वंचितों के उत्थान के लिए विशेष प्रयास करें: राष्ट्रपति मुर्मू ने नवनियुक्त आईएएस अधिकारियों से कहा
सुरेश पवनेश
- 15 Apr 2025, 03:46 PM
- Updated: 03:46 PM
नयी दिल्ली, 15 अप्रैल (भाषा) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के नवनियुक्त अधिकारियों के एक समूह से वंचितों के उत्थान के लिए विशेष प्रयास करने को कहा।
मुर्मू ने कहा कि भारतीय प्रशासनिक सेवा में होने से उन्हें (अधिकारियों को) अनगिनत लोगों के जीवन में परिवर्तनकारी बदलाव लाने का अवसर मिलता है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को सिविल सेवकों के अधिकारों और कर्तव्यों को ध्यान में रखना चाहिए।
राष्ट्रपति ने 2023 बैच के आईएएस अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘एक लोक सेवक का कर्तव्य उनकी जिम्मेदारियां हैं और उन्हें प्राप्त अधिकार उन कर्तव्यों को पूरा करने का साधन हैं।’’
ये अधिकारी वर्तमान में विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों में सहायक सचिव के रूप में कार्यरत हैं।
मुर्मू ने इन अधिकारियों से कहा कि वे असाधारण दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत के बल पर आईएएस अधिकारी बने हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘इससे उनके निजी जीवन में परिवर्तनकारी बदलाव आया है। अब और भी अधिक दृढ़ संकल्प और समर्पण के साथ, उनके पास अनगिनत लोगों के जीवन में परिवर्तनकारी बदलाव लाने का अवसर है।"
राष्ट्रपति ने कहा कि उनकी (अधिकारियों की) सेवा और अधिकार का क्षेत्र इतना व्यापक है कि वे अपनी पहली पोस्टिंग में ही कई नागरिकों का जीवन बेहतर बना सकते हैं।
उन्होंने आईएएस अधिकारियों को वंचितों के उत्थान के लिए विशेष प्रयास करने की सलाह दी।
मुर्मू ने उन्हें यह भी सलाह दी कि वे अपने करियर के दौरान पोस्टिंग के स्थानों का कुछ समय बाद दौरा करें और अपने काम के दूरगामी परिणाम देखें।
राष्ट्रपति ने अधिकारियों से कहा कि उनके करियर की वास्तविक कहानी की रचना उनके काम से होगी, न कि सोशल मीडिया पर फॉलोअर्स की संख्या बढ़ाने से।
राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में मुर्मू के हवाले से कहा गया कि अधिकारियों का असली सामाजिक मोल उनके अच्छे काम से निर्धारित होगा।
राष्ट्रपति ने कहा कि प्रत्येक लोक सेवक को उद्देश्यपूर्ण ईमानदारी के साथ काम करना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘पर्यावरण प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का हम सभी सामना कर रहे हैं। अनैतिकता का प्रदूषण और मूल्यों का क्षरण भी बहुत गंभीर चुनौतियां हैं। निष्ठावान और ईमानदार होने के बारे में और कुछ कहने की जरूरत नहीं है।’’
राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘ईमानदारी, सच्चाई और सादगी जैसे जीवन मूल्यों पर चलने वाले लोग अधिक सुखी रहते हैं। लोक सेवा में ईमानदारी सबसे वांछनीय नीति है। लोक सेवक से यह अपेक्षा की जाती है कि वे जीवन के हर क्षेत्र में सत्यनिष्ठा और संवेदनशीलता का उदाहरण प्रस्तुत करेंगे।’’
मुर्मू ने कहा कि डिजिटल युग में लोगों की आकांक्षाएं बढ़ रही हैं।
उन्होंने राष्ट्रपति भवन सांस्कृतिक केंद्र में राष्ट्रपति से मुलाकात करने आए अधिकारियों से कहा, ‘‘वे (नागरिक) प्रशासकों की जवाबदेही को लेकर जागरूक हो रहे हैं।’’
मुर्मू ने अधिकारियों को नागरिकों के साथ निकटता बढ़ाने और स्थानीय प्रयासों में उनकी भागीदारी बढ़ाने की सलाह दी। उन्होंने जनप्रतिनिधियों द्वारा उठाए गए जनहित के मुद्दों को हल करने की भी सलाह दी।
राष्ट्रपति ने कहा कि स्थानीय और राज्य स्तर पर उनके द्वारा किए गए विकास एवं जन कल्याण के कार्य राष्ट्रीय लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करेंगे।
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