हरियाणा मानवाधिकार आयोग ने राज्य में वृद्धाश्रमों के निर्माण की सुस्त रफ्तार पर चिंता जताई
पारुल माधव
- 16 Apr 2025, 06:36 PM
- Updated: 06:36 PM
चंडीगढ़, 16 अप्रैल (भाषा) हरियाणा मानवाधिकार आयोग (एचएचआरसी) ने राज्यभर में वृद्धाश्रमों के निर्माण की सुस्त रफ्तार पर गंभीर चिंता जताई है।
आयोग ने 31 जनवरी 2025 के अपने आदेश के अनुपालन में की गई समीक्षा में पाया कि मौजूदा समय में केवल एक वृद्धाश्रम रेवाड़ी में चालू अवस्था में है, जिसका उद्घाटन लगभग दो साल पहले छह जनवरी 2023 को किया गया था।
एचएचआरसी को एक अप्रैल को सौंपी गई वस्तुस्थिति रिपोर्ट के मुताबिक, पांच जिलों-झज्जर, पलवल, पानीपत, रोहतक और सिरसा में वृद्धाश्रम के निर्माण के लिए अभी तक भूमि की पहचान नहीं की गई है।
रिपोर्ट के अनुसार, गुरुग्राम, कैथल, चरखी दादरी, महेंद्रगढ़ और नूंह जैसे जिलों ने जमीन चिह्नित कर ली है और निर्माण प्रक्रिया शुरू कर दी है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि फरीदाबाद, फतेहाबाद, हिसार, जींद, कुरुक्षेत्र, सोनीपत और यमुनानगर जैसे जिलों में निर्माण संबंधी मंजूरी न मिलने के कारण निर्माण कार्य अटका हुआ है।
इसमें कहा गया है कि करनाल (स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत) और पंचकूला (माता मनसा देवी श्राइन बोर्ड की देखरेख में) में वृद्धाश्रम का निर्माण कार्य जारी है।
एचएचआरसी के प्रोटोकॉल-सह-सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी पुनीत अरोड़ा ने कहा, “आयोग ने वीडियो क्रॉन्फ्रेंस के माध्यम से रेवाड़ी वृद्धाश्रम का निरीक्षण किया और पाया कि 170 निवासियों के लिए बनाए गए इस आश्रय स्थल में केवल 12 वरिष्ठ नागरिक (नौ पुरुष और तीन महिलाएं) रह रहे थे।”
अरोड़ा ने बताया कि इसके अलावा, स्वच्छता की स्थिति भी चिंताजनक मिली, क्योंकि रसोई और शौचालय गंदी स्थिति में थे तथा साफ-सफाई के लिए केवल एक ‘सफाई सेवक’ तैनात था, जो इतने बड़े परिसर में स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए अपर्याप्त था।
एचएचआरसी अध्यक्ष न्यायमूर्ति ललित बत्रा, न्यायिक सदस्य कुलदीप जैन और सदस्य दीप भाटिया की सदस्यता वाली पीठ ने अपने एक आदेश में हरियाणा में ‘माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों के भरण-पोषण तथा कल्याण अधिनियम, 2007’ की धारा 19 लागू की थी, जिसके तहत प्रत्येक जिले में कम से कम एक वृद्धाश्रम होना अनिवार्य है।
अरोड़ा ने कहा कि आयोग ने हाल ही में एक आदेश में इस बात की पुष्टि की कि बुजुर्गों के लिए सम्मान और सुरक्षा सुनिश्चित करना राज्य का संवैधानिक एवं नैतिक दायित्व है।
उन्होंने बताया कि आयोग ने वरिष्ठ अधिकारियों को राज्यभर में वृद्धाश्रम के निर्माण की व्यक्तिगत रूप से निगरानी करने और उसमें तेजी लाने का भी निर्देश दिया।
इन अधिकारियों में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) पंचकूला के मुख्य प्रशासक, विकास एवं पंचायत विभाग के निदेशक और नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग के निदेशक शामिल हैं।
अरोड़ा के मुताबिक, आयोग ने संबंधित विभागों को 29 जुलाई तक विस्तृत कार्रवाई रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है।
भाषा पारुल