हिंदू नेता की हत्या का मामला बांग्लादेश के साथ उठाए और न्याय के लिए दबाव बनाए सरकार: कांग्रेस
हक प्रशांत
- 19 Apr 2025, 02:14 PM
- Updated: 02:14 PM
नयी दिल्ली, 19 अप्रैल (भाषा) कांग्रेस ने बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के एक नेता भावेश चंद्र रॉय की हत्या की निंदा करते हुए शनिवार को कहा कि सरकार को तत्काल इस मामले को पड़ोसी देश का साथ उठाना चाहिए और दोषियों को न्याय के कठघरे में लाने के लिए दबाव डालना चाहिए।
पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आरोप लगाया कि इस घटना से स्पष्ट है कि बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की हालिया मुलाकात विफल रही है ।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने इस बात पर जोर दिया कि जब इस तरह की लक्षित हिंसा को पनपने दिया जाता है तो चुप्पी और निष्क्रियता कोई विकल्प नहीं है।
रमेश का यह भी कहना है कि कांग्रेस बांग्लादेश में हिंदू समुदाय और धर्मनिरपेक्षता, न्याय और मानवाधिकारों में विश्वास रखने वाले सभी लोगों के साथ एकजुटता से खड़ी है।
खरगे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, "बांग्लादेश में लगातार धार्मिक अल्पसंख्यकों, ख़ासकर हमारे हिंदू भाई-बहनों पर अत्याचार हो रहा है। हिन्दू समुदाय के एक बड़े नेता भावेश चंद्र रॉय की क्रूरतापूर्ण हत्या इस बात का सबूत है कि नरेन्द्र मोदी जी की बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार के साथ मुस्कुराते हुए की गई बैठक विफ़ल रही। "
उन्होंने कहा की संसद में दिए गए सरकार के उत्तर के अनुसार, इससे पहले दो महीनों में ही हिन्दुओं पर 76 हमले हुए, जिसमें 23 हिन्दू मारे गए तथा अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों पर भी हमले जारी हैं।
खरगे का कहना है कि हाल ही में बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार ने भारत के पूर्वोत्तर राज्यों के बारे में एक बेहद निंदनीय और निराशजनक टिपण्णी की थी।
उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर अत्याचार, मानवाधिकार हनन और 1971 के मुक्ति संग्राम की स्मृतियों को जो ख़त्म करने का प्रयास किया जा रहा है वो भारत व बांग्लादेश के रिश्तों को कमजोर करने की कोशिश है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, "1971 से लेकर आज तक, भारत ने हमेशा बांग्लादेश के सभी लोगों की शांति और समृद्धि चाही है, इसी में उपमहाद्वीप की भलाई है।"
रमेश ने एक बयान में कहा, "भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस बांग्लादेश के दिनाजपुर में हिंदू समुदाय के एक प्रमुख नेता भावेश चंद्र रॉय की क्रूर हत्या की कड़ी निंदा करती है। अपहरण और हमले के कारण उनकी दुखद मृत्यु इस क्षेत्र में धार्मिक अल्पसंख्यकों में बढ़ती असुरक्षा की भावना की एक भयावह याद दिलाती है।"
उन्होंने कहा कि यह कोई अकेली घटना नहीं है और पिछले कुछ महीनों में बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों पर हमलों की कई और बेहद परेशान करने वाली घटनाएं हुई हैं, जिनमें हिंदू मंदिरों को अपवित्र करने से लेकर अल्पसंख्यकों के घरों और व्यवसायों पर लक्षित हमले शामिल हैं।
रमेश के अनुसार, धमकी और क्रूरता के इस सिलसिले को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा, "कांग्रेस पार्टी भारत सरकार से आग्रह करती है कि वह इस मामले को सर्वोच्च तत्परता से उठाए और बांग्लादेश सरकार पर दबाव डाले कि वह त्वरित, पारदर्शी जांच सुनिश्चित करे और दोषियों को न्याय के कठघरे में लाए।"
रमेश ने कहा, "हम अपनी मांग दोहराते हैं कि बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा, सम्मान और अधिकारों की पूरी तरह से रक्षा की जाए। जब इस तरह की लक्षित हिंसा को पनपने दिया जाता है तो चुप्पी और निष्क्रियता कोई विकल्प नहीं है।"
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कांग्रेस बांग्लादेश में हिंदू समुदाय और धर्मनिरपेक्षता, न्याय और मानवाधिकारों में विश्वास रखने वाले सभी लोगों के साथ एकजुटता से खड़ी है।
भाषा हक