लेखिका कूमी कपूर ने फिल्म ‘इमरजेंसी’ में तथ्यों को जानबूझकर तोड़-मरोड़कर पेश करने का आरोप लगाया
पारुल पवनेश
- 22 Apr 2025, 08:42 PM
- Updated: 08:42 PM
नयी दिल्ली, 22 अप्रैल (भाषा) बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत की फिल्म ‘इमरजेंसी’ एक बार फिर विवादों में घिर गई है। वरिष्ठ पत्रकार एवं लेखिका कूमी कपूर ने कंगना की फिल्म निर्माण कंपनी ‘मणिकर्णिका फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड’ और ओटीटी मंच नेटफ्लिक्स पर “तथ्यों को जानबूझकर व गलत नीयत से तोड़-मरोड़कर पेश करने” तथा यह दावा करके उनके नाम का फायदा उठाने का आरोप लगाया है कि ‘इमरजेंसी’ उनकी किताब ‘द इमरजेंसी : अ पर्सनल हिस्ट्री’ पर आधारित है।
कपूर ने दावा किया है कि ‘इमरजेंसी’ के निर्माताओं ने फीचर फिल्म में रूपांतरण के लिए किताब के बौद्धिक संपदा अधिकारों के सिलसिले में मणिकर्णिका फिल्म्स, प्रकाशन कंपनी पेंगुइन और उनके बीच हुए त्रिपक्षीय समझौते का “स्पष्ट रूप से उल्लंघन” किया।
पेंग्विन ने 2015 में ‘द इमरजेंसी : अ पर्सनल हिस्ट्री’ का प्रकाशन किया था।
कपूर ने फिल्म के निर्माताओं पर “तथ्यों के साथ बड़े पैमाने पर छेड़छाड़ करने और ऐतिहासिक घटनाओं का भ्रामक चित्रण करने” का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, “मेरी बेटी पेशे से वकील है, इसलिए उसकी सलाह पर मैंने (अनुबंध में) दो खंड शामिल किए थे। (अनुबंध में स्पष्ट था कि) निर्माताओं को फिल्म बनाने के लिए पूरी कलात्मक स्वतंत्रता है, लेकिन इसमें कोई भी ऐसा बदलाव नहीं किया जाना चाहिए, जो सार्वजनिक रूप से उपलब्ध ऐतिहासिक तथ्यों के विपरीत हो।”
कपूर के मुताबिक, “अनुबंध में यह भी कहा गया था कि फिल्म के प्रचार या कमाई के लिए लेखिका और किताब के नाम का इस्तेमाल बिना पूर्व लिखित सहमति के नहीं किया जा सकता। मैं गोवा में थी और उस समय मैंने फिल्म नहीं देखी थी। मुझे भरोसा था कि वे (निर्माता) अनुबंध का सम्मान करेंगे। लेकिन वे अभी भी दावा कर रहे हैं कि फिल्म किताब पर आधारित है।”
उन्होंने बताया कि वह निर्माताओं को दो कानूनी नोटिस भेज चुकी हैं, लेकिन इनमें से किसी का कोई जवाब नहीं मिला है।
अपने आरोपों के समर्थन में कपूर ने अगस्त 2023 में कंगना के भाई और ‘इमरजेंसी’ के निर्माता अक्षित रनौत के साथ व्हॉट्सऐप पर हुई कथित बातचीत का हवाला दिया, जिसमें उन्होंने बार-बार इस बात पर जोर दिया था कि अनुबंध का पालन किया जाना चाहिए और “उनकी किताब पर आधारित” वाक्यांश का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए, हालांकि फिल्म के स्रोत अनुभाग में उनकी किताब का संदर्भ देना स्वीकार्य है।
उन्होंने दावा किया, “बातचीत के दौरान अक्षित ने इन शर्तों पर सहमति जताई थी।”
नेटफ्लिक्स पर उपलब्ध ‘इमरजेंसी’ में एक ‘डिस्क्लेमर’ शामिल है, जिसमें कहा गया है कि “यह फिल्म कूमी कपूर की ‘द इमरजेंसी : अ पर्सनल हिस्ट्री’ और जयंत वसंत शिंदे की ‘प्रियदर्शनी’ से प्रेरित है।”
हालांकि, अंत में ‘डिस्क्लेमर’ का लहजा बदल जाता है और इसमें कहा गया कि यह फिल्म “कूमी कपूर की ‘द इमरजेंसी : अ पर्सनल हिस्ट्री’ और जयंत वसंत शिंदे की ‘प्रियदर्शनी’ जैसी पुस्तकों पर आधारित है”, जिसे लेकर कपूर का तर्क है कि यह सीधे तौर पर अनुबंध की शर्तों के विपरीत है।
लेखिका ने कहा कि अनुबंध पर हस्ताक्षर के दौरान उन्हें बताया गया था कि ‘इमरजेंसी’ में उनकी किताब से पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर केवल एक खास अध्याय को ही शामिल किया जाएगा, लेकिन उन्हें यह देखकर आश्चर्य हुआ कि फिल्म का शीर्षक उनकी किताब के शीर्षक से काफी मिलता-जुलता है।
निर्माताओं को कपूर की ओर से भेजे गए एक कानूनी नोटिस में कहा गया है, “ऐसा प्रतीत होता है कि यह आपकी ओर से जानबूझकर किया गया प्रयास है, ताकि उक्त फिल्म को प्रसिद्धि मिल सके, खासकर तब जब इसे लेकर नकारात्मक टिप्पणियां की गई हैं।”
कपूर ने दावा किया कि फिल्म के कई दृश्यों में ऐतिहासिक तथ्यों के साथ छेड़छाड़ की गई है। उन्होंने कहा कि एक दृश्य में इंदिरा गांधी को तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद को व्यक्तिगत रूप से धमकी देते हुए दिखाया गया है कि वह मंत्रिमंडल से परामर्श किए बिना आपातकाल घोषित कर दें।
कपूर ने कहा कि एक अन्य दृश्य में दर्शाया गया है कि जब आम चुनाव की घोषणा की गई, तो आपातकाल समाप्त हो गया।
उन्होंने कानूनी नोटिस में कहा है, “हकीकत में आपातकाल मार्च 1977 में इंदिरा गांधी के आम चुनाव हारने के बाद ही हटाया गया था।”
नोटिस में तथ्यों के साथ छेड़छाड़ के जो अन्य उदाहरण गिनाए गए हैं, उनमें जयप्रकाश नारायण के 1974 के ‘संपूर्ण क्रांति आंदोलन’ को इंदिरा के 1972 के शिमला समझौते के साथ गलत तरीके से जोड़ा जाना और आपातकाल के दौरान नेताओं की गिरफ्तारी एवं कारावास का गलत चित्रण शामिल है।
कपूर के आरोपों पर प्रतिक्रिया के लिए ‘पीटीआई-भाषा’ ने कंगना की बहन और प्रबंधक रंगोली चंदेल से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन वह इसके लिए उपलब्ध नहीं थीं।
कपूर के अनुसार, मीडिया में इस मुद्दे पर खबरें आने के बाद अक्षित रनौत ने उनसे फोन पर संपर्क किया।
कपूर ने कहा, “हां, उन्होंने (अक्षित) फोन किया। मैंने उनसे कहा कि आप इतने समय से उपलब्ध नहीं थे। उन्होंने मुझसे पूछा, आप क्या चाहती हैं?। मैंने उनसे कहा कि मैं अपने वकील से बात करूंगी।”
हालांकि, नोटिस के मुताबिक कपूर ने फिल्म निर्माताओं के लापरवाह और अवैध आचरण के कारण उन्हें व्यक्तिगत प्रतिष्ठा, पेशेवर, भावनात्मक और वित्तीय स्तर पर हुई क्षति की भरपाई के लिए तत्काल मुआवजा देने की मांग की है।
इसमें कहा गया है, “अगर आप अनुपालन में विफल रहते हैं, तो हमारे मुवक्किल को अपने अधिकारों के इस गंभीर उल्लंघन के लिए उचित उपाय खोजने के वास्ते कानूनी कार्यवाही शुरू करने का अधिकार है।”
कंगना के निर्देशन में बनी और उनके अभिनय से सजी ‘इमरजेंसी’ पहले भी सेंसर प्रमाणपत्र और सिख समुदाय को गलत तरीके से पेश किए जाने के आरोपों को लेकर विवादों में रही थी।
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) और अन्य सिख संगठनों के विरोध के बाद इसे पंजाब के सिनेमाघरों में प्रदर्शित नहीं किया गया था।
भाषा पारुल