साइबर हमलों में एआई का इस्तेमाल बढ़ा, सुरक्षा रणनीति पर पुनर्विचार जरूरीः कैस्परस्की
प्रेम प्रेम रमण
- 28 Apr 2025, 06:59 PM
- Updated: 06:59 PM
(तस्वीर के साथ)
सिंगापुर, 28 अप्रैल (भाषा) साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ यूजीन कैस्परस्की ने आगाह किया है कि साइबर अपराधी कृत्रिम मेधा (एआई) की क्षमताओं का इतना तेजी से इस्तेमाल कर रहे हैं कि साइबर सुरक्षा में लगे लोग उनसे पीछे रह जा रहे हैं।
इसके साथ ही कैस्परस्की ने डिजिटल सुरक्षा रणनीतियों पर मौलिक रूप से पुनर्विचार करने का आग्रह किया है।
वैश्विक साइबर सुरक्षा कंपनी कैस्परस्की के संस्थापक यूजीन कैस्परस्की ने पीटीआई-भाषा से विशेष बातचीत में कहा कि साइबर अपराधी न केवल हमलों को स्वचालित करने के लिए एआई का उपयोग कर रहे हैं, बल्कि अभूतपूर्व सहयोग और तत्परता दिखाते हुए बचाव करने वालों से आगे निकल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि डीपफेक और एआई-संचालित सोशल इंजीनियरिंग अब इतने उन्नत हो गए हैं कि किसी भी कॉलर पर भरोसा करना मुश्किल है।
उन्होंने कहा, "एआई बुरे लोगों के हाथों में है। और असलियत यह है कि वे इसका अधिक से अधिक इस्तेमाल कर रहे हैं।"
कैस्परस्की ने वर्तमान समय को 'साइबर विध्वंस का युग' बताते हुए कहा कि भौतिक और डिजिटल बुनियादी ढांचे पर हमले अब रोजमर्रा की बात हैं।
उन्होंने कहा, "यह भविष्य की बात नहीं है, असलियत है। साइबर विध्वंस और आतंकवाद अब नियमित रूप से महत्वपूर्ण प्रणालियों को पंगु बना रहे हैं या नष्ट कर रहे हैं और ये घटनाएं शायद ही सुर्खियां बनती हैं।"
कैस्परस्की ने भू-राजनीतिक विभाजन के कारण साइबर जगत के खंडित होने और साइबर अपराध के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय सहयोग में बाधा आने पर चिंता व्यक्त की।
उन्होंने कहा, "साइबर जगत में कोई सीमा नहीं है। इसलिए, दुर्भाग्य से, बुरे लोग कहीं भी, किसी भी पीड़ित पर हमला करने के लिए स्वतंत्र महसूस करते हैं... कई देशों के बीच अब कोई सहयोग नहीं है। दुर्भाग्य से यही हकीकत है।"
कैस्परस्की ने कहा कि पेशेवर हैकर परिष्कृत हमलावर कोड विकसित करने और हमलों को अनुकूलित करने के लिए एआई का इस्तेमाल कर रहे हैं। वहीं, साइबर सुरक्षा कंपनियां ग्राहकों की सुरक्षा के लिए एआई का इस्तेमाल विसंगतियों का पता लगाने और फर्जी कोड के विश्लेषण में कर रही हैं। ऐसे में चुनौती लगातार विरोधियों से आगे रहने की है।
कैस्परस्की ने साइबर हमले से बचाव करने वालों को नए मानक अपनाने, लचीलेपन को प्राथमिकता देने और एआई-संचालित हमलों के लिए तैयार रहने का सुझाव दिया। उन्होंने आपूर्ति श्रृंखलाओं को सुरक्षित करने के बढ़ते महत्व पर भी जोर दिया, क्योंकि हमलावर इनका तेजी से शोषण कर रहे हैं।
तेजी से बदलते खतरे के परिदृश्य के जवाब में कैस्परस्की ने पारंपरिक सुरक्षा मॉडल से 'साइबर प्रतिरक्षा प्रणाली' में बदलाव की वकालत की।
भाषा प्रेम प्रेम