निष्कर्ष तक पहुंच चुके मामले को दोबारा नहीं खोला जा सकता, अन्यथा अराजकता उत्पन्न होगी: न्यायालय

निष्कर्ष तक पहुंच चुके मामले को दोबारा नहीं खोला जा सकता, अन्यथा अराजकता उत्पन्न होगी: न्यायालय