सुधाकरन को भरोसा, कांग्रेस उन्हें प्रदेश अध्यक्ष पद से नहीं हटाएगी
आशीष सुरेश
- 04 May 2025, 04:49 PM
- Updated: 04:49 PM
तिरुवनंतपुरम, चार मई (भाषा) केरल में कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व में बदलाव की चर्चा के बीच प्रदेश अध्यक्ष के. सुधाकरन ने रविवार को विश्वास जताया कि पार्टी आलाकमान उन्हें पद छोड़ने के लिए नहीं कहेगा।
सुधाकरन ने एक टीवी चैनल से कहा, ‘‘यह पार्टी आलाकमान पर निर्भर करता है कि मुझे पद छोड़ना चाहिए या नहीं। मेरा मानना है कि उन्होंने (आलाकमान ने) ऐसा कोई फैसला नहीं लिया है। पार्टी और नेतृत्व पर मेरा यही भरोसा है।’’
सुधाकरन ने पिछले दिनों दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पार्टी नेता राहुल गांधी से मुलाकात की थी। सुधाकरन ने कहा कि 90 मिनट की बैठक के दौरान इस बात का जरा भी संकेत नहीं मिला कि केरल प्रदेश अध्यक्ष के पद में फेरबदल होगा।
सुधाकरन ने आरोप लगाया कि पार्टी की प्रदेश इकाई में कुछ ‘परेशान करने वाले लोग’ यह दुष्प्रचार कर रहे हैं कि उनका स्वास्थ्य खराब है और वह पार्टी मुख्यालय में सक्रिय नहीं हैं।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘अगर मुझे कोई स्वास्थ्य समस्या है, तो मैं जानता हूं कि उसका इलाज कैसे कराना है। पार्टी में कुछ लोग गैर-मौजूद स्वास्थ्य समस्याओं का हवाला देकर मुझे दरकिनार करने की कोशिश कर रहे हैं।’’
सुधाकरन (76) ने कहा कि पार्टी में पद संभालने के लिए उम्र नहीं, बल्कि दक्षता को मानदंड बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘मुझसे उम्र में कई बड़े लोग केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) प्रमुख के पद पर रह चुके हैं।’’
हालांकि, सुधाकरन ने कहा कि अगर पार्टी उनसे पद छोड़ने के लिए कहती है, तो वे खुशी-खुशी ऐसा करेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘अगर पार्टी मुझे इस्तीफा के लिए कहती है, तो मैं मुस्कुराते हुए अपना (इस्तीफा) पत्र सौंप दूंगा।’’
ऐसी चर्चा है कि नीलांबुर विधानसभा क्षेत्र के आगामी उपचुनाव और उसके बाद स्थानीय निकायों के चुनावों से पहले केपीसीसी नेतृत्व में फेरबदल किया जाएगा। उनके संभावित उत्तराधिकारियों के नाम भी चर्चा में हैं, जिनमें सांसद एंटो एंटनी और विधायक सनी जोसेफ का नाम शामिल है।
इस बीच, केपीसीसी के पूर्व अध्यक्ष के. मुरलीधरन ने सुधाकरन के संभावित उत्तराधिकारियों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि यह पद ऐसे व्यक्ति को मिलना चाहिए जिसकी तस्वीर से लोग उसे पहचान सकें। मुरलीधरन ने सुधाकरन के पद पर बने रहने का समर्थन किया है।
कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) के सदस्य शशि थरूर ने भी कहा है कि फिलहाल प्रदेश अध्यक्ष पद पर बदलाव की कोई आवश्यकता नहीं है।
भाषा आशीष