नड्डा ने राज्यों में स्वास्थ्य निधि के कम इस्तेमाल पर चिंता जताई
आशीष माधव
- 21 Apr 2025, 09:05 PM
- Updated: 09:05 PM
नयी दिल्ली, 21 अप्रैल (भाषा) केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने राज्यों द्वारा आवंटित स्वास्थ्य निधि के कम उपयोग पर सोमवार को गहरी चिंता व्यक्त की और उनसे स्वास्थ्य सेवा बुनियादी ढांचे में सुधार पर ध्यान केंद्रित करने को कहा।
यहां 17वें सिविल सेवा दिवस समारोह के एक सत्र की अध्यक्षता करते हुए नड्डा ने कहा, ‘‘मैं यह नहीं चलने दूंगा कि पैसा नहीं है या इसे खर्च करने की क्षमता नहीं है। पहले से दिए गए धन के लिए उपयोग प्रमाण पत्र भी जमा नहीं किए गए हैं।’’
उन्होंने हाल में एक राज्य के दौरे का जिक्र किया, जहां बार-बार निविदाओं और उपकरण खरीद में देरी के कारण आवंटित धनराशि तीन साल तक खर्च नहीं हुई। उन्होंने कहा, ‘‘मॉडल बदल गए हैं, नए संस्करण आ गए हैं, लेकिन निविदा प्रक्रिया अभी तक शुरू भी नहीं हुई है।’’
समस्या की जड़ में क्रियान्वयन को बताते हुए नड्डा ने कहा, ‘‘हम दुनिया के सबसे बड़े स्वास्थ्य कवरेज कार्यक्रम का लक्ष्य रख सकते हैं...हम इसे बर्बाद नहीं होने देंगे।’’
उन्होंने कहा कि सभी प्रशासनिक स्तरों पर जवाबदेही और समन्वय आवश्यक है, खासकर तब जब स्वास्थ्य के लिए लोगों द्वारा किया जाने वाला खर्च 62 प्रतिशत से घटकर 39 प्रतिशत हो गया है। उन्होंने इसे आम नागरिकों को होने वाले लाभ का स्पष्ट संकेत बताया।
स्वास्थ्य क्षेत्र में प्रशासनिक सुधार की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए नड्डा ने कहा कि राज्य स्वास्थ्य निदेशकों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों सहित कई अधिकारियों के पास उचित प्रशिक्षण का अभाव है और वे निर्णय लेने में हिचकिचाते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘वे प्रशासनिक रूप से अकुशल हैं। हमें दक्षता विकास और सहायता के माध्यम से उनका सहयोग करना चाहिए।’’
उन्होंने बताया कि कई जिला-स्तरीय प्रशासक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत कार्यक्रम कार्यान्वयन योजना (पीआईपी) से अनभिज्ञ हैं। नड्डा ने सवाल किया, ‘‘अगर उन्हें साल भर की कार्यान्वयन योजना ही नहीं पता तो वे योजना कैसे बना सकते हैं?’’ उन्होंने आईएएस अधिकारियों से पीआईपी की जिम्मेदारी लेने और इसे दिल्ली भेजने से पहले योजना बनाने में जिला अधिकारियों को शामिल करने का आग्रह किया।
भारत के कोविड-19 टीकाकरण अभियान की प्रशंसा करते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, ‘‘हम बूस्टर सहित 220 करोड़ से अधिक खुराक देने में कामयाब हुए...यह इस बात का प्रमाण है कि हमारी स्वास्थ्य प्रणाली कितनी मजबूत है।’’
उन्होंने जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं को और कुशल बनाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने आशा कार्यकर्ताओं पर निर्भरता बढ़ाने और उन्हें प्रोत्साहित करने तथा टेलीमेडिसिन सेवाओं को मजबूत करने का आह्वान किया।
भाषा आशीष