म्यांमा में हर मिशन योजना के अनुसार पूरा हुआ: जीपीएस ‘स्पूफिंग’ हमले के बाद वायुसेना ने कहा
सिम्मी सुभाष
- 15 Apr 2025, 01:02 AM
- Updated: 01:02 AM
नयी दिल्ली, 14 अप्रैल (भाषा) पिछले महीने भूकंप प्रभावित म्यांमा में राहत सामग्री ले जा रहे भारतीय वायुसेना के विमान के ‘जीपीएस स्पूफिंग’ का शिकार होने संबंधी रिपोर्ट सामने आने के एक दिन बाद वायुसेना ने सोमवार को कहा कि उसके चालक दल ऐसी स्थितियों से निपटने में पूरी तरह सक्षम हैं और ‘‘प्रत्येक मिशन योजना के अनुसार पूरा किया गया।’’
‘ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) स्पूफिंग’ को साइबर हमले का एक ऐसा रूप माना जा सकता है जिसमें विमान को गुमराह करने के लिए गलत ‘जीपीएस सिग्नल’ पैदा किए जाते हैं और इनके परिणामस्वरूप नेविगेशन उपकरण गुमराह हो जाते हैं। यह विमानों के लिए अत्यंत खतरनाक स्थिति होती है।
वायुसेना ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘जीपीएस की खराब उपलब्धता की संभावना को मांडले अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे द्वारा नोटम के रूप में प्रकाशित किया गया था और ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए सभी आवश्यक सावधानियां बरती गईं।’’
नोटम या ‘नोटिस टू एयरमैन’ ऐसा नोटिस होता है जो संभावित खतरों के बारे में विमान के पायलट को सचेत करने का प्रयास करता है।
‘पोस्ट’ में कहा गया, ‘‘भारतीय वायुसेना के चालक दल ऐसी अनुपलब्धता से निपटने में सक्षम हैं। वे साथ ही विमान की सुरक्षा सुनिश्चित करने और निर्दिष्ट कार्य या मिशन को पूरा करने में सक्षम है। तदनुसार, प्रत्येक मिशन योजना के अनुसार पूरा किया गया।’’
सूत्रों ने रविवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि भारत ने 29 मार्च को सी-130जे विमान से राहत सामग्री की पहली खेप म्यांमा भेजी थी और इसके पायलटों ने बताया था कि जब विमान म्यांमा के हवाई क्षेत्र में था तो उसके ‘जीपीएस सिग्नल’ के साथ छेड़छाड़ की गई थी।
उन्होंने बताया कि नयी दिल्ली ने राहत सामग्री एवं बचाव दल ले जाने के लिए म्यांमा में कुल छह सैन्य विमान भेजे थे जिनमें से अधिकतर को ‘जीपीएस स्पूफिंग’ की समस्या झेलनी पड़ी थी।
सैन्य प्रतिष्ठान के सूत्रों ने बताया कि पिछले महीने के अंत में म्यांमा में राहत सामग्री ले जा रहे भारतीय वायुसेना के परिवहन विमान को ‘जीपीएस स्पूफिंग’ का सामना करना पड़ा, जिससे सुरक्षा संबंधी चिंताएं उत्पन्न हो गईं और पायलटों को ‘बैकअप’ प्रणालियों पर निर्भर रहना पड़ा।
भारत ने 28 मार्च को म्यांमा में आए भीषण भूकंप के बाद उसे सहायता प्रदान करने के लिए ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ शुरू किया था।
भाषा सिम्मी