भारत वैश्विक तेल बाजारों में स्थिरता बढ़ाने के लिए सऊदी अरब के साथ मिलकर काम करेगा
अनुराग रमण
- 23 Apr 2025, 04:26 PM
- Updated: 04:26 PM
(तस्वीरों के साथ)
नयी दिल्ली, 23 अप्रैल (भाषा) भारत ने वैश्विक तेल बाजारों में स्थिरता बढ़ाने और वैश्विक ऊर्जा बाजार को संतुलित करने के लिए सऊदी अरब के साथ मिलकर काम करने पर सहमति जताई है। बुधवार को जारी एक संयुक्त बयान में यह कहा गया।
यह बयान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सऊदी अरब यात्रा के समापन के बाद आया है। प्रधानमंत्री मोदी कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद बीच में ही सऊदी यात्रा समाप्त कर स्वदेश लौट आए हैं। पहलगाम में आतंकवादियों ने 26 लोगों की हत्या कर दी थी, जिनमें से अधिकतर पर्यटक थे।
दोनों देशों ने संयुक्त बयान में कहा, “भारतीय पक्ष ने वैश्विक तेल बाजारों की स्थिरता बढ़ाने और वैश्विक ऊर्जा बाजार की स्थितियों को संतुलित करने के लिए सऊदी अरब के साथ काम करने पर सहमति जताई। उन्होंने वैश्विक बाजारों में सभी ऊर्जा स्रोतों की आपूर्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। वे कच्चे तेल और उसके उत्पादों की आपूर्ति सहित ऊर्जा क्षेत्र के विभिन्न खंडों में सहयोग बढ़ाने के महत्व पर भी सहमत हुए।”
दोनों पक्षों ने हरित और स्वच्छ हाइड्रोजन के क्षेत्र में सहयोग के महत्व पर जो दिया, जिसमें मांग को प्रोत्साहित करना, हाइड्रोजन परिवहन और भंडारण प्रौद्योगिकियों का विकास करना, सर्वोत्तम गतिविधियों को लागू करने के लिए विशेषज्ञता और अनुभवों का आदान-प्रदान करना शामिल है।
बयान के अनुसार, “दोनों पक्षों ने ऊर्जा क्षेत्र से जुड़ी आपूर्ति शृंखलाओं और परियोजनाओं को विकसित करने, कंपनियों के बीच सहयोग बढ़ाने, ऊर्जा दक्षता के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने और इमारतों, उद्योग और परिवहन क्षेत्रों में ऊर्जा की खपत को तर्कसंगत बनाने तथा इसके महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने पर काम करने की आवश्यकता को भी स्वीकार किया।”
जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर, दोनों पक्षों ने ‘जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन और ‘पेरिस समझौते’ के सिद्धांतों का पालन करने के महत्व की फिर से पुष्टि की तथा उत्सर्जन पर ध्यान केंद्रित करते हुए जलवायु समझौतों को विकसित करने और लागू करने की आवश्यकता दोहरायी।
संयुक्त बयान के अनुसार, “भारतीय पक्ष ने सऊदी अरब द्वारा ‘सऊदी हरित पहल’ और ‘पश्चिम-एशिया हरित पहल’ की शुरुआत की सराहना की और जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में सऊदी अरब के प्रयासों के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया।”
यह मोदी की सऊदी अरब की तीसरी यात्रा थी। इससे पहले ‘क्राउन प्रिंस’ मोहम्मद बिन सलमान सितंबर, 2023 में जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने और भारत-सऊदी अरब रणनीतिक साझेदारी परिषद की पहली बैठक की सह-अध्यक्षता करने के लिए भारत आए थे।
दोनों पक्षों ने कृत्रिम मेधा (एआई), साइबर सुरक्षा, सेमीकंडक्टर आदि नए और उभरते क्षेत्रों सहित प्रौद्योगिकी में सहयोग के महत्व को रेखांकित किया। डिजिटल शासन के महत्व का जिक्र करते हुए, दोनों पक्ष इस क्षेत्र में सहयोग की संभावना तलाशने पर सहमत हुए।
बयान में कहा गया, “उन्होंने नियामक और डिजिटल क्षेत्रों में सहयोग के लिए भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) और सऊदी अरब के संचार, अंतरिक्ष और प्रौद्योगिकी आयोग के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर होने पर भी संतोष व्यक्त किया।”
संयुक्त बयान में कहा गया, “दोनों पक्षों ने क्षमता निर्माण और पर्यावरण अनुकूल पर्यटन के माध्यम से पर्यटन में सहयोग बढ़ाने पर भी सहमति जताई। उन्होंने मीडिया, मनोरंजन और खेल में विभिन्न अवसरों के विस्तार पर भी ध्यान दिया, जिसे दोनों देशों के बीच मजबूत लोगों के आपसी संबंधों से समर्थन मिला है।”
दोनों पक्षों ने यमन संकट का व्यापक राजनीतिक समाधान निकालने के लिए किए जा रहे अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय प्रयासों के प्रति अपना पूर्ण समर्थन व्यक्त किया।
बयान में कहा गया, “दोनों पक्षों ने ‘समुद्री कानून पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन’ (यूएनसीएलओएस) के अनुरूप जलमार्गों की सुरक्षा तथा नौवहन की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के तरीकों को बढ़ावा देने के लिए सहयोग के महत्व पर भी सहमति व्यक्त की।”
भाषा अनुराग