इटावा लॉयन सफारी पार्क में शेरनी रूपा ने तीन स्वस्थ शावकों को जन्म दिया
सं आनन्द जफर खारी
- 22 Apr 2025, 12:26 AM
- Updated: 12:26 AM
इटावा, 21 अप्रैल (भाषा) उत्तर प्रदेश के इटावा लॉयन सफारी पार्क के बब्बर शेर प्रजनन केंद्र में बब्बर शेरनी रूपा ने तीन शावकों को जन्म दिया है। एक अधिकारी ने सोमवार को बताया कि शेरनी रूपा और उसके तीनों शावक पूरी तरह से स्वस्थ हैं।
इटावा लॉयन सफारी पार्क और बब्बर शेर प्रजनन केंद्र के निदेशक अनिल कुमार पटेल ने बताया, “शेरनी रूपा ने 20-21 अप्रैल की दरमियानी रात को 12.35 बजे अपने पहले शावक, 1.42 बजे दूसरे शावक और सोमवार सुबह 5.59 बजे तीसरे शावक को जन्म दिया। तीनों शावक और शेरनी स्वस्थ हैं। रूपा सक्रिय रूप से उनकी देखभाल कर रही है।”
शेरनी रूपा का जन्म 26 जून 2019 को हुआ था और उसने तीसरी बार शावकों को जन्म दिया है। इस साल पांच जनवरी को उसका मिलन बब्बर शेर कान्हा के साथ हुआ था। उसका प्रसव 17 से 22 अप्रैल के बीच होना था, इसलिए सफारी प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद था।
अधिकारियों के मुताबिक, सीसीटीवी कैमरों से शेरनी और उसके शावकों की निगरानी की जा रही है। उन्होंने बताया कि नवजात शावक शेरनी का दूध पीने का प्रयास कर रहे हैं।
पटेल ने बताया कि तीन शावकों के जन्म से इटावा लॉयन सफारी पार्क में बब्बर शेरों की संख्या बढ़कर 21 हो गई है, जिसमें 16 बब्बर शेर ऐसे हैं, जिनकी पैदाइश इटावा सफारी में हुई है।
उप निदेशक एके सिंह ने कहा कि रूपा ने पहले तीन सितंबर 2023 को अपने पहले शावक को जन्म दिया था, लेकिन उसने बच्चे को दूध नहीं पिलाया।
उन्होंने कहा, ‘‘उस शावक को सफारी के पशु चिकित्सकों और रखवालों द्वारा हाथ से खाना खिलाया गया और उसकी देखभाल की गई। अब वह लगभग डेढ़ साल का है और स्वस्थ है।’’
रूपा की मां शेरनी जेसिका का उल्लेख करते हुए सिंह ने प्रजनन कार्यक्रम की सफलता पर भी प्रकाश डाला जिसने 2016 और 2020 के बीच सिम्बा, सुल्तान, बाहुबली, भारत, रूपा, सोना, गार्गी और नीरजा सहित कई शावकों को जन्म दिया।
इसके अलावा, 2020 में गुजरात से इटावा लाई गई शेरनी जेनिफर ने दो नर शावकों को जन्म दिया जिसमें 2020 में केसरी और 2022 में विश्वा को जन्म दिया।
उन्होंने कहा कि मार्च 2025 में शेरनी नीरजा ने तीन शावकों को जन्म दिया जो अब एक महीने से अधिक उम्र के हैं।
रूपा के नवीनतम शावकों के साथ, इटावा लॉयन सफारी पार्क में पैदा हुए शावकों की कुल संख्या 16 तक पहुंच गई है जिनमें से नौ दूसरी पीढ़ी के हैं।
सिंह ने कहा, ‘‘इस समय पार्क में 21 शेर हैं, जिनमें से 16 सफारी में ही पैदा हुए हैं।’’
भाषा सं आनन्द जफर