माकपा ने मुर्शिदाबाद हिंसा की न्यायिक जांच की मांग की, शुभेंदु ने ‘बुलडोजर कार्रवाई’ के प्रति चेताया
आशीष नरेश
- 20 Apr 2025, 10:10 PM
- Updated: 10:10 PM
(फोटो के साथ)
कोलकाता, 20 अप्रैल (भाषा) मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में हाल में हुए सांप्रदायिक दंगों की न्यायिक जांच की मांग करते हुए रविवार को आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 2026 के विधानसभा चुनावों में फायदा उठाने के लिए मिलकर हिंसा की साजिश रची।
दूसरी ओर, भाजपा ने आगाह किया है कि यदि चुनाव के बाद राज्य में पार्टी की सरकार बनी तो अपराधियों के खिलाफ ‘‘बुलडोजर चलाया जाएगा।’’
राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने राज्य सरकार से हिंसा प्रभावित लोगों, विशेषकर महिलाओं की शिकायतों के समाधान के लिए तत्काल कार्रवाई करने की अपील की। उन्होंने कहा कि आयोग एक रिपोर्ट तैयार कर रहा है, जिसे शीघ्र ही केंद्र को सौंपा जाएगा और उसकी प्रतियां राज्य के शीर्ष अधिकारियों को भेजी जाएंगी।
कोलकाता के ब्रिगेड परेड मैदान में माकपा के सहयोगी संगठनों की रैली से 2026 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव अभियान का बिगुल फूंकते हुए पार्टी के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम ने आरोप लगाया कि तृणमूल और भाजपा बेरोजगारी, महंगाई और भ्रष्टाचार जैसे ज्वलंत मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने के लिए ‘‘प्रतिस्पर्धी सांप्रदायिकता’’ में लिप्त हैं।
वरिष्ठ वामपंथी नेता ने आरोप लगाया कि भाजपा और तृणमूल 2026 के चुनावों से पहले मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने के लिए ‘‘एक-दूसरे की मदद’’ कर रही हैं।
सलीम ने कहा, ‘‘हम सच्चाई सामने लाने के लिए मुर्शिदाबाद दंगों की न्यायिक जांच चाहते हैं। तृणमूल और भाजपा प्रतिस्पर्धी सांप्रदायिकता में लिप्त हैं, जो आम लोगों को प्रभावित करने वाले वास्तविक मुद्दों से ध्यान भटकाने की एक हताश चाल के अलावा और कुछ नहीं है।’’
राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने पूर्व मेदिनीपुर जिले में एक रैली में मुस्लिम बहुल मुर्शिदाबाद से हिंदुओं के पलायन को सुनिश्चित करने के प्रयासों के खिलाफ आगाह किया। तृणमूल पर कट्टरपंथी ‘जेहादियों’ द्वारा ऐसे प्रयासों को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए, भाजपा नेता ने हिंदुओं से एकजुट रहने और यह सुनिश्चित करने के लिए वोट देने को कहा कि ‘‘उनका अस्तित्व दांव पर न लगे और उनकी धार्मिक पहचान सुरक्षित रहे।’’
उन्होंने यह भी कहा कि 2026 के विधानसभा चुनावों के बाद भाजपा सत्ता में आती है, तो मुर्शिदाबाद में हिंसा के पीछे जो भी लोग हैं, उन्हें ‘‘उनके कर्मों की सजा दी जाएगी और उनके घरों को बुलडोजर से जमींदोज कर दिया जाएगा।’’
सत्तारूढ़ सरकार पर निशाना साधते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता अमित मालवीय ने मुर्शिदाबाद हिंसा को रोकने में प्रशासन की कथित विफलता के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग की।
मालवीय ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि मुख्यमंत्री लगातार दावा कर रही हैं कि मुर्शिदाबाद हिंसा की साजिश बाहरी तत्वों ने रची थी लेकिन 11-12 अप्रैल को जिले के कुछ हिस्सों में हुए दंगों को लेकर राज्य पुलिस बल का बयान उनके दावों के विपरीत है।
बनर्जी ने शनिवार रात को एक खुले पत्र में आरोप लगाया था कि भाजपा और आरएसएस ने राज्य में ‘‘दुर्भावनापूर्ण दुष्प्रचार’’ शुरू किया है। मुख्यमंत्री ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की। उन्होंने हिंसा का जिक्र करते हुए कहा था कि ‘‘ये ताकतें (भाजपा एवं आरएसएस) उकसावे पर हुई एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना की पृष्ठभूमि का इस्तेमाल विभाजनकारी राजनीति करने के लिए कर रही हैं।’’
उन्होंने पत्र में कहा था, ‘‘पश्चिम बंगाल में भाजपा और उसके सहयोगी अचानक बहुत आक्रामक हो गए हैं। इन सहयोगियों में संघ भी शामिल है। मैंने पहले संघ का नाम नहीं लिया था लेकिन अब मुझे उसका नाम लेने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। इन सभी ने मिलकर राज्य में दुष्प्रचार अभियान शुरू किया है।’’
बनर्जी ने आरोप लगाया, ‘‘उन्होंने रामनवमी पर आग भड़काने की साजिश रची थी, लेकिन पश्चिम बंगाल में रामनवमी का उत्सव सबसे शांतिपूर्ण रहा। इसके बाद उन्होंने वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ आंदोलन से संबंधित कुछ मामलों का इस्तेमाल करने की कोशिश की।’’
मुर्शिदाबाद और पड़ोसी मालदा की यात्रा करने वालीं रहाटकर ने संवाददाताओं से कहा कि पिछले दो दिनों में वह और समिति की अन्य सदस्य कई महिलाओं, उनके परिवारों और बच्चों से मिली हैं। एनसीडब्ल्यू अध्यक्ष ने कहा कि पीड़िताओं ने जो यातनाएं झेली हैं, वे ‘‘कल्पना से परे हैं, जिन्हें शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। उनके मन पर गहरा घाव छोड़ गई हैं’’ जिन्हें मानवीय दृष्टिकोण के साथ तत्काल भरने और समाधान करने की जरूरत है।
उन्होंने राज्य प्रशासन द्वारा विश्वास बहाली के उपायों की वकालत करते हुए कहा, ‘‘शांति स्थापित करने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है।’’
रहाटकर ने कहा, ‘‘इन महिलाओं को जो पीड़ा झेलनी पड़ रही है, उसे देखकर मैं स्तब्ध हूं। हिंसा के दौरान उन्होंने जो कुछ झेला, वह कल्पना से परे है।’’
सूत्रों ने बताया कि एनसीडब्ल्यू प्रमुख ने राजभवन में राज्यपाल सी वी आनंद बोस से भी मुलाकात की और मुर्शिदाबाद तथा मालदा के अपने दौरे से उन्हें अवगत कराया।
रहाटकर ने राज्य महिला आयोग से प्रभावित महिलाओं की यथाशीघ्र सहायता करने का आग्रह किया। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष लीना गंगोपाध्याय ने कहा कि आयोग दंगा प्रभावित लोगों के संपर्क में है, लेकिन इस समय उनसे मिलने नहीं गया है, ‘‘क्योंकि हम घटनास्थल पर जाने से पहले हालात के थोड़ा शांत होने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।’’
गंगोपाध्याय ने कहा कि राज्य महिला आयोग निश्चित रूप से आने वाले दिनों में क्षेत्र का दौरा करेगा।
मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के विरोध में तीन लोगों की मौत हो गई, कई अन्य घायल हो गए और कई संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया।
भाषा आशीष