बंगाल की मुख्यमंत्री ने सालबोनी में 1,600 मेगावाट के ताप विद्युत संयंत्र की आधारशिला रखी
शुभम रंजन
- 21 Apr 2025, 10:27 PM
- Updated: 10:27 PM
सालबोनी (पश्चिम बंगाल), 21 अप्रैल (भाषा) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को पश्चिमी मेदिनीपुर जिले के सालबोनी में 1,600 मेगावाट के अल्ट्रा-सुपरक्रिटिकल ताप विद्युत संयंत्र की आधारशिला रखी, इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह ग्रीनफील्ड परियोजना राज्य के औद्योगिक एवं बुनियादी ढांचे के विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
आधारशिला रखने के बाद एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने बंगाल में निवेश प्रस्तावों का कथित क्रियान्वयन नहीं करने के लिए उनकी सरकार पर निशाना साधने पर विपक्ष की आलोचना की और कहा, "आप मेरी आलोचना कर सकते हैं, लेकिन मुझे नजरअंदाज नहीं कर सकते... हम ज्यादा कुछ नहीं कहते, हम सही तरीके से काम करते हैं।"
उन्होंने कहा, "मैं चाहती हूं कि सभी एक-दूसरे से प्रेम करें... भारत एक विशाल देश है, लेकिन अनूठा भी है। हमें याद रखना होगा कि हमारे राज्य, भोजन, भाषाएं, संस्कृतियां, धर्म और त्यौहार अलग-अलग हैं, लेकिन हम एक साथ हैं। हम इसे मजबूत बनाना चाहते हैं, विभाजित नहीं करना चाहते।"
जेएसडब्ल्यू एनर्जी द्वारा 16,000 करोड़ रुपये के निवेश से निर्मित किये जाने वाले इस संयंत्र में 800 मेगावाट की दो इकाइयां होंगी। पहली इकाई 42 महीने में तथा दूसरी 48 महीने में चालू होने की उम्मीद है।
ममता ने इस कार्यक्रम में कहा, "यह पश्चिम बंगाल के लिए एक ऐतिहासिक परियोजना है और पूर्वी भारत में अपनी तरह की पहली परियोजना है। यह 23 जिलों को कवर करेगी और 15,000 लोगों के लिए रोजगार पैदा करेगी।" उन्होंने डिजिटल दीप प्रज्वलित किया और आधारशिला का अनावरण किया।
बिजली क्षेत्र पर अपनी सरकार के जोर को रेखांकित करते हुए ममता ने कहा कि उनकी सरकार के सत्ता में आने के बाद से पश्चिम बंगाल में उत्पादन क्षमता में भारी विस्तार हुआ है।
उन्होंने घोषणा की, "जब हमने 2011 में कार्यभार संभाला था, तब बिजली उत्पादन क्षमता केवल 2,000 मेगावाट थी। आज यह बढ़कर 10,000 मेगावाट हो गई है और हम इसे बढ़ाकर 18,000 मेगावाट करने के लिए काम कर रहे हैं। हमारा बिजली विभाग पांच नए संयंत्र विकसित कर रहा है और हम इस क्षेत्र में अतिरिक्त 48,000 करोड़ रुपये का निवेश करेंगे।"
उन्होंने कहा कि संतालडीह, दुर्गापुर और सागरदीघी में नए बिजली संयंत्र लगाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अधिक बिजली उत्पादन से अंततः उपभोक्ताओं के लिए यूनिट की कीमतों में कमी आएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार राज्य भर में चौबीस घंटे बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए 2011 से अब तक 76,000 करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है।
उन्होंने बिजली उपभोक्ताओं की संख्या में वृद्धि की ओर भी ध्यान दिलाया (जो 2011 में 1.07 करोड़ से बढ़कर वर्तमान में 2.30 करोड़ हो गई है) जिससे बढ़ती मांग व मजबूत बुनियादी ढांचे की आवश्यकता का पता चलता है।
बनर्जी ने कहा, "देउचा-पचामी में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कोयला परिसर बन रहा है। इसके चालू हो जाने पर पश्चिम बंगाल में बिजली संकट नहीं रहेगा।"
जेएसडब्ल्यू समूह के अध्यक्ष सज्जन जिंदल ने सालबोनी को समूह के लिए एक "स्वप्न" बताया और राज्य की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया।
जिंदल ने कहा, "यह जमीन किसानों की है और उन्हें इस जगह पर लगने वाले उद्योग से लाभ मिलना चाहिए। सालबोनी पावर प्लांट में उच्चतम श्रेणी की तकनीक होगी और इसमें प्रदूषण बिल्कुल नहीं होगा और यह तेजी से विकसित हो रहे बंगाल की बढ़ती ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में मदद करेगा।"
इस कार्यक्रम में भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली और तृणमूल कांग्रेस के सांसद दीपक अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य ने बुनियादी ढांचे में सुधार के तहत हाल के वर्षों में 3.5 लाख किलोमीटर नयी बिजली की तारें बिछाई हैं और 750 नए उपकेंद्र स्थापित किए हैं।
ममता ने कहा कि जेएसडब्ल्यू समूह सालबोनी में 2000 एकड़ भूमि पर एक औद्योगिक पार्क भी स्थापित करेगा। उन्होंने समूह से एक कौशल प्रशिक्षण केंद्र बनाने का भी आग्रह किया।
उन्होंने समूह को केंद्र बनाने के लिए हरसंभव मदद देने का आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आर्थिक गतिविधियों को सुविधाजनक बनाने के लिए राज्य में छह आर्थिक गलियारे स्थापित किए जा रहे हैं।
पुरुलिया के रघुनाथपुर में 72,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है और पांच बड़ी कंपनियां वहां अपनी इकाइयां स्थापित करेंगी
भाषा
शुभम