जेनसोल इंजीनियरिंग पर 307 करोड़ रुपये का बकाया, सभी विकल्पों पर कर रहे विचार: पीएफसी
रमण अजय
- 22 Apr 2025, 10:09 PM
- Updated: 10:09 PM
नयी दिल्ली, 22 अप्रैल (भाषा) सार्वजनिक क्षेत्र की पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन (पीएफसी) ने मंगलवार को कहा कि वह जेनसोल इंजीनियरिंग से 307 करोड़ रुपये के लंबित बकाये की वसूली को लेकर आगे की कार्रवाई करने और ‘सभी संभावित विकल्प टटोलने’ में सक्रिय रूप से जुटी है।
कंपनी कोष की हेराफेरी और कंपनी संचालन में चूक के कारण बाजार नियामक सेबी की जांच के घेरे में आयी है।
पीएफसी ने बयान में कहा कि कर्ज अदायगी का बेहतर रिकॉर्ड दिखाने के लिए फर्जी दस्तावेज जारी करने के संबंध में आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) में कंपनी के खिलाफ शिकायत भी दर्ज कराई गयी है।
पावर फाइनेंस ने जनवरी, 2023 में जेनसोल इंजीनियरिंग को 633 करोड़ रुपये का कर्ज मंजूर किया था। यह वित्तपोषण 6,000 ईवी की खरीद के लिए दिया गया था। इसके तहत ब्लूस्मार्ट मोबिलिटी की ‘ऑनलाइन’ कार बुकिंग सेवा के लिए पट्टे पर देने के लिए 5,000 इलेक्ट्रिक वाहन खरीद को लेकर 587 करोड़ रुपये और कार्गो संचालन के लिए 1,000 इलेक्ट्रिक तिपहिया वाहन की खरीद को लेकर 46 करोड़ रुपये मंजूर किये गये थे।
हालांकि, कंपनी के अनुसार तिपहिया वाहनों के लिए कर्ज का लाभ नहीं उठाया गया।
पीएफसी ने इलेक्ट्रिक कार के लिए स्वीकृत 587 करोड़ रुपये के ऋण में से, ब्लूस्मार्ट मोबिलिटी को 3,000 इलेक्ट्रिक वाहन पट्टे पर देने के लिए जेनसोल को 352 करोड़ रुपये वितरित किये थे।
वितरित राशि का पुनर्भुगतान शुरू हो गया था और कंपनी ने 45 करोड़ रुपये का भुगतान किया था। इससे 18 अप्रैल, 2025 की स्थिति के अनुसार कंपनी पर 307 करोड़ रुपये का मूल बकाया रह गया।
पीएफसी ने कहा, “जेनसेाल 31 जनवरी, 2025 तक नियमित रूप से अपने बकाये का भुगतान कर रही थी। वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही में पीएफसी ने फरवरी और मार्च 2025 के बकाये को चुकाने के लिए ऋण सेवा आरक्षित खाता (डीएसआरए) का इस्तेमाल किया।’’
कंपनी ने कहा कि इस मामले में आगे की कार्रवाई के लिए सक्रिय रूप से प्रयास के साथ सभी संभावित विकल्पों पर विचार किया जा रहा है।
पीएफसी द्वारा नियुक्त तृतीय पक्ष एजेंसियों ने पुष्टि की है कि 2,741 वाहन कंपनी को दिये गये और इन्हें सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी के पास ‘बंधक’ रखा गया है।
इसके अतिरिक्त, कंपनी ने कहा कि जेनसोल वेंचर्स प्राइवेट लि. की कॉरपोरेट गारंटी और प्रवर्तकों की व्यक्तिगत गारंटी के तौर पर पीएफसी के पास जेनसोल के इक्विटी शेयर और गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर (एनसीडी) रखे हुए हैं।
फर्जी दस्तावेजों पर क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों केयर और इक्रा से मिली सूचना के बारे में, पीएफसी ने स्पष्ट किया कि उसने जिन पत्रों का उल्लेख किया है, उन्हें उसने जारी नहीं किया।
इसके अलावा, इन गड़बड़ियों को देखते हुए, पीएफसी की धोखाधड़ी रोधी नीति के तहत मामले की आंतरिक जांच चल रही है।
इसके अलावा, पीएफसी ने फर्जी दस्तावेज जारी करने के संबंध में आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) में शिकायत दर्ज कराई है।
पीएफसी ने कहा कि वह अपने हितों की रक्षा करने और अपने परिचालन में पारदर्शिता बनाए रखते हुए अपने कर्ज की वसूली सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
उल्लेखनीय है कि पिछले सप्ताह सेबी ने कोष की हेराफेरी और कंपनी संचालन में चूक मामले में जेनसोल इंजीनियरिंग और उसके प्रवर्तकों अनमोल सिंह जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी को अगले आदेश तक प्रतिभूति बाजार से प्रतिबंधित कर दिया था।
भाषा रमण