प्रतिशोध की राजनीति और डराने-धमकाने की कोशिश है सोनिया, राहुल के खिलाफ आरोप पत्र: कांग्रेस
हक पवनेश
- 15 Apr 2025, 08:33 PM
- Updated: 08:33 PM
नयी दिल्ली, 15 अप्रैल (भाषा) कांग्रेस ने ‘नेशनल हेराल्ड’ मामले में अपने शीर्ष नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा आरोप पत्र दाखिल किए जाने के बाद मंगलवार को आरोप लगाया कि यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह द्वारा की गई बदले की राजनीति और डराने-धमकाने की कोशिश के अलावा कुछ नहीं है।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि इस मामले में कांग्रेस और उसका नेतृत्व चुप बैठने वाला नहीं है।
ईडी ने नेशनल हेराल्ड मामले में धनशोधन के आरोप में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य के खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल किया है।
विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने नौ अप्रैल को दाखिल आरोप-पत्र के संज्ञान के महत्वपूर्ण बिंदुओं पर पड़ताल की और सुनवाई की अगली तारीख 25 अप्रैल निर्धारित की।
रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘नेशनल हेराल्ड की संपत्तियों को ज़ब्त करना कानून के शासन का मुखौटा लगाकर किया गया एक राज्य प्रायोजित अपराध है।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल करना, प्रधानमंत्री और गृह मंत्री द्वारा की गई बदले की राजनीति और डराने-धमकाने की कोशिश के अलावा कुछ नहीं है।
रमेश ने जोर देकर कहा, ‘‘भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और उसका नेतृत्व चुप नहीं बैठेगा। सत्यमेव जयते!’’
कांग्रेस नेता व वरिष्ठ अधिवक्ता सिंघवी ने एक वीडियो जारी कर कहा, ‘‘नेशनल हेराल्ड के विषय में जो प्रक्रियाएं हो रही हैं, वो नई नहीं हैं, क्योंकि जब ये मामला शुरू हुआ था, तभी हमने कहा था कि ये बड़ा विचित्र मामला है। यह केस बिना एक रुपये, बिना एक रुपये की संपत्ति के हस्तानांतरण के शुरू हुआ है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘नेशनल हेराल्ड की पुरानी संपत्तियों के प्रबंधन के लिए एक गैर-लाभकारी कंपनी बनाई गई, जिसमें सोनिया गांधी जी और अन्य लोग जुड़े हुए थे। इसमें ना कोई लाभांश दिया जा सकता है और ना ही वाणिज्यिक लेनदेन हो सकता है।’’
सिंघवी ने आरोप लगाया, ‘‘इस कड़ी में एक मनगढ़ंत और झूठा मामला रचा गया है। उसी श्रृंखला में आरोप पत्र दाखिल करने की भी प्रक्रिया हुई है। शुरुआत से इस मामले का कानूनी रूप से सामना किया जा रहा है।’’
उन्होंने दावा किया कि यह एक फर्जी मामला है और इसमें कोई तथ्य नहीं है।
राज्यसभा सदस्य ने कहा, ‘‘अंततोगत्वा इस मामले में कोर्ट स्पष्टता प्रदान करेगा। इस मामले को राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से चलाया जा रहा है, जो दिख रहा है। ’’
भाषा हक
हक