एटकिन के निधन के बाद मकान का कब्जा उसके असली मालिक के पास: पुलिस
जोहेब
- 19 Apr 2025, 03:46 PM
- Updated: 03:46 PM
उत्तराखंड—एटकिन—विवाद
एटकिन के निधन के बाद मकान का कब्जा उसके असली मालिक के पास—पुलिस
देहरादून, 19 अप्रैल (भाषा) पुलिस ने शनिवार को साफ किया कि उत्तराखंड के मसूरी में स्थित जिस घर में अंग्रेजी के मशहूर लेखक बिल एटकिन अपने अंतिम समय तक रहे, उसे लेकर कोई विवाद नहीं है और वह उसके असली मालिक के कब्जे में ही है।
लंबे समय तक मसूरी के बाला हिसार क्षेत्र में एक मकान में रहे ब्रिटिश-भारतीय यात्रा वृतांत लेखक एटकिन (91) का बुधवार रात निधन हो गया था। कुछ समाचार माध्यमों में खबरें आईं कि उस मकान के मालिकाना हक को लेकर विवाद हो गया है।
इस बारे में संपर्क किए जाने पर मसूरी के थानाध्यक्ष संतोष कुंवर ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि जिस मकान में एटकिन रहते थे, वह उनका अपना नहीं था और उसकी मालकिन ने उन्हें वह मकान रहने के लिए दिया था।
उन्होंने बताया कि यह मकान पंजाब की तत्कालीन जिंद रियासत की महारानी पृथ्वी बीर कौर का था जिन्होंने उसका एक हिस्सा एटकिन को जीवनपर्यंत रहने के लिए दे दिया था।
वर्ष 2010 में महारानी का निधन हो गया था लेकिन एटकिन उसमें रहते रहे। अब एटकिन के निधन के बाद मकान का वह हिस्सा महारानी के भतीजे प्रदीप सिंह के पास आ गया है।
कुंवर ने बताया कि महारानी ने अपनी सेवा करने वाले सेवक अरविंद सिंह चौहान को भी बगल में एक मकान बनाकर दिया था, जिसमें वह अब भी अपने परिवार के साथ रह रहा है।
प्रदीप सिंह द्वारा एटकिन के निधन के बाद मकान के उस हिस्से पर जबरन कब्जा करने तथा ताला लगाए जाने के चौहान के आरोपों पर पुलिस अधिकारी ने कहा कि उन्होंने स्वयं मौके पर जाकर पड़ताल की और सभी दस्तावेज देखे जिनसे स्पष्ट है कि प्रदीप सिंह ही उस मकान के असली मालिक हैं।
उन्होंने कहा, “महारानी की मृत्यु के बाद उनकी संपत्ति प्रदीप सिंह के नाम हो गयी है और वह ही उसके मालिक हैं।”
कुंवर ने कहा कि 65 वर्षीय प्रदीप सिंह सेवानिवृत्त शिक्षक हैं और पंजाब के पटियाला में रहते हैं। उन्होंने बताया कि वह बचपन से ही अक्सर इस मकान में आते रहते हैं।
भाषा दीप्ति