अमृतपाल के पिता ने अपने बेटे की हिरासत बढ़ाने के लिए पंजाब सरकार की आलोचना की
आशीष अमित
- 20 Apr 2025, 10:47 PM
- Updated: 10:47 PM
(फोटो के साथ)
चंडीगढ़, 20 अप्रैल (भाषा) जेल में बंद कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह के पिता तरसेम सिंह ने अपने बेटे की राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत हिरासत बढ़ाने के लिए आम आदमी पार्टी (आप) नीत पंजाब सरकार की रविवार को आलोचना की। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार खडूर साहिब के सांसद अमृतपाल को सलाखों के पीछे रखना चाहती है क्योंकि वह उन्हें राजनीतिक क्षेत्र में ‘‘खतरा’’ मानती है।
तरसेम की यह प्रतिक्रिया पंजाब सरकार द्वारा एनएसए के तहत अमृतपाल की हिरासत को एक और साल के लिए बढ़ाये जाने के बाद आई है।
सिखों की सर्वोच्च धार्मिक संस्था अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गडगज ने भी अमृतपाल की हिरासत बढ़ाए जाने की निंदा करते हुए इसे ‘‘कानून का दुरुपयोग’’ करार दिया और कहा कि अगर सरकार एक निर्वाचित प्रतिनिधि के साथ इस तरह का व्यवहार कर सकती है, तो आम नागरिकों के मामले में क्या उम्मीद की जा सकती है।
अमृतपाल (32) असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद है। 23 अप्रैल, 2023 को गिरफ्तार किए जाने के बाद से उसे एनएसए के तहत हिरासत में रखा गया है।
अमृतसर में मीडिया से बातचीत में तरसेम ने अमृतपाल की हिरासत अवधि बढ़ाए जाने की कड़ी निंदा की और आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने ‘‘सभी नियमों को ताक पर रख दिया है।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि अमृतपाल को तीसरी बार एनएसए के तहत हिरासत में लेना ‘‘लोकतंत्र पर धब्बा’’ है।
उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने एनएसए के तहत अमृतपाल की हिरासत का नया आदेश जारी करने में केंद्र के साथ मिलीभगत की है। अमृतपाल की हिरासत अवधि बढ़ाने के पंजाब सरकार के कदम के बारे में पूछे जाने पर तरसेम ने कहा कि उनके बेटे के राजनीति में आने से आप सरकार को ‘‘खतरा’’ महसूस हो रहा है।
पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने वाले अमृतपाल खडूर साहिब से निर्वाचित हुए थे।
तरसेम ने आरोप लगाया, ‘‘अमृतपाल का राजनीति में आना उनके लिए खतरा बन गया है। उसने (अमृतपाल) एक राजनीतिक पार्टी बनाई। बैसाखी पर (बठिंडा में) आयोजित एक सम्मेलन में बड़ी भीड़ जुटी थी। उनमें अमृतपाल का सामना करने की हिम्मत नहीं है, इसीलिए वे उसे सलाखों के पीछे रखना चाहते हैं।’’
तरसेम ने कहा कि अमृतपाल ने चुनाव लड़ा था और वह लोगों के मुद्दे उठाना चाहते हैं, लेकिन उन्हें ऐसा करने से रोका जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि पंजाब सरकार सभी मोर्चों पर ‘‘विफल’’ रही है।
जनवरी में, कट्टरपंथी नेताओं और अमृतपाल के समर्थकों ने माघी मेले के अवसर पर एक नया क्षेत्रीय राजनीतिक संगठन ‘अकाली दल वारिस पंजाब दे’ का गठन किया था।
अमृतसर (ग्रामीण) के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से प्राप्त प्रस्ताव के बाद, अमृतसर जिला मजिस्ट्रेट ने 17 अप्रैल को अमृतपाल की हिरासत का नया आदेश जारी किया। आदेश में कहा गया है, ‘‘मैं इस बात से पूरी तरह संतुष्ट हूं कि आप (अमृतपाल) हिरासत से रिहा होने पर नुकसानदेह गतिविधियों में लिप्त होकर राज्य की सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था के लिए गंभीर और आसन्न खतरा होंगे।’’
आदेश में कहा गया, ‘‘इसलिए, यह निर्देश देने के लिए एक नया आदेश जारी करना आवश्यक है कि आपकी हिरासत की वर्तमान अवधि समाप्त होने के बाद 23 अप्रैल, 2025 को आपको फिर से हिरासत में लिया जाए, ताकि आपको राज्य की सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए नुकसानदेह तरीके से कार्य करने से रोका जा सके।’’
इस बीच, अमृतपाल के चाचा सुखचैन सिंह ने अन्य लोगों के साथ अमृतसर में जत्थेदार कुलदीप सिंह गडगज से मुलाकात की।
जत्थेदार ने कहा कि पंजाब सरकार और केंद्र दोनों को पंजाब के लोगों की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए और निर्वाचित प्रतिनिधि के खिलाफ एनएसए की कार्रवाई तुरंत वापस लेनी चाहिए।
गडगज ने कहा कि जब सिख मांग करते हैं कि गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त और विशिष्ट कानून बनाए जाएं, तो सरकारें इस संवेदनशील मामले के प्रति कोई गंभीरता नहीं दिखाती हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि हालांकि, जब सिखों को ‘‘दबाने’’ की बात आती है, तो उन्हें लंबे समय तक कैद करने के लिए एनएसए जैसे कानूनों का ‘‘दुरुपयोग’’ किया जाता है।
उन्होंने सभी पंथिक (सिख धार्मिक) संगठनों और राजनीतिक दलों से एकजुट होकर इस मुद्दे को सामूहिक रूप से उठाने का आह्वान किया।
‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के प्रमुख अमृतपाल को उसके नौ साथियों के साथ 2023 में एनएसए के तहत जेल में डाल दिया गया था। एक महीने से अधिक समय तक तलाशी के बाद 23 अप्रैल, 2023 को अमृतपाल को मोगा के रोडे गांव से गिरफ्तार किया गया था।
भाषा आशीष