गढ़मुक्तेश्वर में दलितों परिवारों को जारी बेदखली नोटिस पर लगी रोक, जांच समिति का गठन
सं आनन्द जोहेब
- 19 Apr 2025, 06:16 PM
- Updated: 06:16 PM
हापुड़ (उप्र), 19 अप्रैल (भाषा) हापुड़ में जिला प्रशासन ने गढ़मुक्तेश्वर में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत दिए गए घरों में रहने वाले दलित परिवारों को जारी बेदखली नोटिस को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
यह फैसला आठ अप्रैल को नगरपालिका की ओर से जारी नोटिस के मामले के तूल पकड़ने के बाद लिया गया है। नोटिस में घरों को खाली करने के लिए 15 दिन का समय दिया गया था। अब इस मामले की विस्तृत जांच करने के लिए तीन सदस्यीय समिति बनाई गई है।
हापुड़ के अपर जिलाधिकारी (एडीएम) संदीप कुमार ने शनिवार को नोटिस रद्द किए जाने की पुष्टि करते हुए कहा, "नगर पालिका ने 41 व्यक्तियों को जारी किए गए नोटिस शुक्रवार को वापस ले लिए हैं। जिला मजिस्ट्रेट ने इस मुद्दे को हल करने के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है, जो सभी संबंधित पक्षों की बात सुनने के बाद दो सप्ताह में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।"
जिला प्रशासन के प्रवक्ता ने बताया कि गढ़मुक्तेश्वर में राजस्व टीम की मौके पर और दस्तावेजी जांच से पता चला कि यह भूमि राजस्व अभिलेखों में तालाब के रूप में दर्ज है, जबकि इस स्थान पर लगभग 35 से 40 वर्ष पुरानी एक आवासीय कॉलोनी मौजूद है।
इंदिरा नगर कॉलोनी के निवासियों ने बताया कि 1986 में नगर पालिका गढ़मुक्तेश्वर ने शुल्क लेकर उन्हें 100-100 वर्ग गज के पट्टे दिए थे, लेकिन राजस्व दस्तावेजों में इन पट्टों को दर्ज नहीं किया गया।
उन्होंने बताया कि इसके चलते नगर पालिका परिषद गढ़मुक्तेश्वर ने 41 निवासियों को अतिक्रमण हटाने के नोटिस जारी कर दिए, जिसके बाद कॉलोनी के निवासियों ने 1986 के पट्टों से संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत करके दोबारा जांच की मांग की।
अधिकारी ने बताया, "इन दस्तावेजों के आधार पर हापुड़ के जिलाधिकारी ने अपर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की है, जिसमें गढ़मुक्तेश्वर के उपजिलाधिकारी और गढ़मुक्तेश्वर नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी शामिल हैं। इस समिति को दो सप्ताह में स्थिति स्पष्ट करने का काम सौंपा गया है।"
समिति द्वारा रिपोर्ट प्रस्तुत किए जाने तक नगर पालिका परिषद ने सभी 41 व्यक्तियों को जारी किए गए बेदखली नोटिस निरस्त कर दिए हैं।
उल्लेखनीय है कि इंदिरा नगर कॉलोनी के दलितों की बस्ती को 1986 में आवासीय पट्टे जारी करके इस स्थान पर पुनर्वासित किया गया था। इससे पहले वे गढ़मुक्तेश्वर जलघर के पास अस्थायी रूप से रह रहे थे। पिछले 35-40 वर्षों से, निवासियों ने कॉलोनी में अपने घर बना लिए हैं, कुछ ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर बनवाए हैं और कुछ ने अपने आवास बनाने के लिए बैंक से ऋण भी लिया है।
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भाषा सं आनन्द