उप्र: ‘भड़काऊ’पोस्ट के आरोप में लोक गायिका नेहा सिंह राठौर के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज
सलीम आनन्द नरेश नोमान
- 28 Apr 2025, 03:51 PM
- Updated: 03:51 PM
लखनऊ, 28 अप्रैल (भाषा) लोक गायिका नेहा सिंह राठौर के खिलाफ राजद्रोह समेत कई गंभीर धाराओं में लखनऊ के हजरतगंज थाने में मामला दर्ज किया गया है। पुलिस सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
इस बीच राठौर ने पलटवार करते हुए सोशल मीडिया पर दावा किया कि सरकार उन पर प्राथमिकी दर्ज करवाकर असली मुद्दों से ध्यान भटकाना चाहती है और कहा कि अगर सवाल पूछना “बगावत” है तो वह “बागी” हैं।
राठौर के खिलाफ दर्ज शिकायत में कहा गया है कि पिछले सप्ताह हुए पहलगाम आतंकी हमले के मद्देनजर एक विशेष धर्म समुदाय को निशाना बनाकर सोशल मीडिया पर उनकी भड़काऊ पोस्ट देश की एकता को नुकसान पहुंचा सकती हैं।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि प्राथमिकी कवि अभय प्रताप सिंह की शिकायत पर दर्ज की गई है।
शिकायतकर्ता अभय प्रताप सिंह ने कहा, ‘‘गायिका एवं कवयित्री नेहा सिंह राठौर ने अपने ‘एक्स’ हैंडल पर पहलगाम आतंकी हमले को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी और सोशल मीडिया मंच पर ऐसे वीडियो और पोस्ट साझा किए जिनका राष्ट्रीय अखंडता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा।’’
पुलिस ने बताया कि शिकायत में राठौर पर धर्म और जाति के आधार पर समुदायों के बीच मतभेद पैदा करने और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने का आरोप लगाया गया है।
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि राठौर ने पहलगाम हमले में निर्दोष लोगों की मौत पर सवाल उठाए और राष्ट्र विरोधी बयान दिए, जिससे शांति और सार्वजनिक व्यवस्था भंग होने की आशंका उत्पन्न हुई।
शिकायतकर्ता के हवाले से कहा गया है कि गायिका के बयान पाकिस्तान में सोशल मीडिया पर वायरल हो गए हैं, जहां मीडिया द्वारा उनका इस्तेमाल भारत विरोधी प्रचार के लिए किया जा रहा है।
शिकायत के आधार पर हजरतगंज पुलिस ने बताया कि लोक गायिका के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के तहत कई आरोपों में मामला दर्ज किया गया है, जिसमें सांप्रदायिक दुश्मनी को बढ़ावा देने, सार्वजनिक शांति को भंग करने और भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने का प्रयास करना शामिल है।
साथ ही, उन पर सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम के तहत भी मामला दर्ज किया गया है।
बीएनएस में स्पष्ट रूप से राजद्रोह का उल्लेख नहीं किया गया है, जैसा कि औपनिवेशिक युग के भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए में इसका उल्लेख था, लेकिन नयी आपराधिक संहिता की धारा 152 देश की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने के समान आरोपों से निपटती है।
प्राथमिकी दर्ज होने के बाद राठौर ने फेसबुक और ‘एक्स’ पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, “पहलगाम हमले के जवाब में अब तक सरकार ने क्या किया है? मेरे ऊपर प्राथमिकी दर्ज कराई है? सरकार मेरे ऊपर प्राथमिकी दर्ज करवाकर असली मुद्दों से ध्यान भटकाना चाहती है।”
उन्होंने चुनौती देते हुए कहा “अरे दम है तो जाइये…आतंकवादियों के सिर लेकर आइये!”
राठौर ने यह भी दावा किया “अगर सत्ता से सवाल पूछना बग़ावत है तो हाँ…मैं बाग़ी हूं।”
उन्होंने तंज कसा “अपनी नाकामी का ठीकरा मेरे कपार मढ़ने की कोई ज़रूरत नहीं है।”
राठौर ने कहा, “जैसे लोकतंत्र में एक-एक वोट ज़रूरी होता है, वैसे ही एक-एक सवाल भी ज़रूरी होता है…और सरकार को सारी दिक़्क़त मेरे सवालों से है…इसीलिए वो मुझे सवाल पूछने से रोकना चाहते हैं।”
उन्होंने कहा, “असली सवाल ये है कि पहलगाम हमले के जवाब में आपने अब तक क्या किया? कितने आतंकवादियों के सिर लेकर आये आप? देश ने आपको पाकिस्तान जाकर बिरयानी खाने के लिए चुना था क्या? है कोई जवाब! दरअसल नहीं है।”
राठौर ने सवाल उठाते हुए कहा कि बस हर सवाल के जवाब में नोटिस भेज दो, प्राथमिकी दर्ज करवा दो, गालियां दिलवा दो, नौकरी छीन लो, अपमानित कर दो और डरा दो।
गायिका ने कहा, “इसे आप राजनीति कहते हैं? अगर ये राजनीति है तो तानाशाही क्या है फिर?”
राठौर ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा “मैं इस देश की जनता से पूछना चाहती हूं…क्या यही पाने के लिए आपने वोट दिया था कि सवाल पूछने पर आपको देशद्रोही और ग़द्दार कह दिया जाये? भाजपा देश नहीं है…और प्रधानमंत्री भगवान नहीं है।”
उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि लोकतंत्र में आलोचना तो होगी और सवाल भी पूछे जाएंगे।
राठौर ने कहा, “मेरे सवालों से इतनी दिक़्क़त है तो सत्ता छोड़कर विपक्ष में आ जाइये…तब नहीं पूछूंगी कोई सवाल।”
भाषा सलीम आनन्द नरेश