पोप फ्रांसिस की भारत यात्रा की इच्छा अधूरी रह गई
खारी रंजन
- 21 Apr 2025, 09:49 PM
- Updated: 09:49 PM
कोच्चि, 21 अप्रैल (भाषा) पोप फ्रांसिस का भारत के साथ संबंध उम्मीदों और चुनौतियों से भरा रहा। कुछ ही महीने पहले ही उन्होंने वेटिकन के एक पदाधिकारी और भारतीय पादरी को ‘कार्डिनल’ का दर्जा दिया था जो कैथोलिक समुदाय के लिए एक गर्व का क्षण था।
फ्रांसिस का सोमवार को 88 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वह पिछले करीब 1,300 वर्षों में पहले गैर-यूरोपीय पोप थे।
‘ओरिएंटल कैथोलिक चर्च’ में से एक सिरो-मालाबार चर्च में ‘होली मास’ मनाने की परंपरा को लेकर उठे विवाद को सुलझाने के लिए उन्होंने काफी प्रयास किए थे लेकिन प्रयास सफल नहीं हो पाए।
इस बीच, पोप फ्रांसिस ने कुछ भारतीय हस्तियों को संत की उपाधि दी।
पोप फ्रांसिस ने 2014 में केरल के फादर कुरियाकोस एलियास चावारा और सिस्टर यूफ्रेसिया एलुवाथिंगल को संत की उपाधि दी।
इसके बाद केरल में जन्मी एक और कैथोलिक नन मरियम थ्रेसिया को 2019 में रोम के सेंट पीटर बेसिलिका में आयोजित एक समारोह में पोप फ्रांसिस ने संत घोषित किया।
उन्होंने ईसाई धर्म अपनाने वाले देवसहायम पिल्लई को भी संत घोषित किया गया जो संत घोषित होने वाले पहले आम भारतीय बने।
इसके अलावा, सात दिसंबर 2024 को वेटिकन में आयोजित एक भव्य सम्मेलन में 51 वर्षीय भारतीय पादरी जॉर्ज जैकब कूवाकड को पोप फ्रांसिस ने ‘कार्डिनल’ का दर्जा दिया।
सेंट पीटर बेसिलिका में आयोजित इस समारोह में विभिन्न देशों के 21 नए ‘कार्डिनल’ समेत दुनियाभर के पादरी और गणमान्य लोगों ने भाग लिया।
केरल के चंगनास्सेरी के आर्चडायोसिस से ताल्लुक रखने वाले कूवाकड को मिले दर्जे से भारतीय ‘कार्डिनल’ की कुल संख्या छह हो गई, जिससे वेटिकन में देश का प्रतिनिधित्व और मजबूत हुआ।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, अन्य वरिष्ठ नेताओं और देशभर के चर्चों के प्रमुखों ने खुशी और गर्व के साथ इस फैसले का स्वागत किया।
भारत सरकार ने समारोह में शामिल होने के लिए केंद्रीय मंत्री जॉर्ज कुरियन के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल भी भेजा था। समारोह से पहले, भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने पोप फ्रांसिस से मुलाकात की।
इस समारोह के बाद ‘कार्डिनल’ कूवाकड ने कहा कि पोप फ्रांसिस की भारत यात्रा संभवतः 2025 के बाद होगी। जब पोप की यात्रा के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि फ्रांसिस भारत कब आएंगे?
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘संभावना है कि उनकी यात्रा 2025 के बाद होगी, जो ‘जुबली ईयर’ है। इस वर्ष रोम में बहुत समारोह आयोजित होंगे और इसलिए पोप के वहां मौजद रहने की सबसे अधिक संभावना है।’’
साथ ही, उन्होंने यह भी कहा था कि निकट भविष्य में पोप की यात्रा से इनकार नहीं किया जा सकता है। हालांकि, पोप के निधन से उनकी भारत यात्रा की इच्छा अधूरी रह गई।
भाषा
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