श्रीलंका के कार्डिनल ने ‘ईस्टर संडे’ जांच को लेकर ‘डीप स्टेट’ को खत्म करने पर जोर दिया
सुरभि नरेश
- 21 Apr 2025, 03:37 PM
- Updated: 03:37 PM
कोलंबो, 21 अप्रैल (भाषा) श्रीलंका में स्थानीय कैथोलिक गिरजाघर के प्रमुख कार्डिनल मैल्कम रंजीत ने सोमवार को देश के अंदर ‘‘डीप स्टेट’’ को खत्म करने पर जोर दिया। कार्डिनल का आरोप है कि देश के अंदर मौजूद ये ‘‘डीप स्टेट’’ (नीति-निर्माण को नियंत्रित करने वाले प्रभावशाली, ताकतवर गैर सरकारी तत्व) ही 2019 के ‘‘ईस्टर संडे’’ हमलों में विश्वसनीय जांच को रोकने के लिए जिम्मेदार हैं।
आईएसआईएस से जुड़े स्थानीय इस्लामी चरमपंथी समूह नेशनल तौहीद जमात (एनटीजे) के नौ आत्मघाती हमलावरों ने 21 अप्रैल, 2019 को तीन गिरजाघरों और कई आलीशान होटलों में सिलसिलेवार विनाशकारी विस्फोट को अंजाम दिया था, जिसमें 11 भारतीयों सहित 258 लोग मारे गए थे।
राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके से इस घटना के छह साल पूरे होने के अवसर पर आयोजित स्मृति संबोधन में पांच सूत्री अनुरोध करते हुए रंजीत ने कहा, ‘‘‘डीप स्टेट’ समूह के संचालन को समाप्त करने के लिए कानून बनाए जाने चाहिए।’’
उनका संबोधन ऐसे समय में आया है जब दिसानायके ने रविवार को कहा कि उनके पूर्ववर्ती मैत्रिपाला सिरिसेना द्वारा नियुक्त 2019 की राष्ट्रपति समिति की रिपोर्ट को सीआईडी (अपराध अन्वेषण विभाग) को भेजा गया था।
रंजीत ने समिति की रिपोर्ट की अनदेखी करने के लिए सिरीसेना के उत्तराधिकारी गोटबाया राजपक्षे से सार्वजनिक रूप से बहस की थी। समिति की रिपोर्ट में पूर्व खुफिया जानकारी उपलब्ध होने के बावजूद लापरवाही करने के आरोप में सिरीसेना, रक्षा और खुफिया अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की सिफारिश की गई थी।
पीड़ितों को न्याय दिलाने के वास्ते उचित ध्यान नहीं दिए जाने से नाराज कैथोलिक अल्पसंख्यक ने पिछले साल के राष्ट्रपति चुनाव के दौरान दिसानायके का समर्थन किया था।
दिसानायके ने सोमवार को जिम्मेदार लोगों का पर्दाफाश करने और हमलों के ‘मास्टरमाइंड’ की घोषणा करने का वादा किया था।
रंजीत ने दिसानायके से राष्ट्रपति चुने जाने पर पिछले साल अक्टूबर में किए गए अपने वादे को निभाने का आग्रह किया।
सुबह आठ बजकर 45 मिनट पर समूचे श्रीलंका में गिरजाघरों में पीड़ितों की याद में विशेष प्रार्थना की गई और दो मिनट का मौन रखा गया।
भाषा सुरभि