अरुणाचल प्रदेश में स्थानों का नाम बदलने के चीन के प्रयास ‘‘व्यर्थ एवं बेतुके’’ : भारत
सिम्मी मनीषा
- 14 May 2025, 01:26 PM
- Updated: 01:26 PM
नयी दिल्ली, 14 मई (भाषा) भारत ने अरुणाचल प्रदेश में कुछ स्थानों के नाम बदलने की चीन की कोशिशों को ‘‘व्यर्थ एवं बेतुकी’’ बताकर सिरे से खारिज करते हुए बुधवार को कहा कि इस तरह के प्रयासों से यह ‘‘निर्विवाद’’ सच्चाई नहीं बदलेगी कि यह राज्य ‘‘भारत का अभिन्न अंग था, है और रहेगा।’’
भारत ने अरुणाचल प्रदेश के कुछ स्थानों के लिए चीन द्वारा उसके नामों की घोषणा किए जाने पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए यह टिप्पणी की है। चीन दावा करता है कि अरुणाचल प्रदेश तिब्बत का दक्षिणी भाग है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, ‘‘हमने देखा है कि चीन ने भारत के राज्य अरुणाचल प्रदेश में स्थानों का नाम बदलने के व्यर्थ और बेतुके प्रयास किए हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम इस तरह के प्रयासों को अपने सैद्धांतिक रुख के अनुरूप स्पष्ट रूप से अस्वीकार करते हैं।’’
जायसवाल ने इस मुद्दे पर मीडिया के सवाल का जवाब देते हुए ये टिप्पणियां कीं।
उन्होंने कहा, ‘‘नए नाम रखने से यह निर्विवाद वास्तविकता नहीं बदलेगी कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न एवं अविभाज्य अंग था, है और हमेशा रहेगा।’’
पिछले वर्ष अप्रैल में भी जब चीन ने अरुणाचल प्रदेश के 30 स्थानों के ‘‘मानकीकृत नामों’’ की सूची जारी की थी तब भी भारत ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी।
चीनी नागरिक मामलों के मंत्रालय ने ‘‘जंगनान’’ में छह स्थानों के ‘‘मानकीकृत नामों’’ की पहली सूची 2017 में जारी की थी, जबकि 15 स्थानों की दूसरी सूची 2021 में जारी की गई थी। इसके बाद 2023 में 11 स्थानों के नामों के साथ एक और सूची जारी की गई थी।
चीन ने अरुणाचल प्रदेश के स्थानों के नामों की नयी सूची जारी करने का निर्णय ऐसे समय में लिया है जब दोनों देश पूर्वी लद्दाख सीमा गतिरोध से प्रभावित संबंधों को सामान्य बनाने के प्रयास कर रहे हैं।
भारत और चीन ने लगभग पांच वर्षों के अंतराल के बाद पिछले महीने कैलाश मानसरोवर यात्रा को बहाल करने का फैसला किया जिसे संबंध सुधारने के प्रयास के रूप में देखा गया।
कोविड-19 महामारी और उसके बाद पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर दोनों पक्षों के बीच सैन्य गतिरोध के कारण 2020 में मानसरोवर यात्रा स्थगित कर दी गई थी।
भारत और चीन ने पिछले साल 21 अक्टूबर को हुए एक समझौते के तहत डेमचोक और देपसांग में टकराव वाले दो स्थानों से सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया पूरी कर ली थी।
इसके बाद, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने रूसी शहर कजान में वार्ता की तथा विभिन्न द्विपक्षीय वार्ता तंत्रों को बहाल करने पर सहमति व्यक्त की।
मोदी और शी की वार्ता के बाद पिछले कुछ महीनों में दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य बनाने के उद्देश्य से कई बैठकें कीं।
भाषा सिम्मी