सरकार ने शहरों में गैस वितरण करने वाली कंपनियों के लिए सस्ती गैस की आपूर्ति घटायी
रमण अजय
- 16 Apr 2025, 05:22 PM
- Updated: 05:22 PM
नयी दिल्ली, 16 अप्रैल (भाषा) सरकार ने इंद्रप्रस्थ गैस लि., महानगर गैस लिमिटेड और अदाणी टोटल गैस लि. जैसे शहरी गैस वितरकों को कम लागत वाली एपीएम यानी सरकारी मूल्य व्यवस्था वाली गैस की आपूर्ति में 20 प्रतिशत तक की कटौती की है। इस कमी की भरपाई अपेक्षाकृत अधिक महंगे ईंधन से की गयी है।
तीनों शहरी खुदरा विक्रेताओं ने शेयर बाजार को अलग-अलग दी सूचना में कहा कि गैस आपूर्ति के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की नोडल एजेंसी गेल (इंडिया) लि. ने पुराने क्षेत्रों से गैस की आपूर्ति में कटौती की जानकारी दी है। इसे प्रशासित मूल्य व्यवस्था (एपीएम) वाली गैस कहा जाता है क्योंकि इसके मूल्य के बारे में समय-समय पर सरकार निर्णय करती है।
एपीएम गैस की वर्तमान कीमत 6.75 प्रति 10 लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट (यूनिट) है। इसका उत्पादन नौ से 10 प्रतिशत वार्षिक दर से घट रहा है, क्योंकि पुराने क्षेत्रों से उत्पादन कम हो रहा है।
ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) उत्पादन को बनाये रखने के लिए अधिक कुओं की खुदाई में निवेश कर रही है। लेकिन इससे लागत बढ़ रही है और इसका असर ऊंची कीमत के रूप में दिख रहा है। ऐसी गैस को नए कुओं से उत्पादित गैस कहा जाता है और इसकी कीमत लगभग आठ डॉलर प्रति इकाई होती है।
पिछले एक साल में, शहर के गैस खुदरा विक्रेताओं को एपीएम गैस की आपूर्ति में लगभग 50 प्रतिशत की कटौती की गई है।
ताजा कटौती के साथ, एपीएम गैस अब कुल शहर की गैस आवश्यकता का लगभग 34 प्रतिशत पूरा करेगी, जो पहले 51 प्रतिशत था।
राष्ट्रीय राजधानी और आसपास के शहरों में वाहनों को सीएनजी और घरों में पाइप के जरिये खाना पकाने की गैस की खुदरा बिक्री करने वाली कंपनी आईजीएल ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा है कि उसे पाइप के जरिये खाना पकाने की गैस की आपूर्ति करने और सरकार द्वारा निर्धारित मूल्य (वर्तमान में 6.75 डॉलर प्रति यूनिट) पर सीएनजी बिक्री के लिए घरेलू गैस मिलती है।’’
आईजीएल ने कहा, ‘‘गेल (इंडिया) लि. से कंपनी को सूचना मिली है कि 16 अप्रैल, 2025 से कंपनी को घरेलू गैस आवंटन में कमी आएगी। कंपनी को संशोधित घरेलू गैस आवंटन पिछले आवंटन से लगभग 20 प्रतिशत कम है।’’
कंपनी ने कहा कि उसे आपूर्ति में कमी के एवज में नये कुओं से अतिरिक्त 125 प्रतिशत गैस आवंटित की गई है। इससे कंपनी का लाभ प्रभावित होने की आशंका है।
मुंबई में गैस वितरण करने वाली खुदरा कंपनी एमजीएल ने कहा कि पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा जारी 10 अगस्त, 2022 के नीति दिशानिर्देश के अनुसार, घरेलू स्तर पर उत्पादित एपीएम व्यवस्था के तहत आने वाली प्राकृतिक गैस को प्राथमिकता वाले क्षेत्रों, विशेष रूप से खाना पकाने के लिए पाइप के जरिये गैस आपूर्ति (पीएनजी) और सीएनजी (परिवहन) के लिए शहर में गैस वितरण (सीजीडी) कंपनियों को आवंटित किया जाना है।
नीति में कहा गया है कि शहरी गैस वितरण करने वाली इकाइयों को घरेलू गैस की आपूर्ति केवल इन खंडों के लिए उपलब्ध और गेल को आवंटित मात्रा तक ही की जाएगी।
एमजीएल ने कहा, ‘‘इस नीति के अनुरूप, कंपनी को एपीएम गैस उपलब्धता के आधार पर घरेलू पीएनजी और सीएनजी (परिवहन) के लिए एपीएम प्राकृतिक गैस आवंटित की गई थी। कंपनी को एपीएम का आवंटन पिछले पखवाड़े की तुलना में 16 अप्रैल, 2025 से 18 प्रतिशत कम कर दिया गया है।’’
कंपनी ने कहा, ‘‘एपीएम मात्रा में कमी की भरपाई के लिए नये कुओं का इस्तेमाल किया जा रहा है। इससे मुनाफे पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। हालांकि, कंपनी इस प्रभाव को कम करने के लिए सभी उपायों पर विचार कर रही है।’’
अदाणी समूह और फ्रांस की टोटल एनर्जीज के संयुक्त उद्यम अदाणी टोटल गैस लि. ने कहा कि उसे गेल से एपीएम गैस आवंटन में 15 प्रतिशत की कमी के बारे में सूचना मिली है।
कंपनी ने कहा, ‘‘एपीएम गैस के कम आवंटन की भरपाई नये कुओं से उत्पादित गैस से की जा रही है।
अदाणी टोटल गैस ने कहा, ‘‘हालांकि, उच्च मूल्य वाले नये कुओं से प्राप्त गैस से कंपनी के लाभ पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। कंपनी इस प्रभाव को कम करने के लिए सभी उपायों पर विचार कर रही है।’’
एपीएम गैस आवंटन में कटौती से शहरों में गैस वितरण करने वाली कंपनियों के लिए कच्चे माल की लागत बढ़ जाएगी। इसके परिणामस्वरूप कंपनियां फिर से सीएनजी के दाम बढ़ा सकती हैं।
भाषा रमण