विपक्षी दलों ने मुर्शिदाबाद हिंसा के लिए ममता बनर्जी को जिम्मेदार ठहराया
आशीष नेत्रपाल
- 16 Apr 2025, 06:51 PM
- Updated: 06:51 PM
कोलकाता, 16 अप्रैल (भाषा) पश्चिम बंगाल में विपक्षी दलों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को हाल में मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराया और प्रभावित इलाकों का दौरा नहीं करने पर सवाल उठाया।
राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने मुस्लिम बहुल मुर्शिदाबाद जिले में सांप्रदायिक हिंसा की राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) से जांच कराने की मांग की और दंगों को लेकर मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग की।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता शुभेंदु अधिकारी ने पत्रकारों के साथ बातचीत में कहा, ‘‘हम मुख्यमंत्री के तत्काल इस्तीफे की मांग करते हैं, जो जेहादी तत्वों के हमलों से लोगों के जीवन और संपत्ति की रक्षा करने में पूरी तरह विफल रही हैं। हिंदू होने के कारण पिता-पुत्र की जेहादियों ने बेरहमी से हत्या कर दी। तृणमूल कांग्रेस की तुष्टीकरण की राजनीति के कारण ये जेहादी तत्व राज्य में खुलेआम घूम रहे हैं।’’
उन्होंने दावा किया कि पुलिस समय पर नहीं पहुंची जिसके कारण हिंदुओं की हत्या कर दी गई, उनके घरों और संपत्तियों को तोड़ दिया गया। उन्होंने कहा कि इससे हिंसा के दौरान प्रशासन की ‘‘निष्क्रियता’’ का पता चलता है।
नंदीग्राम से भाजपा विधायक ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री हिंसा के लिए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और केंद्रीय एजेंसियों को दोषी ठहरा रही हैं, लेकिन वास्तव में उनकी पुलिस और प्रशासन हिंदुओं की रक्षा करने में विफल रहा तथा उत्पात जारी रहने दिया। दूसरी ओर, यह सीमा सुरक्षा बल ही था जिसने हस्तक्षेप किया और हालात को बिगड़ने से रोका। उन्हें (ममता) सच बोलने का साहस दिखाना चाहिए।’’
बनर्जी द्वारा उन पर भड़काऊ बयान देने का आरोप लगाए जाने पर अधिकारी ने कहा, ‘‘उन्होंने पहले भी मुझ पर इसी तरह आरोप लगाया था, लेकिन मुझे इसकी परवाह नहीं है।’’
भाजपा के राज्यसभा सदस्य समिक भट्टाचार्य ने कहा कि बनर्जी द्वारा केंद्रीय अमित शाह की आलोचना किया जाना ‘‘अनुचित’’ है क्योंकि उन्होंने ‘‘देश की सुरक्षा को प्रभावी ढंग से संभालने के लिए करोड़ों भारतीयों की प्रशंसा अर्जित की है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘शाह की आलोचना करके मुख्यमंत्री ने देश के आम लोगों के सामने खुद को बेनकाब कर दिया है, क्योंकि शाह आतंकवाद और जिहादी गतिविधियों के प्रति गंभीर रुख अपनाते हैं।’’
बनर्जी की आलोचना करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि मुर्शिदाबाद जिले में कई विधानसभा और लोकसभा सीट पर जीत हासिल करने के बावजूद तृणमूल कांग्रेस के सांसद-विधायक हिंसा को रोकने में विफल रहे और कुछ को तो अपने घरों से भागना पड़ा।
कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, ‘‘आप (मुख्यमंत्री) हिंसा के बारे में कोलकाता से बयान जारी कर रही हैं, लेकिन आपने प्रभावित क्षेत्रों शमसेरगंज, सुती, धुलियान, जंगीपुर का आज तक दौरा नहीं किया।’’
चौधरी ने कहा, ‘‘आपके सांसद और विधायक, जो अन्य मौकों पर बड़े-बड़े दावे करते हैं, संकट के इस समय प्रभावित लोगों के साथ नहीं दिख रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि हालिया चुनावों में हार के बावजूद कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता प्रभावित लोगों के साथ खड़े हैं और उन्होंने भी कुछ इलाकों का दौरा किया है।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की केंद्रीय समिति के सदस्य सुजन चक्रवर्ती ने कहा कि बनर्जी का विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ से सांप्रदायिकता और धार्मिक कट्टरता के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने का आह्वान ‘‘पाखंड’’ है।
माकपा नेता ने आरोप लगाया, ‘‘एक तरफ वह दीघा में जगन्नाथ मंदिर स्थापित कर रही हैं और दूसरी तरफ सीमावर्ती क्षेत्रों में कट्टरपंथी ताकतों से नजदीकी बढ़ा रही हैं। उनके प्रशासन को मुर्शिदाबाद में शुरुआती दौर में हिंसा को रोकने में इतना समय क्यों लगा? वह वोट बैंक की खतरनाक राजनीति कर रही हैं।’’
उन्होंने कहा कि माकपा सांप्रदायिकता से लड़ने के लिए गंभीर है। उन्होंने पूछा, ‘‘क्या मुख्यमंत्री बताएंगी कि संसद में वक्फ (संशोधन) विधेयक पर बहस के दौरान उनकी पार्टी के कुछ सहयोगियों ने क्यों भाग नहीं लिया?’’
चक्रवर्ती ने कहा, ‘‘तृणमूल कांग्रेस ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि वह वक्फ (संशोधन) अधिनियम के पारित होने के खिलाफ किसी कानूनी कदम का समर्थन करेगी या नहीं।’’
इससे पहले, इमामों के साथ बैठक में ममता बनर्जी ने मुर्शिदाबाद में हाल में हुई सांप्रदायिक हिंसा को ‘पूर्व नियोजित’ करार दिया और साथ ही बीएसएफ के एक वर्ग, गृह मंत्रालय के तहत आने वाली केंद्रीय एजेंसियों तथा भाजपा पर कथित तौर पर बांग्लादेश से सीमा पार घुसपैठ कराकर तनाव बढ़ाने का आरोप लगाया।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से ‘दमनकारी’ वक्फ (संशोधन) अधिनियम को लागू नहीं करने का आग्रह किया और चेताया कि यह कानून देश को विभाजित करेगा। ममता ने प्रधानमंत्री मोदी से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को नियंत्रण में रखने का अनुरोध किया और उन पर ‘अपने राजनीतिक एजेंडे के लिए देश को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाने’ का आरोप लगाया।
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने दावा किया कि पड़ोसी बांग्लादेश में अस्थिर हालात के बावजूद केंद्र ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम को जल्दबाजी में पारित कर दिया और सीमा पार से अवैध घुसपैठ की अनुमति दी, जिसके कारण बंगाल में अशांति फैली।
भाषा आशीष