भाजपा ने मोदी की सराहना की, कहा: भारत ने पाकिस्तान को कूटनीतिक रूप से अलग-थलग कर दिया
देवेंद्र दिलीप
- 11 May 2025, 08:36 PM
- Updated: 08:36 PM
नयी दिल्ली, 11 मई (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्णायक नेतृत्व में भारत ने पाकिस्तान के साथ संबंधों के नियमों को फिर से लिखा है। साथ ही उसने कांग्रेस पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली सरकार ने 1971 के युद्ध के बाद कोई रणनीतिक लाभ हासिल किए बिना 90,000 से अधिक युद्धबंदियों को रिहा कर दिया था।
सत्तारूढ़ पार्टी की यह टिप्पणी भारत और पाकिस्तान के बीच शनिवार को चार दिन तक सीमा पार से ड्रोन और मिसाइल हमलों के बाद तत्काल प्रभाव से जमीन, हवा और समुद्र में सभी प्रकार की गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई को रोकने के लिए बनी सहमति के बाद आई है।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि पाकिस्तान ने ‘‘विनाशकारी नुकसान’’ झेलने के बाद ‘‘सहमति बनाने की गुहार’’ लगाई।
उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्णायक नेतृत्व में केवल 72 घंटे में भारत ने पाकिस्तान के साथ संबंधों के नियमों को पुन: लिख दिया है।’’
भंडारी ने कहा कि भारत ने रणनीतिक संकल्प के साथ पाकिस्तान की "परमाणु धमकी" को चुनौती दी, लाहौर से रावलपिंडी तक पाकिस्तान के सैन्य क्षेत्रों के भीतर गहराई तक हमला किया और मुरीदके व बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी ठिकानों को नष्ट कर दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘एक स्पष्ट संदेश दिया गया है: पाकिस्तान की एक इंच जमीन भी भारत की पहुंच से बाहर नहीं है। सिंधु जल संधि को निलंबित कर पाकिस्तान को आर्थिक रूप से पंगु बना दिया गया है।’’
उन्होंने कहा कि भारत ने वैश्विक स्तर पर पाकिस्तान के आतंकवादी तंत्र को उजागर करके उसे कूटनीतिक रूप से अलग-थलग कर दिया है।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा, ‘‘ऐसे युग में जब रूस-यूक्रेन से लेकर अमेरिका-तालिबान तक के पारंपरिक युद्ध रणनीतिक लक्ष्य हासिल करने में विफल रहे, प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने ‘चाणक्य नीति’ अपनाई...।’’
उन्होंने कहा,‘‘यह रणनीतिक संयम नहीं है। यह रणनीतिक प्रभुत्व है और पाकिस्तानी आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई खत्म नहीं हुई है।’’
भंडारी ने ‘एक्स’ पर एक अन्य पोस्ट में आरोप लगाया कि इंदिरा गांधी सरकार ने 1971 में पाकिस्तान के साथ युद्ध के बाद मास्को और वाशिंगटन के दबाव में शिमला समझौते पर हस्ताक्षर किए थे और एक भी रणनीतिक लाभ हासिल किए बिना 90,000 से अधिक युद्धबंदियों को रिहा कर दिया था।
भंडारी ने आरोप लगाया कि भारत के हितों को सुरक्षित किए बिना आत्मसमर्पण करना कांग्रेस के डीएनए में शामिल है।
भाजपा प्रवक्ता ने एक वीडियो क्लिप भी पोस्ट की, जिसमें कथित तौर पर फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और शिमला समझौते पर हस्ताक्षर करने के उनके फैसले पर टिप्पणी करते नजर आ रहे हैं।
भाजपा आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने भी कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘2025, 1971 नहीं है।’’
उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लिखा, ‘‘1971 में, स्थानीय आबादी ‘जो अब बांग्लादेश है’ सक्रिय रूप से पाकिस्तान का विरोध कर रही थी और भारत को जमीनी स्तर पर मजबूत समर्थन प्राप्त था। 2025 में ऐसी स्थिति नहीं है।’’
मालवीय ने कहा, ‘‘मौजूदा समय में कठिन परिस्थितियों के बावजूद भारत ने सफलतापूर्वक आतंकी शिविरों को निशाना बनाया है और आतंकवाद को प्रायोजित करने वालों के जीवन में खलल डाला है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘1971 के विपरीत, आज पाकिस्तान के पास परमाणु हथियार हैं। फिर भी, भारत शायद एकमात्र ऐसा देश है, जिसने परमाणु हथियार संपन्न देश की सीमा में अंदर तक और बार-बार कार्रवाई की है।’’
भाषा
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