ईडी इस वित्त वर्ष में धोखाधड़ी के शिकार लोगों को 15000 करोड़ रुपये की संपत्ति लौटायेगी
राजकुमार माधव
- 21 Apr 2025, 05:48 PM
- Updated: 05:48 PM
नयी दिल्ली, 21 अप्रैल (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने करीब 15,000 करोड़ रुपये की संपत्ति चिह्नित की है जिसे चालू वित्त वर्ष के दौरान देशभर में ‘रियल एस्टेट’, पोंजी और अन्य धोखाधड़ी के शिकार लोगों को लौटाया जाएगा। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
दस्तावेजों से पता चला है कि इस संघीय जांच एजेंसी ने धनशोधन विरोधी कानून के तहत उपलब्ध संपत्तियों की वापसी के इस प्रावधान को पिछले साल से ‘जोरशोर से’ लागू करना शुरू कर दिया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वित्तीय अपराध में ठगी के शिकार हुए वैध मालिकों और सही दावेदारों को उनका हक वापस मिले।
‘पीटीआई-भाषा’ को मिले रिकार्ड के अनुसार, अब तक इस प्रावधान के तहत कुल 31,951 करोड़ रुपये की संपत्ति संबंधित वैध मालिकों और सही दावेदारों को लौटायी जा चुकी है।
इसमें से 15,201.65 करोड़ रुपये की संपत्ति 2019-21 के बीच भगोड़े आर्थिक अपराधियों-- विजय माल्या और नीरव मोदी से संबंधित तीन धनशोधन मामलों तथा नेशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड (एनएसईएल) मामले में ठगी के शिकार लोगों को लौटायी गयी गई।
अधिकारियों ने बताया कि पिछले वर्ष जून में ईडी निदेशक राहुल नवीन ने धनशोधन के उन सभी मामलों की व्यापक समीक्षा की थी, जहां धोखाधड़ी के शिकार लोगों को उनकी संपत्ति लौटाई जा सकती है तथा निदेशालय ने पुनर्स्थापन प्रक्रिया (ठगी के शिकार लोगों को संपत्ति लौटाने की प्रक्रिया) शुरू करने के वास्ते जो आवेदन दायर किए, उनमें उसने 32 मामलों में अदालती आदेश हासिल किये हैं।
आंकड़ों के अनुसार, अगस्त 2024 से अप्रैल 2025 तक ईडी ने 15,261.15 करोड़ रुपये (वित्त वर्ष 2024-25) और चालू वित्त वर्ष (2025-26) के दौरान 1,488 करोड़ रुपये की संपत्ति बहाल की।
अधिकारियों ने कहा कि ईडी प्रमुख ने हाल में एजेंसी के सभी क्षेत्रों (क्षेत्रीय कार्यालयों) को ‘वित्त वर्ष 2025-26 के दौरान 15,000 करोड़ रुपये की संपत्ति की बहाली के लिए चिह्नित मामलों पर सक्रिय रूप से काम करने’ के निर्देश जारी किए हैं।
अधिकारियों के मुताबिक जांच अधिकारियों और उनके पर्यवेक्षी अधिकारियों को अधिकृत अदालत के सामने विशेष आवेदन दायर करने और अंतिम आदेश जारी होने तक उसे आगे बढ़ाने को कहा गया है। जहां प्रतिपूर्ति की जा सकती है, उन और मामलों पर काम किया जा रहा है।
धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की मौजूदा योजना के तहत, किसी मामले में सुनवाई पूरा होने से पहले ही सक्षम न्यायालय द्वारा निर्दोष निवेशकों की संपत्ति को वापस करने की प्रक्रिया का आदेश दिया जा सकता है। इसके लिए ईडी को अदालत के समक्ष आरोपपत्र दाखिल करने की आवश्यकता है और अदालत को पुनर्स्थापन कार्यवाही शुरू करने से पहले आरोपियों के खिलाफ आरोप निर्धारित कर देना चाहिए।
संपत्ति की प्रतिपूर्ति या बहाली पीएमएलए की धारा 8(8) के तहत की जा सकती है, जिसमें कहा गया है कि यदि कोई संपत्ति केंद्र सरकार (ईडी द्वारा) द्वारा जब्त की गई है, तो विशेष अदालत के पास उस दावेदार को जब्त संपत्ति की बहाली का निर्देश देने की शक्ति है, जिसका संपत्ति में वैध हित है और जिसे धनशोधन के अपराध के परिणामस्वरूप मात्रात्मक नुकसान हुआ है।
प्रतिपूर्ति का आदेश देते समय अदालत को यह निर्धारित करना होता है कि संपत्तियां शुरू में अवैध तरीकों से अर्जित की गई थीं, लेकिन अंततः निर्दोष पक्षों की हैं।
भाषा राजकुमार