जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में कई लोगों की मौत, कम से कम 20 घायल
जोहेब पवनेश
- 22 Apr 2025, 08:00 PM
- Updated: 08:00 PM
(तस्वीरों के साथ और स्लग में बदलाव)
श्रीनगर, 22 अप्रैल (भाषा) कश्मीर के पहलगाम कस्बे के निकट एक खूबसूरत घास के मैदान में मंगलवार को आतंकवादियों द्वारा की गई गोलीबारी में कई पर्यटकों के मारे जाने और कम से कम 20 के घायल होने की आशंका है।
जिस समय यह आतंकी हमला हुआ उस समय पर्यटक यहां आम दिनों की तरह खूबसूरत नजारों का आनंद ले रहे थे।
एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने विस्तृत जानकारी दिये बिना अनुमान व्यक्त किया कि मृतकों की संख्या 20 से अधिक हो सकती है।
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस आतंकी हमले को “हाल के वर्षों में आम लोगों पर हुए किसी भी हमले से कहीं बड़ा” बताते हुए कहा कि मृतकों की संख्या का पता लगाया जा रहा है।
अधिकारियों ने कहा कि हमला ऐसे समय हुआ है जब अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे डी वेंस भारत दौरे पर हैं। हमला दोपहर करीब तीन बजे हुआ।
यह फरवरी 2019 में पुलवामा में हुए आत्मघाती हमले के बाद से कश्मीर में हुआ सबसे बड़ा आतंकी हमला हो सकता है। पुलवामा में आतंकी हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 47 जवानों की जान चली गई थी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आतंकी हमले की निंदा की और कहा कि आतंकियों को बख्शा नहीं जाएगा।
मोदी ने 'एक्स' पर कहा, “मैं जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करता हूं। जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खो दिया है, उनके प्रति मेरी संवेदना व्यक्त करता हूं। मैं घायल लोगों के जल्द से जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं। प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है।”
उन्होंने कहा, “इस जघन्य कृत्य के पीछे जो लोग हैं, उन्हें न्याय के कटघरे में लाया जाएगा...उन्हें बख्शा नहीं जाएगा! उनका नापाक एजेंडा कभी सफल नहीं होगा। आतंकवाद से लड़ने का हमारा संकल्प अडिग है और यह और भी मजबूत होगा।”
पहलगाम शहर से लगभग छह किलोमीटर दूर बैसरन घने देवदार के जंगलों और पहाड़ों से घिरा एक विशाल घास का मैदान है तथा पर्यटकों और ‘ट्रेकर्स’ के बीच पसंदीदा स्थान है।
अधिकारियों ने बताया कि हथियारबंद आतंकवादी 'मिनी स्विट्जरलैंड' कहे जाने वाले घास के मैदान में घुस आए और भोजनालयों के आसपास घूम रहे, टट्टू की सवारी कर रहे व पिकनिक मना रहे व नजारों का आनंद ले रहे पर्यटकों पर गोलीबारी शुरू कर दी।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सऊदी अरब की यात्रा पर गए प्रधानमंत्री को जानकारी दी और कहा कि वह सभी एजेंसियों के साथ तत्काल सुरक्षा समीक्षा बैठक करने के लिए श्रीनगर जा रहे हैं।
शाह ने ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले से दुखी हूं। मेरी संवेदनाएं मृतकों के परिजनों के साथ हैं। इस जघन्य आतंकी हमले में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा और हम अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई करेंगे तथा उन्हें कड़ी से कड़ी सजा देंगे।’’
घटनास्थल के कथित वीडियो में शवों और रोती हुईं महिलाओं का दहला देने वाला दृश्य देखा जा सकता है। हालांकि इस वीडियो की आधिकारिक रूप से पुष्टि नहीं हुई है।
हमले के समय घटनास्थल पर मौजूद एक महिला ने ‘पीटीआई-भाषा’ को फोन पर बताया, “मेरे पति के सिर में गोली लगी, जबकि सात अन्य लोग भी हमले में घायल हुए हैं।”
महिला ने अपनी पहचान नहीं बताई, लेकिन घायलों को अस्पताल पहुंचाने में मदद की गुहार लगाई।
एक अन्य महिला पर्यटक ने बताया कि जैसे ही गोलियां चलीं, वहां अफरातफरी मच गई और पर्यटक छिपने के लिए भागे, लेकिन खुले स्थान पर छिपने के लिए कोई जगह नहीं थी।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने घटना की निंदा की।
अब्दुल्ला ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, "मृतकों की संख्या का पता लगाया जा रहा है, इसलिए मैं विस्तृत विवरण नहीं दे पाउंगा। स्थिति स्पष्ट होने पर आधिकारिक रूप से सूचित किया जाएगा। यह हाल के वर्षों में आम लोगों पर हुए किसी भी हमले से कहीं बड़ा हमला है।"
उन्होंने कहा, "मैं स्तब्ध हूं। हमारे आगंतुकों पर यह हमला घृणित है। इस हमले को अंजाम देने वाले अपराधी जानवर हैं, अमानवीय हैं और नफरत के लायक हैं। इसकी निंदा के लिए कोई भी शब्द पर्याप्त नहीं है। मैं मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं।"
पहलगाम से नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायक अल्ताफ अहमद वानी ने इस हमले को "कायरतापूर्ण" बताया और कहा कि निर्दोष लोगों को निशाना बनाना इस्लाम की शिक्षाओं के खिलाफ है।
उन्होंने कहा, “इस कायरतापूर्ण कृत्य के दोषियों से सख्ती से निपटा जाएगा।”
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “यह हमला बहुत दर्दनाक और दुर्भाग्यपूर्ण है। यह अप्रत्याशित स्थान पर हुआ जो पहलगाम (बस स्टैंड) से लगभग पांच किलोमीटर दूर है। इसका इस्तेमाल ट्रैकिंग के लिए किया जाता है और लोग वहां खच्चरों पर सवार होकर जाते हैं।”
पूरा जिला प्रशासन और पुलिस बल मौके पर पहुंचा और एंबुलेंस को घटनास्थल पर भेज दिया गया। एक हेलीकॉप्टर का भी घायलों को बचाने में इस्तेमाल किया गया।
कुछ घायलों को स्थानीय लोग अपने खच्चरों पर लादकर नीचे लाए।
अधिकारियों ने बताया कि गोलीबारी की आवाजें आने की शुरुआती खबर मिलने के बाद सेना, सीआरपीएफ और स्थानीय पुलिस बैसरन पहुंची। बैसरन 1980 के दशक में फिल्म निर्माताओं का बेहद पसंदीदा रहा।
यह घटना ऐसे समय हुई है जब वर्षों तक आतंकवाद से जूझने के बाद कश्मीर में पर्यटकों की संख्या में भारी वृद्धि देखी गई है।
भाषा जोहेब