पहलगाम आतंकी हमले के बाद अमित शाह श्रीनगर पहुंचे, सुरक्षा स्थिति का जायजा लिया
हक जितेंद्र खारी
- 23 Apr 2025, 12:49 AM
- Updated: 12:49 AM
श्रीनगर, 22 अप्रैल (भाषा) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद कश्मीर में सुरक्षा स्थिति का जायजा लेने के लिए मंगलवार शाम श्रीनगर पहुंचे। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
इस हमले में 26 लोगों की मौत हो गई।
शाह, पर्यटकों पर हुए हमले के कुछ घंटे बाद श्रीनगर पहुंचे और हवाई अड्डे से सीधे राजभवन पहुंचे।
जम्मू-कश्मीर पुलिस के महानिदेशक नलिन प्रभात ने गृह मंत्री के आगमन पर उन्हें जानकारी दी। इस समय उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन और गुप्तचर ब्यूरो के निदेशक तपन डेका मौजूद थे।
उसके बाद, शाह ने सेना, सीआरपीएफ और पुलिस सहित सुरक्षा अधिकारियों की एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की।
एक प्रवक्ता ने बताया, ‘‘केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पहलगाम में पर्यटकों पर आतंकवादी हमले के मद्देनजर श्रीनगर में एक उच्च स्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की।’’
आतंकवादियों ने मंगलवार दोपहर को कश्मीर के पहलगाम शहर के एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल में गोलीबारी की, जिसमें 26 लोगों की मौत हो गयी। आतंकी हमले में मारे गये लोगों में ज्यादातर पर्यटक थे। यह हमला 2019 के पुलवामा हमले के बाद घाटी में सबसे घातक हमला बताया जा रहा है।
एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने विस्तृत जानकारी दिए बिना बताया कि मृतकों में दो विदेशी और दो स्थानीय लोग शामिल हैं।
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस आतंकी हमले को ‘हाल के वर्षों में आम लोगों पर हुए किसी भी हमले से कहीं बड़ा’ हमला बताया।
पहलगाम शहर से लगभग छह किलोमीटर दूर बैसरन में घने देवदार के जंगलों और पहाड़ों से घिरा एक विशाल घास का मैदान है तथा पर्यटकों और ‘ट्रेकर्स’ का पसंदीदा स्थल है।
अधिकारियों ने बताया कि हथियारबंद आतंकवादी ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ कहे जाने वाले घास के मैदान में घुस आए और भोजनालयों के आसपास घूम रहे, टट्टू की सवारी कर रहे, पिकनिक मना रहे तथा नजारों का आनंद ले रहे पर्यटकों पर गोलीबारी शुरू कर दी।
पाकिस्तान में स्थित प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के छद्म संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) ने हमले की जिम्मेदारी ली है।
अधिकारियों ने कहा कि यह संभव है कि आतंकवादी समूह जम्मू के किश्तवाड़ से दक्षिण कश्मीर के कोकेरनाग के रास्ते बैसरन तक पहुंचा हो।
भाषा हक जितेंद्र