कराड को मुठभेड़ में ढेर करने की पेशकश मिलने का दावा करने वाला निलंबित पुलिसकर्मी बर्खास्त
खारी मनीषा नरेश
- 18 Apr 2025, 01:05 PM
- Updated: 01:05 PM
मुंबई, 18 अप्रैल (भाषा) महाराष्ट्र के बीड में निलंबित पुलिस उपनिरीक्षक रंजीत कासले को बर्खास्त कर दिया गया है जिसने दावा किया था उसे सरपंच संतोष देशमुख हत्याकांड मामले में मुख्य आरोपी वाल्मिक कराड को ‘‘मुठभेड़’’ में ढेर करने की पेशकश की गई थी। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
अधिकारी ने बताया कि छत्रपति संभाजीनगर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक ने एक सक्षम प्राधिकारी के तौर पर भारतीय संविधान के अनुच्छेद 311(2) (बी) के तहत कासले के खिलाफ यह कार्रवाई की है।
एक अधिकारी ने बताया कि इससे पहले बीड पुलिस ने उच्च अधिकारियों को रिपोर्ट भेजकर कासले की बर्खास्तगी की सिफारिश की थी।
कासले ने पहले महाराष्ट्र के पूर्व कैबिनेट मंत्री धनंजय मुंडे और उनके करीबी सहयोगी वाल्मिक कराड के खिलाफ आरोप लगाए थे।
बृहस्पतिवार रात पुणे हवाई अड्डे पर पत्रकारों से बात करते हुए उसने अपना दावा दोहराया कि उसे कराड को मुठभेड़ में ढेर करने की पेशकश की गई थी।
महाराष्ट्र के बीड जिले के मसाजोग गांव के सरपंच देशमुख की पिछले वर्ष नौ दिसंबर को अगवा कर बेरहमी से हत्या कर दी गयी थी।
कराड उन आठ लोगों में शामिल हैं, जिन्हें अब तक इस मामले के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है और सभी पर महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत मामला दर्ज है।
कासले को निलंबित कर दिया गया था और उसके खिलाफ प्रारंभिक जांच की जा रही थी।
दो अप्रैल को सोशल मीडिया पर कथित रूप से आपत्तिजनक टिप्पणी पोस्ट करने पर उसके खिलाफ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत भी मामला दर्ज किया गया।
गिरफ्तारी से बचने के दौरान उसने सोशल मीडिया पर सनसनीखेज दावे करते हुए वीडियो पोस्ट किए थे, लेकिन इन दावों को पुलिस अधिकारियों ने बार-बार खारिज किया।
हाल ही में एक वीडियो में उसने अपने खिलाफ दर्ज मामले के सिलसिले में पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने की इच्छा जताई थी।
अधिकारी ने कहा कि उसे शुक्रवार को बीड के एक होटल से हिरासत में लिया गया था।
बृहस्पतिवार को पुणे में पत्रकारों से बातचीत के दौरान, जब कासले से पूछा गया कि क्या उनके पास अपने दावे को साबित करने के लिए कोई सबूत हैं तो उसने कहा कि जो लोग इस तरह की सुपारी देते हैं वे गोपनीय तरीके से काम करते हैं और सुनिश्चित करते हैं कि कोई सुराग न रहे।
कासले ने यह भी कहा कि उसने ‘‘मुठभेड़’’ की पेशकश को अस्वीकार दिया क्योंकि अगर कराड मामले में दोषी है तो कानून को उसे दंडित करना चाहिए। कासले ने यह भी दावा किया था कि उसे ‘‘अपहरण करके कोल्हापुर के बारसी ले जाया गया’’ और ‘‘मतदान के दिन उसकी ड्यूटी बदल दी गई’’।
उसने दावा किया कि एक पूर्व मंत्री से जुड़ी कंपनी से उनके खाते में 10 लाख रुपये अंतरित किए गए थे।
भाषा
खारी मनीषा