सीबीआई की प्राथमिकी रद्द करने के कार्ति चिदंबरम के अनुरोध पर सुनवाई चार अगस्त को
पारुल माधव
- 16 Apr 2025, 06:13 PM
- Updated: 06:13 PM
नयी दिल्ली, 16 अप्रैल (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम की उस याचिका पर सुनवाई के लिए चार अगस्त की तारीख निर्धारित की, जिसमें उन्होंने एक शराब कंपनी को उसकी व्हिस्की की शुल्क-मुक्त बिक्री पर प्रतिबंध से राहत दिलाने में मदद देने के आरोप में उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने का अनुरोध किया है।
न्यायमूर्ति रवींदर डुडेजा ने कार्ति के वकील की इस दलील का संज्ञान लेने के बाद सुनवाई की नयी तारीख तय की कि मामले में बहस करने वाले वरिष्ठ वकील उपलब्ध नहीं हैं।
अदालत ने कहा, “मामले को चार अगस्त को फिर से सूचिबद्ध करें।”
कार्ति ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि एक जनवरी को “लंबी देरी” के बाद “अवैध” प्राथमिकी दर्ज की गई। उन्होंने दावा किया कि यह प्राथमिकी दुर्भावनापूर्ण और “राजनीतिक प्रतिशोध एवं शासन के प्रतिशोध” का नतीजा है।
कार्ति के खिलाफ दर्ज भ्रष्टाचार का यह चौथा मामला उनके पिता पी चिदंबरम के वित्त मंत्री रहने के दौरान विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी देने में कथित अनियमितताओं की जांच के लिए 2018 में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा की गई प्रारंभिक जांच से उपजा है।
सीबीआई ने कार्ति के अलावा कटरा होल्डिंग्स, एडवांटेज स्ट्रेटेजिक कंसल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड (एएससीपीएल) और अन्य के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है।
कांग्रेस सांसद ने अपनी याचिका में आरोप लगाया, “प्राथमिकी दर्ज करने में बहुत देरी हुई। आरोप 2004 से 2010 के बीच की अवधि (प्राथमिकी के अनुसार) से जुड़े हुए हैं, जबकि संबंधित प्राथमिकी 2025 में यानी 20 साल बाद दर्ज की गई।”
अधिवक्ता अक्षत गुप्ता के माध्यम से दाखिल याचिका में कहा गया है कि चूंकि, सक्षम प्राधिकारी की पूर्व अनुमति हासिल किए बिना अज्ञात लोक सेवकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी, इसलिए इसका पंजीकरण गैरकानूनी है और कोई भी जांच या पूछताछ भी अवैध है।
अधिकारियों ने नौ जनवरी को बताया था कि सीबीआई ने आईटीडीसी (भारत पर्यटन विकास निगम) द्वारा शराब कंपनी डियाजियो स्कॉटलैंड की व्हिस्की की शुल्क-मुक्त बिक्री पर लगाए गए प्रतिबंध से कंपनी को कथित तौर पर पैसे लेकर राहत दिलाने के आरोप में कार्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
यह मामला एडवांटेज स्ट्रेटेजिक कंसल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड (एएससीपीएल) को डियाजियो स्कॉटलैंड और सिकोइया कैपिटल्स की ओर से किए गए कथित संदिग्ध भुगतान से संबंधित है, जो कार्ति और उनके करीबी सहयोगी एस भास्कररमन द्वारा नियंत्रित इकाई है।
अप्रैल 2005 में आईटीडीसी (जिसके पास भारत में आयातित शुल्क-मुक्त शराब की बिक्री पर एकाधिकार था) ने भारत में डियाजियो समूह के शुल्क-मुक्त उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिसके परिणामस्वरूप डियाजियो स्कॉटलैंड को कथित तौर पर भारी नुकसान हुआ, क्योंकि भारत में उसका 70 फीसदी कारोबार आयातित शुल्क-मुक्त जॉनी वॉकर व्हिस्की की बिक्री पर आधारित था।
अदालत ने 10 जनवरी को सीबीआई को निर्देश दिया था कि वह कार्ति को मामले में गिरफ्तारी से तीन दिन पहले लिखित नोटिस दे।
छह फरवरी को उच्च न्यायालय ने प्राथमिकी रद्द करने के अनुरोध वाली कार्ति की अर्जी पर सुनवाई 16 अप्रैल तक के लिए टाल दी थी।
भाषा पारुल