जम्मू कश्मीर: बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित रामबन में किया गया पहलगाम हमले के विरोध में प्रदर्शन
यासिर माधव
- 23 Apr 2025, 04:36 PM
- Updated: 04:36 PM
रामबन (जम्मू कश्मीर), 23 अप्रैल (भाषा) विनाशकारी बाढ़ और भूस्खलन की कई घटनाओं से प्रभावित होने के बावजूद जम्मू कश्मीर के रामबन जिले के निवासियों ने बुधवार को पूर्ण बंद रखा और पहलगाम आतंकवादी हमले की निंदा करते हुए शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया।
इस हमले में 26 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए, मारे गए लोगों में ज्यादातर पर्यटक हैं।
जम्मू - श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे बसे इस कस्बे के इतिहास में संभवतः पहली बार मुस्लिम और हिंदू समुदायों द्वारा संयुक्त रूप से विरोध प्रदर्शन किया गया, जिसका नेतृत्व इस्लामी विद्वानों ने किया। उन्होंने पिछले 35 वर्षों से अधिक समय से इस क्षेत्र में खतरे को मिटाने के लिए पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की मांग की।
बौली बाजार की जामिया मस्जिद के इमाम गुल मोहम्मद फारूकी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हम पहले से ही कुदरत की मार से जूझ रहे हैं और अब इस मूर्खतापूर्ण हमले ने हमारे घाव को और गहरा कर दिया है। हम इस कृत्य की निंदा करते हैं, जो इस्लाम की शिक्षाओं के खिलाफ है।’’
इस हमले से पूरे जम्मू कश्मीर में आक्रोश फैल गया है, जबकि अब भी विनाश की विभीषिका से जूझ रहे रामबन में और अधिक दर्द महसूस किया गया।
अधिकारियों ने बताया कि भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ के कारण दो नाबालिग भाई-बहनों सहित तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि नुकसान का आकलन करने के लिए गठित समिति ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट सौंप दी है, जिसमें 10 हजार पशु हानि के अलावा लगभग 350 आवासीय घरों, 150 वाणिज्यिक संरचनाओं और कई सड़कों को नुकसान पहुंचने की बात कही गई है।
भूस्खलन प्रभावित जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पिछले तीन दिनों से बंद रहने के बाद बुधवार को एकतरफा यातायात के लिए फिर से खोल दिया गया।
हमले के दोषियों को कड़ी सजा देने का आह्वान करते हुए इमाम ने कहा कि जम्मू कश्मीर में आतंकवाद को समर्थन देने वाले पड़ोसी देश को नष्ट करके उचित बदला लेने का समय आ गया है।
मैत्रा स्थित जामिया मस्जिद में इमाम अली हसन ने कहा, ‘‘हम देश की पूरी ताकत का इस्तेमाल उस दुश्मन के खिलाफ करना चाहते हैं जो 1947 से ही बार-बार खून बहाता आ रहा है। हम कब तक पीड़ित रहेंगे? यह हमला बर्बर और निंदनीय है, क्योंकि लोगों को उनके बच्चों और पत्नियों के सामने मार दिया गया। उन्होंने न केवल निर्दोष लोगों को मारा है, बल्कि हमारी अर्थव्यवस्था को भी नुकसान पहुंचाया है।’’
उन्होंने कहा कि यह जिहाद नहीं बल्कि आतंकवाद है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने आए निर्दोष लोगों को निशाना बनाया गया है।
कैफेटेरिया मोड़ मस्जिद के मुफ्ती नजीर ने कहा कि यह हमला शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ने और सांप्रदायिक सद्भाव को नुकसान पहुंचाने के लिए किया गया था।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व विधायक नीलम कुमार लांगेह ने कहा कि निर्दोष लोगों की हत्या से पूरे देश में गहरी पीड़ा पहुंची है और उन्होंने निर्दोष लोगों की हत्या का बदला लेने के लिए नियंत्रण रेखा के पार ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ का समर्थन किया।
कश्मीर घाटी के प्रवेशद्वार बनिहाल कस्बे सहित पूरे जिले में पूर्ण बंद रहा।
व्यापार मंडल के अध्यक्ष शादाब वानी, केंद्रीय जामिया मस्जिद के इमाम मौलवी नजीर अहमद और नागरिक समाज के सदस्य अब्दुल गनी तांत्रे ने बनिहाल शहर में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया।
भाषा यासिर