पहलगाम आतंकी हमला: देशभर में शोक के बीच निकाले गये कैंडल मार्च और लोगों ने किया प्रदर्शन
जितेंद्र खारी
- 23 Apr 2025, 11:13 PM
- Updated: 11:13 PM
नयी दिल्ली/कोलकाता/मुंबई/रांची/श्रीनगर, 23 अप्रैल (भाषा) जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए घातक आतंकी हमले में 26 लोगों के मारे जाने के एक दिन बाद देशभर में सभी वर्गों के लोगों ने बुधवार को जगह-जगह कैंडल मार्च निकाला और विरोध-प्रदर्शन कर पीड़ितों के साथ एकजुटता व्यक्त की।
दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) ने जंतर-मंतर पर मोमबत्ती जलाकर हमले में जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि की।
पार्टी की दिल्ली इकाई के प्रमुख सौरभ भारद्वाज ने 2019 में पुलवामा हमले के बाद कश्मीर घाटी में हुए सबसे घातक आतंकी हमले की निंदा की।
भारद्वाज ने कहा, “आतंकवादियों ने पहले कभी कश्मीर में पर्यटकों पर हमला नहीं किया। यह पहली बार है जब ऐसी घटना हुई है। जान गंवाने वाले सभी लोग निर्दोष थे। पूरा देश शोक में है। सरकार को अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।”
कांग्रेस की युवा शाखा ने रायसीना रोड स्थित अपने कार्यालय में ‘कैंडल मार्च’ निकाला।
राष्ट्रीय राजधानी के कई व्यापारी संघों ने भी आतंकी हमले की निंदा की और अपनी बांहों पर काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया।
संघों ने 25 अप्रैल को दिल्ली बंद की घोषणा करते हुए ‘कैंडल मार्च’ निकाला। व्यापार संगठनों ने पहलगाम आतंकी हमले के विरोध में और हमले के पीड़ितों के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए 25 अप्रैल को दिल्ली बंद का आह्वान किया।
दिल्ली व्यापार महासंघ ने शांतिपूर्ण क्षेत्र कहे जाने वाले बैसरन इलाके में निर्दोष पर्यटकों की हत्या पर गहरा दुख और गुस्सा व्यक्त किया।
महाराष्ट्र में कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने बुधवार को आरोप लगाया कि पहलगाम आतंकी हमला खुफिया एजेंसियों की विफलता है और उन्होंने सरकार से जवाब मांगा।
वडेट्टीवार, आतंकवादी हमले की निंदा करने के लिए मध्य मुंबई के दादर में कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई द्वारा आयोजित विरोध मार्च को संबोधित कर रहे थे।
वडेट्टीवार ने कहा, “खुफिया एजेंसियां इतने बड़े हमले का पता लगाने में कैसे विफल रहीं? यह सुरक्षा तंत्र की ओर से गंभीर चूक है। पर्यटकों के आसपास कोई सुरक्षा तैनात नहीं थी। सरकार को इसका जवाब देना चाहिए और आतंकवादियों का सफाया सुनिश्चित करना चाहिए।”
विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले कांग्रेस की प्रदेश इकाई के प्रमुख हर्षवर्धन सपकाल ने हमले के लिए जिम्मेदार पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
वहीं, पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता शुभेंदु अधिकारी के नेतृत्व में सैकड़ों समर्थकों ने बुधवार को शहर के बीचों-बीच रैली निकाली और कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की निंदा की।
मध्य कोलकाता में एक किलोमीटर की दूरी तय कर यह रैली एस्प्लेनेड पर समाप्त हुई।
अधिकारी ने मार्च के समाप्त होने के बाद कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार पाकिस्तान प्रायोजित अपराधियों को मुंहतोड़ जवाब देगी।
उन्होंने कहा, “हमारी सरकार उन लोगों को नहीं छोड़ेगी, जिनके हाथों से ज्यादातर हिंदू लोगों का खून हुआ है। अपनी छुट्टियों का आनंद ले रहे निर्दोष पर्यटक अचानक अपनी धार्मिक पहचान के कारण गोलियों का शिकार हो गए। हम उन लोगों को उसी भाषा में जवाब देंगे जिसमें वे समझते हैं।”
झारखंड में भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले के विरोध में बुधवार को रांची में मशाल जुलूस निकाला।
यह जुलूस रांची के जयपाल सिंह स्टेडियम से निकाला गया, जिसमें ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ और ‘हिंदू नरसंहार बंद करो’ जैसे नारे लगाए गए।
रैली शहर के अल्बर्ट एक्का चौक पर समाप्त हुई।
मरांडी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा, “निर्दोष हिंदुओं को उनका धर्म पूछकर गोली मारी गई। इससे ज्यादा भयानक और भयावह कुछ नहीं हो सकता। सिर्फ अपराधियों को मार देने से काम नहीं चलेगा। हमें आतंकवाद के सरगना और उनके ठिकानों को नष्ट करना होगा।”
उन्होंने कहा कि देश में शांति लाने के लिए पाकिस्तान को सबक सिखाने का समय आ गया है।
इससे पहले कांग्रेस की झारखंड इकाई ने आतंकी हमले की निंदा की और इसे मानवता पर हमला करार दिया।
जम्मू-कश्मीर में बुधवार को आतंकवादियों के खिलाफ राजनीतिक दलों, व्यापारिक संगठनों और सामाजिक-धार्मिक संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया।
कश्मीरी लोग अपना दुख व्यक्त करने और निर्दोष नागरिकों के नरसंहार की निंदा करने के लिए शहरों व गांवों में सड़कों पर उतर आए।
केंद्र शासित प्रदेश के पुलवामा में वर्ष 2019 में हुए हमले के बाद घाटी में हुए इस सबसे घातक आतंकी हमले की सभी राजनीतिक दलों ने विचारधाराओं से ऊपर उठकर निंदा की।
प्रतिष्ठित घंटाघर प्रदर्शनों का केंद्र बन गया।
नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) समेत राजनीतिक दलों ने अपने-अपने कार्यालयों से विरोध मार्च निकाला, जिसका समापन लाल चौक के ऐतिहासिक चौराहे पर हुआ।
विभिन्न व्यापार और नागरिक समाज समूहों ने भी पहलगाम के बैसरन में हुए आतंकी हमले के विरोध में घंटाघर पर धरना दिया।
जम्मू-कश्मीर में पहलगाम के निकट ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ के नाम से मशहूर पर्यटन स्थल पर मंगलवार को हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हो गयी थी, जिनमें से अधिकतर पर्यटक थे।
पाकिस्तान में स्थित प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के छद्म संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) ने हमले की जिम्मेदारी ली है।
भाषा जितेंद्र