'संविधान बचाओ रैली' करेगी कांग्रेस, सोनिया, राहुल के खिलाफ आरोप पत्र को षड्यंत्र बताया
हक माधव रंजन
- 19 Apr 2025, 10:06 PM
- Updated: 10:06 PM
नयी दिल्ली, 19 अप्रैल (भाषा) कांग्रेस जाति जनगणना, आरक्षण की सीमा बढ़ाने और "सामाजिक, आर्थिक तथा राजनीतिक न्याय" से जुड़े अन्य मुद्दों को जनता के बीच जोरशोर से उठाने के मकसद से आगामी 25 अप्रैल से देश भर में 'संविधान बचाओ रैली' का आयोजन करेगी।
पार्टी महासचिवों, प्रभारियों और अग्रिम संगठनों के प्रमुखों की शनिवार को हुई बैठक में शनिवार को यह फैसला किया गया।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के नेतृत्व में हुई इस बैठक में यह तय किया गया कि अहमदाबाद अधिवेशन के प्रस्ताव के अनुसार पार्टी के संगठन सृजन अभियान को पूरे देश में ले जाया जाएगा।
इस अभियान को कांग्रेस ने गुजरात शुरू किया है जिसके तहत जिला इकाइयों के अध्यक्षों की शक्तियों में इजाफा करना है।
खरगे ने बैठक को संबोधित करते हुए पार्टी के शीर्ष नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ 'नेशनल हेराल्ड' मामले में आरोपपत्र दाखिल किए जाने को शनिवार को षड्यंत्र करार दिया और कहा कि पार्टी इससे डरने वाली नहीं है।
यह उम्मीद भी जताई कि वक्फ संशोधन अधिनियम मामले में उच्चतम न्यायालय में सरकार के खिलाफ विपक्ष की जीत होगी।
कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि 'उपयोग के कारण वक्फ' के साथ सरकार ने छेड़छाड़ की है ताकि वक्फ संपत्तियों को विवादों में घसीटा जा सके।
बैठक के बाद कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने संवाददाताओं से कहा कि इस बैठक में अहमदाबाद में पारित प्रस्ताव "न्याय पथ: संकल्प, समर्पण, संघर्ष" पर चर्चा हुई।
उन्होंने बताया कि बैठक में तय किया गया है कि गुजरात के बाद दूसरे अलग-अलग राज्यों में ‘संगठन सृजन अभियान’ आयोजित किया जाएगा। रमेश ने कहा कि कांग्रेस ने देश भर में 'संविधान बचाओ रैली' आयोजित करने का फैसला किया है।
उनका कहना था, ‘‘25 से 30 अप्रैल तक राज्यों में रैली होगी। इसके बाद तीन से 10 मई तक जिला स्तर पर ऐसी सभाएं होंगी और फिर 11 से 17 मई तक विधानसभा स्तर पर रैली का आयोजन होगा।"
रमेश ने बताया कि 20 से 30 मई घर-घर "संविधान बचाओ अभियान" चलाया जाएगा।
कांग्रेस नेता ने कहा, "राहुल गांधी जी लगातार सामाजिक न्याय पर चर्चा कर रहे हैं। जो प्रस्ताव हमने अपनाया है, उसके तीन महत्त्वपूर्ण बिंदु थे, जो कि सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय है। "
उन्होंने कहा, "सामाजिक न्याय को लेकर तीन मांगे हैं। इसमें जातिगत जनगणना, निजी शैक्षणिक संस्थानों में एससी-एसटी और ओबीसी आरक्षण और आरक्षण में 50 प्रतिशत की सीमा हटाने की मांग शामिल हैं।"
रमेश ने कहा कि आर्थिक न्याय में स्वामीनाथन फार्मूले के तहत न्यूनतम समर्थन मूल्य, किसान कर्जमाफी और देश में बंद पड़े एमएसएमई पर ध्यान देने की मांग शमिल है।
उनका कहना था कि इन्हीं सब मुद्दों को लेकर 25 अप्रैल से देशभर में ‘संविधान बचाओ रैली’ और आयोजित की जाएंगी।
बैठक में खरगे ने पार्टी नेताओं का आह्वान किया कि अहमदाबाद अधिवेशन में पारित प्रस्ताव के संदेश को जिला, मंडल, ब्लाक और बूथ तक पहुंचाना है।
इस बैठक में प्रियंका गांधी वाद्रा समेत पार्टी के कई महासचिव , प्रदेश प्रभारी और कई अन्य नेता मौजूद थे।
खरगे ने हेराल्ड मामले का जिक्र करते हुए कांग्रेस नेताओं से कहा, "आपने गौर किया होगा कि कैसे बड़े षडयंत्र के तहत नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया गांथी जी और राहुल गांधी जी का नाम आरोप पत्र में डाल दिया गया है। पर किसी का भी नाम डाल दें हम डरनेवाले नहीं है। "
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, "इसमें कोई शक नहीं कि यह सब बदले की भावना से किया जा रहा है। 'यंग इंडियन' गैर लाभकारी कंपनी है। इसका मतलब यह है कि 'एजेएल' के शेयर और संपत्ति या लाभ को ना तो कोई ले सकता है और ना ही हस्तांतरित कर सकता है।"
उन्होंने पार्टी नेताओं का आह्वान किया कि भाजपा के लोग झूठ बोलकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं और ऐसे में जनता को सच बताना होगा।
उन्होंने आरोप लगाया कि यह महज संयोग नही हो सकता कि एक तरफ हमारा कांग्रेस का अहमदाबाद अधिवेशन हो रहा हो और उसके तत्काल बाद ईडी की इतनी बड़ी कार्रवाई हो ।
खरगे ने कहा, "मैं यहां आपको याद दिला दूं कि मेरे नेतृत्व में जब रायपुर में कांग्रेस महाधिवेशन हुआ था तो मोदीजी ने वहां भी उसे विफल करने के लिए हमारे नेताओं के ऊपर ईडी, सीबीआई को लगा कर छापेमारी करवायी थी। उनकी मंशा थी कि सत्र न होने पाए। फिर भी यह हुआ।’’
उनका कहना था, "लोक सभा चुनाव के पहले हमारे खाते बंद किए फिर भी हमारा संख्या बल जनता ने लोकसभा में दो गुना कर दिया। हमारी लड़ाई कमजोर नहीं पड़ी।"
खरगे ने वक्फ मामले का उल्लेख करते हुए कहा, "सरकार के वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ कांग्रेस पार्टी ने पूरे विपक्ष को एकत्र किया और का विरोध किया। इंडिया गठबंधन के सभी दल के लोगों ने साथ दिया।"
उन्होंने इस बात पर खुशी जताई कि कांग्रेस और विपक्ष के दूसरे दलों ने जिन बिंदुओं को रखा था, उच्चतम न्यायालय ने उनको महत्व दिया है।
उनके अनुसार, न्यायालय ने 'उपयोग के कारण वक्फ' पर विशेषतौर पर संज्ञान लिया है, जिसे सरकार द्वारा जानबूझ कर वक्फ की संपत्तियों को विवाद में डालने के लिए ही लाया गया है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, "इस मामले की सुनवाई अभी कर रही है, हमें पूरा भरोसा है कि हम इस लड़ाई को भी जीतेंगे। "
भाषा हक माधव