
- 13 Apr 2025, 01:03 AM
- Updated: 01:03 AM
आगरा (उप्र) 12 अप्रैल (भाषा) पीले और केसरिया रंग के स्कार्फ पहने और ‘‘तलवारें लहराते हुए’’ करणी सेना और अन्य 40 क्षत्रिय समूहों के सदस्य शनिवार को यहां गढ़ी क्षेत्र में एकत्र हुए और उन्होंने राजपूत राजा राणा सांगा पर समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद रामजी लाल सुमन की टिप्पणी का विरोध करते हुए उनसे माफी मांगने को कहा।
गढ़ी रामी में शनिवार को रक्त स्वाभिमान सम्मेलन को लेकर पहले से ही करणी सेना समेत कई संगठनों ने घोषणा की थी कि राणा सांगा की जयंती पर रक्त स्वाभिमान सम्मेलन आयोजित किया जाएगा।
राणा सांगा को लेकर सुमन द्वारा राज्यसभा में की गयी एक टिप्पणी को लेकर क्षत्रिय संगठनों ने नाराजगी जाहिर की है। यह विवाद उस समय शुरू हुआ जब सुमन ने 21 मार्च को संसद में कहा कि राणा सांगा ने इब्राहिम लोदी को हराने के लिए बाबर को भारत आमंत्रित किया था।
उन्होंने कहा था कि अगर भारतीय मुसलमानों को बाबर का वंशज बताया जाता है तो इसी तरह दूसरे समुदायों को भी राणा सांगा जैसे गद्दार के वंशज के तौर पर देखा जा सकता है। राजपूत विरासत पर सवाल खड़ा करने वाले इस बयान से ‘अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा’ और करणी सेना सहित राजपूत संगठन भड़क उठे।
इसके बाद, ‘करणी सेना’ के सदस्यों ने 26 मार्च को आगरा में रामजी लाल सुमन के आवास पर हमला कर तोड़फोड़ की।
आगरा में शनिवार को ‘रक्त स्वाभिमान सम्मेलन’ के मद्देनजर पुलिस ने कड़े इंतजाम किए थे।
शहर क्षेत्र के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) सोनम कुमार ने बताया कि त्रिस्तरीय सुरक्षा योजना बनाई गई थी और 24 चिह्नित स्थानों पर पुलिस तैनात की गयी थी। उन्होंने बताया कि कई जगहों पर अवरोधक लगाए गए थे। आगरा के अलावा मेरठ, झांसी और मैनपुरी से भी पुलिस बुलाई गयी थी।
रक्त स्वाभिमान सम्मेलन के मद्देनजर सुमन के आवास पर भी सुरक्षा कड़ी की गई। सुमन ने कहा, ‘‘पहले उनके आवास पर हमला हुआ था लेकिन ऐसा दोबारा न हो, इसके लिए प्रशासन ने इंतजाम किए।”
करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष संदीप सिंह ने कहा, "सम्मेलन में तय हुआ है कि रामजी लाल सुमन माफी मांगे। अगर वह माफी नहीं मांगेंगे तो हम आगे की रणनीति बनाएंगे। इस सम्मेलन में 40 से ज्यादा क्षत्रिय संगठन शामिल हुए।”
करणी सेना और अन्य क्षत्रिय समूहों के सदस्यों ने भगवा और पीले रंग के स्कार्फ़ पहनकर राणा सांगा की स्तुति करते हुए प्रदर्शन किया। कथित रूप से इस कार्यक्रम के कई ऑनलाइन प्रसारित वीडियो में कुछ लोगों को तलवारें, भाले और लाठी-डंडे लहराते हुए देखा गया।
करणी सेना के सदस्यों द्वारा खुलेआम हथियार लेकर घूमने के बारे में पूछे जाने पर पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) सोनम कुमार ने कहा कि पुलिस विभाग मामले की जांच करेगा।
करणी सेना द्वारा जारी की गई इस चेतावनी के बाद स्थानीय प्रशासन हाई अलर्ट पर रहा कि अगर रामजी लाल सुमन ने शाम पांच बजे से पहले माफ़ी नहीं मांगी तो वे उनके आवास की ओर मार्च करेंगे। इस धमकी के जवाब में, समाजवादी पार्टी (सपा) के स्थानीय सदस्य भी सुमन के आवास के पास इकट्ठा होने लगे।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के स्थानीय नेताओं के हस्तक्षेप के बाद करणी सेना के मार्च के आह्वान को वापस ले लिया गया, जिससे तनाव कम हो गया।
भाषा सं आनन्द