विजयन के शीर्ष सहयोगी ने तिरुवनंतपुरम, कोल्लम और मुंबई में संपत्तियां जुटाईं : सीबीआई प्राथमिकी
रंजन दिलीप
- 28 Apr 2025, 04:33 PM
- Updated: 04:33 PM
तिरुवनंतपुरम, 28 अप्रैल (भाषा) केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने केरल के मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव और केआईआईएफबी के सीईओ के एम अब्राहम के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में प्राथमिकी दर्ज की है और दावा किया कि उन्होंने तीन शहरों में संपत्ति अर्जित की है।
प्राथमिकी के अनुसार, आरोपी के अर्जित आय से अधिक संपत्ति में तिरुवनंतपुरम जिले के थाइकौड गांव में एक करोड़ रुपये का अपार्टमेंट, मुंबई के कोहिनूर सिटी में तीन करोड़ रुपये का अपार्टमेंट और कोल्लम जिले के कडप्पाकड़ा में आठ करोड़ रुपये का शॉपिंग कॉम्प्लेक्स शामिल है।
सीबीआई ने कहा कि आय से अधिक संपत्ति के बारे में जानकारी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की 13(2) को धारा 13(1)(ई) के साथ पढ़ने पर संज्ञेय अपराध का खुलासा होता है
भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 13(2) को धारा 13(1)(ई) के साथ पढ़ने पर लोक सेवक द्वारा आपराधिक कदाचार के अपराध और उसके लिए दंड का उल्लेख मिलता है।
विशेष रूप से, धारा 13(1)(ई) उन मामलों से संबंधित है, जिसमें किसी लोक सेवक के पास उसकी आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति पाया गया है, जबकि धारा 13(2) में ऐसे कदाचार के लिए जुर्माने के साथ-साथ न्यूनतम एक वर्ष के कारावास की सजा का प्रावधान है।
केरल उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद सीबीआई ने अब्राहम के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की। मामले की जांच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एसीबी कोचीन) के नेतृत्व वाली सीबीआई टीम कर रही है।
प्राथमिकी का ब्योरा सामने आने के बाद, कांग्रेस ने सोमवार को अब्राहम को केरल के मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव और केआईआईएफबी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) पद से हटाने की मांग तेज कर दी।
कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) के सदस्य और पार्टी के वरिष्ठ नेता रमेश चेन्निथला ने आरोप लगाया कि अब्राहम के खिलाफ सीबीआई की प्राथमिकी ने निर्विवाद रूप से साबित कर दिया है कि मुख्यमंत्री पिनराई विजयन का कार्यालय केरल में भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा अड्डा है।
कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि अदालत को प्रथम दृष्टया सबूत मिले हैं कि अब्राहम ने अपनी आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित की है।
सोने की तस्करी के मामले में गिरफ्तार किए गए पूर्व प्रधान सचिव एम शिवशंकर के खिलाफ आरोपों का जिक्र करते हुए चेन्निथला ने कहा कि मुख्यमंत्री कार्यालय में बैठे लोगों की स्थिति अब वैसी ही है, जैसे गलत कृत्य करते रंगे हाथ पकड़े जाने वालों की होती है।
चेन्निथला ने आरोप लगाया कि सोने की तस्करी, अवैध नियुक्तियों, अनधिकृत अनुबंधों और मासिक रिश्वत के कारण पिनराई विजयन का कार्यालय अब केरल के इतिहास का सबसे भ्रष्ट कार्यालय बन गया है।
कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य के आरोपों पर मुख्यमंत्री कार्यालय ने फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
भाषा रंजन